नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ पिछले 95 दिनों से दक्षिणी दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में प्रदर्शन कर रही महिलाओं, बच्चों और अन्य लोगों के खिलाफ अब दिल्ली सरकार सख्ती बरतने के मूड में है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने साफ कहा कि कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया गया है. 50 लोगों से ज्यादा को कहीं भी एकत्रित होने के अनुमति नहीं है. जो इसका उल्लंघन करेगा स्थानीय एसडीएम को अधिकार है कि वह महामारी एक्ट के उल्लंघन के तहत उन पर कार्रवाई करें.
शाहीन बाग के मुद्दे पर अभी तक केजरीवाल थे चुप
अभी तक केजरीवाल सरकार शाहीन बाग इलाके में प्रदर्शन पर कर रहे लोगों के खिलाफ सीधे तौर पर कुछ भी बोलने से बचती आ रही थी. विधानसभा चुनाव में भी बड़ा मुद्दा तो बना है. मगर अरविंद केजरीवाल और कोई आम आदमी पार्टी के नेता इस पर कोई भी टिप्पणी करने से बचते रहे.
कोरोना के चलते टूटी चुप्पी
चुनाव भी निकल गए दोबारा अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में सरकार बनी उसके बाद भी अरविंद केजरीवाल अभी तक इस पर चुप्पी साधे थे. लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण से जिस तरह लोगों में खौफ का माहौल है. पूरे देश भर में इसे महामारी घोषित कर दिया गया है. दिल्ली सरकार ने सभी स्कूल, कॉलेज, जिम, स्पा सेंटर, नाइट क्लब आदि 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिए हैं. तमाम दार्शनिक स्थल भी दिल्ली में बंद हो चुके हैं.
एसडीएम महामारी एक्ट के तहत होगा एक्शन
50 लोगों को कहीं भी एकत्रित नहीं होने के निर्देश दिए जा रहे हैं. तो इस बाबत जब अरविंद केजरीवाल से पूछा गया कि शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों को लेकर सरकार क्या सोच रही है? उन्होंने साफ कहा कि उन्हें हटना चाहिए. अगर नहीं हटते हैं तो एसडीएम महामारी एक्ट के तहत उनके खिलाफ एक्शन ले सकते हैं.
बता दें कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) के खिलाफ शाहीन बाग इलाके में महिलाएं बीते महीने से भी अधिक समय से वहां प्रदर्शन पर बैठी हुई है. इसके कारण सड़क जाम है. जिससे लोगों को काफी परेशानी होती है. विरोध प्रदर्शन जब पूर्वी दिल्ली में हुआ तो वहां पर हिंसा भी हुई. इसमे 50 से अधिक लोगों की मौत हुई. आज भी हिंसा के बाद उत्पन्न हालात को सामान्य करने की कोशिश की जा रही है और अब जाकर महामारी एक्ट के खिलाफ इन प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कह रही है.