नई दिल्ली: राजधानी में महिला एवं बाल विकास मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने बुधवार नंदनगरी, सुन्दर नगरी और सीमापुरी विधानसभा क्षेत्र में आईसीडीएस योजना के तहत आने वाले लाभार्थियों के घर जाकर औचक निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने लोगों से राशन संबंधित जानकारी ली. स्थानीय लोगों ने राशन वितरण में गड़बड़ी की शिकायत की. कैबिनेट मंत्री ने लोगों की शिकायत सुनने के दौरान राशन वितरण में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए.
शिकायत मिलने के बाद किया गया निरीक्षण
कैबिनेट मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने बताया कि राशन वितरण में गड़बड़ी की शिकायत मिलने के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग के निदेशक के साथ नंद नगरी, सुंदर नगरी और सीमापुरी विधानसभा के क्षेत्रों में आईसीडीएस के तहत आने वाले लाभार्थियों के घर जाकर औचक निरीक्षण किया. इसका उद्देश्य इस योजना के कार्यान्वयन की जांच करना था. जिसके तहत घर ले जाने वाले राशन (टेक होम राशन), बच्चों और गर्भवती महिलाओं को आंगनवाड़ी वर्कर्स द्वारा वितरित किया जाता है.
यह मिलता है राशन
योजना के अनुसार, 1300 ग्राम दलिया, 260 ग्राम काले चने (कच्चे), 130 ग्राम गुड़ और 130 ग्राम भुने काले चने की मात्रा बच्चों को 13 दिनों के लिए वितरित किया जाना चाहिए. साथ ही गर्भवती महिलाओं के लिए, 1690 ग्राम दलिया, 260 ग्राम काले चने (कच्चे), 130 ग्राम गुड़ और 130 ग्राम भुने काले चने का वितरण किया जाना चाहिए.
इस तरह से पाई गई गड़बड़ी
कैबिनेट मंत्री के अनुसार निरीक्षण करने पर, यह पता चला कि 13 दिनों में केवल 120 ग्राम दलिया, 50 ग्राम भुना हुआ चना बच्चों को प्रदान किया गया था. कई जगहों पर यह भी पता चला कि केवल 15% राशन ही वितरित किया गया है और बाकी नहीं दिया गया. इस संबंध में कई शिकायते मिली थी. इसमें आरोप था कि आईसीडीएस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं और बच्चों तक राशन नहीं पहुंच रहा है. साथ ही के बारे में हमें कई विधान सभा से शिकायतें मिली थीं.
दोषियों पर सख्त कार्रवाई
मंत्री ने बताया कि निरीक्षण में पाया गया कि केवल 15% राशन वितरित किया जा रहा है. साथ ही कुछ लाभार्थियों को केवल 50 ग्राम चना ही प्राप्त हुआ, जबकि आईसीडीएस के तहत निर्धारित मात्रा 260 ग्राम है. डायरेक्टर को सभी आगनवाड़ी केंद्रों के ऑडिट करने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए. इस मामले की जांच कर कारणों का पता लगाने को कहा और जब तक रिपोर्ट न आ जाए, तब तक सभी भुगतान रोक दिए जाने के निर्देश दिए.