नई दिल्ली/नोएडा: तुस्याना भूमि घोटाले के मामले (Tusyana land scam) में ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण (Greater Noida Development Authority) के तत्कालीन प्रबंधक कैलाश भाटी की जमानत याचिका को जिला न्यायालय ने खारिज कर (Court rejects Kailash Bhati bail plea) दिया है. मामले की सुनवाई जिला न्यायालय के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डॉ. अनिल कुमार सिंह द्वितीय ने की.
सहायक शासकीय अधिवक्ता धर्मेंद्र जैंत ने बताया कि तुस्याना गांव में हुए सैकड़ों करोड़ रुपये के भूमि घोटाले में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के तत्कालीन प्रबंधक कैलाश भाटी की जमानत याचिका को जिला न्यायालय सूरजपुर में सुनवाई के बाद खारिज कर दिया गया. कैलाश भाटी को भूमि घोटाले में जांच के बाद दो अन्य लोगों के साथ थाना इकोटेक 3 पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जिसके बाद कैलाश भाटी की ओर से जमानत याचिका दाखिल की गई थी. शुक्रवार को कोर्ट में एडिशनल सेशन जज डॉ. अनिल कुमार सिंह ने मामले में सुनवाई करते हुए कैलाश भाटी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया.
यह है मामला: दरअसल, तुस्याना गांव में वर्ष 2014 से लेकर 2017 तक भू-माफियाओं के गठजोड़ ने सरकारी जमीन पर पट्टों का गलत तरीकों से क्रय-विक्रय किया गया. आरोप है कि भू-माफियाओं ने मुआवजा उठाने के साथ भूखंडों का आवंटन भी कराया. मामले में शिकायत होने पर अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) ने इसकी जांच की जिसमें यह घोटाला सामने आया. इसके बाद तत्कालीन जिलाधिकारी की तरफ से घोटाले की जांच, उच्चस्तरीय कमेटी से कराने की सिफारिश की गई थी.
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इसपर मई महीने में प्रदेश सरकार ने तीन सदस्य एसआईटी टीम गठित की, जो उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद के अध्यक्ष की अध्यक्षता में बनी थी. इसमें मंडलायुक्त मेरठ और अपर पुलिस महानिदेशक मेरठ सदस्य थे. एसआईटी टीम की सिफारिश पर भाजपा के एमएलसी नरेंद्र सिंह भाटी के भाई और प्राधिकरण के तत्कालीन प्रबंधक कैलाश भाटी सहित कमल सिंह और मकौड़ा गांव के निवासी राजेंद्र सिंह के बेटे दीपक को गिरफ्तार किया गया था.
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