नई दिल्ली: यमुना नदी में हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद दिल्ली के हालात बदतर होते जा रहे हैं. यमुना के किनारे बसे कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति है. साउथ ईस्ट दिल्ली में ओखला बैराज कालिंदी कुंज से कुछ दूरी पर बहलोलपुर सराय काले खां में 25 से 30 झुगियां पूरी तरीके से पानी में समा गई हैं. इन झुग्गियों में लगभग डेढ़ से दो सौ लोग अपने मवेशियों के साथ रहकर अपना जीवन यापन करते थे. यमुना नदी के बढ़े जलस्तर ने इन सब के आशियानों को डुबो दिया.
हालांकि डीएम के निर्देश पर इन लोगों के रहने की व्यवस्था एमसीडी सेंट्रल जोन द्वारा सुरक्षित स्थान पर कर दी गई है. जहां ये लोग अपने मवेशियों के साथ रह रहे हैं. मीडिया से बात करते हुए एमसीडी सेंट्रल जोन के डिप्टी हेल्थ ऑफिसर डॉक्टर एनआर तुली ने बताया कि इन सभी लोगों का रहने का इंतजाम किया गया है. हमने इनके मवेशियों को भी साथ रहने की इजाजत दी है.
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हालांकि इंतजाम तो पुख्ता तरीके से कर दिए गए हैं, लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत यहां पर जल-जनित बीमारियों से है. डेंगू-मलेरिया जैसी जैसी बीमारियां लोगों के लिए परेशानी का कारण बन सकते हैं. हालांकि जहां पर पानी जमा है, वहां हमारी टीम पर छिड़काव कर रही है, लगातार फॉगिंग की जा रही है ताकि मच्छरों का लारवा ना बन सके और हमारी टीम निशुल्क क्लोरीन और ओआरएस के पैकेट बांट रही है. लोगों को सुरक्षित रखने के लिए हमारी तरफ से प्रयास किये जा रहे हैं.
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