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बाढ़ प्रभावित लोगों का सरकार पर आरोप, 'नहीं मिल रहा पर्याप्त राशन'

सरकार की तरफ से बनाए गए टेंटो में रहने वाले बाढ़ प्रभावित महिलाओं का कहना है कि उनको पर्याप्त खाना नहीं दिया जा रहा है. उनके टेंटों में बिजली की सुविधा भी नहीं है. पंखा नहीं है. जिससे उनको काफी गर्मी होती है. जिससे सबसे ज्यादा बच्चों को परेशानी हो रही हैं.

यमुना के उफान से प्रभावित लोग ETV BHARAT
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Published : Aug 22, 2019, 9:10 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के खड्डा कॉलोनी के बाढ़ प्रभावित लोगों का आरोप है कि उनको पर्याप्त मात्रा में खाना नहीं मिल रहा है. वही जो टेंट उनके लिए लगाए गए हैं. उसमें बिजली की सुविधा नहीं है.

दिल्ली में बाढ़ के खतरे को देखते हुए सरकार की ओर से यमुना के तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया था और उनके लिए टेंटो की व्यवस्था की गई थी. साथ ही उन टेंटो में सरकार की ओर से खाने-पीने, बिजली-पानी सहित सभी मूलभूत जरूरतों की पूर्ति की गई थी. लेकिन उस पर अब प्रश्न चिन्ह खड़ा होने लगा है.

बाढ़ प्रभावित महिलाओं का सरकार पर आरोप

टेंट में बिजली और पर्याप्त राशन की सुविधा नहीं
दरअसल, सरकार की तरफ से बनाए गए टेंटो में रहने वाले बाढ़ प्रभावित महिलाओं का कहना है कि उनको जो खाना दिया जा रहा है. वह पर्याप्त नहीं है. चावल के साथ सब्जी कम दी जा रही है. वहीं कुछ महिलाओं का यह भी कहना है कि बच्चों के लिए दूध की व्यवस्था नहीं की गई है.

flood affected people allege that they are not getting enough food in khadda colony
सरकार की तरफ से बनाए गए राहत टेंट
एक ही बार दिन में 1:00 बजे दिन में खाना मिलता है और फिर एक बार रात में और वह भी खाना पर्याप्त नहीं मिलता है. लोगों का ये भी कहना है कि मेडिकल की कोई सुविधा नहीं है. गर्मी की वजह से बच्चों को दिक्कत हो रही है और वह बीमार पड़ रहे हैं.सरकार भले कुछ भी दावे करें लेकिन बाढ़ प्रभावित लोगों का कहना है कि उनको समय पर भोजन नहीं मिल पा रहा है वही उनके बच्चों के लिए दूध की भी व्यवस्था नहीं की गई हैं

नई दिल्ली: दिल्ली के खड्डा कॉलोनी के बाढ़ प्रभावित लोगों का आरोप है कि उनको पर्याप्त मात्रा में खाना नहीं मिल रहा है. वही जो टेंट उनके लिए लगाए गए हैं. उसमें बिजली की सुविधा नहीं है.

दिल्ली में बाढ़ के खतरे को देखते हुए सरकार की ओर से यमुना के तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया था और उनके लिए टेंटो की व्यवस्था की गई थी. साथ ही उन टेंटो में सरकार की ओर से खाने-पीने, बिजली-पानी सहित सभी मूलभूत जरूरतों की पूर्ति की गई थी. लेकिन उस पर अब प्रश्न चिन्ह खड़ा होने लगा है.

बाढ़ प्रभावित महिलाओं का सरकार पर आरोप

टेंट में बिजली और पर्याप्त राशन की सुविधा नहीं
दरअसल, सरकार की तरफ से बनाए गए टेंटो में रहने वाले बाढ़ प्रभावित महिलाओं का कहना है कि उनको जो खाना दिया जा रहा है. वह पर्याप्त नहीं है. चावल के साथ सब्जी कम दी जा रही है. वहीं कुछ महिलाओं का यह भी कहना है कि बच्चों के लिए दूध की व्यवस्था नहीं की गई है.

flood affected people allege that they are not getting enough food in khadda colony
सरकार की तरफ से बनाए गए राहत टेंट
एक ही बार दिन में 1:00 बजे दिन में खाना मिलता है और फिर एक बार रात में और वह भी खाना पर्याप्त नहीं मिलता है. लोगों का ये भी कहना है कि मेडिकल की कोई सुविधा नहीं है. गर्मी की वजह से बच्चों को दिक्कत हो रही है और वह बीमार पड़ रहे हैं.सरकार भले कुछ भी दावे करें लेकिन बाढ़ प्रभावित लोगों का कहना है कि उनको समय पर भोजन नहीं मिल पा रहा है वही उनके बच्चों के लिए दूध की भी व्यवस्था नहीं की गई हैं
Intro:डेडलाइन - साउथ ईस्ट दिल्ली (खड्डा कॉलोनी )

दिल्ली में बाढ़ के खतरे को देखते हुए यमुना के तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को सरकार द्वारा बनाए गए टेंटों में रखा गया था और उनके लिए सरकार के द्वारा खाने-पीने बिजली पानी सहित सभी मूलभूत जरूरतों की पूर्ति की गई थी लेकिन दिल्ली के खड्डा कॉलोनी के बाढ़ प्रभावित लोगों का आरोप है कि उनको पर्याप्त मात्रा में खाना नहीं मिल रहा है वही जो टेंट उनके लिए लगाए गए हैं उसमें बिजली की सुविधा नहीं है जिससे काफी गर्मी हो रही है।


Body:दिल्ली में बाढ़ के खतरे को देखते हुए सरकार के द्वारा यमुना के तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया था और उनके लिए सरकार द्वारा टेंटो की व्यवस्था की गई थी लेकिन उस पर अब प्रश्न चिन्ह खड़ा होने लगा है दरअसल सरकार द्वारा बनाए गए टेंटो में रहने वाले बाढ़ प्रभावित महिलाओं का कहना है कि उनको जो खाना दिया जा रहा है वह पर्याप्त नहीं है चावल के साथ सब्जी कम दी जा रही है वहीं कुछ महिलाओं का यह भी कहना है कि बच्चों के लिए दूध की व्यवस्था नहीं की गई है एक ही बार दिन में 1:00 बजे दिन में खाना मिलता है और फिर एक बार रात में और वह भी खाना पर्याप्त नहीं मिलता है साथ ही बाढ़ पीड़ितों का आरोप है कि उनके टेंटों में बिजली की सुविधा नहीं है पंखा नहीं है जिससे उनको काफी गर्मी होती है और सबसे ज्यादा परेशान बच्चे होते हैं साथ ही लोगों का कहना है कि मेडिकल की कोई सुविधा नहीं है गर्मी की वजह से बच्चों को दिक्कत हो रही है और वह बीमार पड़ रहे हैं

बाढ़ प्रभावित महिलाओं की बाइट


Conclusion:सरकार भले कुछ भी दावे करें लेकिन बाढ़ प्रभावित लोगों का कहना है कि उनको समय पर भोजन नहीं मिल पा रहा है वही उनके बच्चों के लिए दूध की भी व्यवस्था नहीं की गई हैं
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