नई दिल्ली: देश में नई सरकार बनाने के लिए मतदाता घरों से निकलकर वोट कर रहे हैं, युवा जोश के साथ पोलिंग बूथ पर पहुंच रहा है, लेकिन दिल्ली की आम आदमी पार्टी के युवा कार्यकर्ता वोटिंग में कितने आगे हैं ये तो 12 मई को पता चलेगा लेकिन कार्यकर्ता पार्टी के बारे में कुछ नहीं जानते. यूं कह लीजिए कि AAP का हिस्सा होते हुए भी युवा अपनी पार्टी के मुद्दे ना जानते हैं, ना उन्हें मेनिफेस्टो का मतलब पता है. अब अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि देश किस ओर जा रहा है.
दरअसल आम आदमी पार्टी इस बार दिल्ली में पूर्ण राज्य के मुद्दे पर चुनाव लड़ रही है. इस चुनावी प्रचार में पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं में काफी जोश भी दिख रहा है, लेकिन वो अपनी ही पार्टी के मुख्य मुद्दों को नहीं जानते.
नहीं पता पूर्ण राज्य के दर्जे का मतलब
ईटीवी भारत ने जब 'आप' के युवा कार्यकर्ताओं से पूछा कि पूर्ण राज्य के दर्जे का क्या मतलब है तो युवा कार्यकर्ताओं कुछ जवाब नहीं दे पाए. दरअसल उन्हें पूर्ण राज्य का मतलब तक नहीं मालूम. पूर्ण राज्य की बात पर वो बार-बार बात को गोल-मोल घुमाते नजर आए.
नहीं जानते मेनिफेस्टो का मतलब
इसके बाद हमने पूछा कि आम आदमी पार्टी का 2019 का मेनिफेस्टो क्या है, आम आदमी पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं को मेनिफेस्टो का मतलब भी नहीं पता था. जब उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि हमें इस बात की जानकारी नहीं है की मेनिफेस्टो क्या होता है.
देश में कितने हैं राज्य ?
'आप' के युवा कार्यकर्ताओं से ये पूछने की कोशिश की कि भारत में कितने राज्य हैं तो उनका कहना था कि हमें पॉलिटिक्स में इतनी दिलचस्पी नहीं है. हम सिर्फ एक कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहे हैं.
जनता ने रखी अपनी बात
ईटीवी भारत ने आम जनता से बातचीत की, तो पता चला कि वो अपने अधिकार और राजनीति की काफी समझ रखते हैं. पूर्ण राज्य पर उन्होंने बताया कि पूर्ण राज्य का दर्जा दिल्ली को मिलना मुश्किल है. अभी इसकी लड़ाई बहुत लंबी है. इसके अलावा लोगों ने कहा कि दिल्ली में पिछले पांच साल में केजरीवाल सरकार ने कई काम किए हैं लेकिन अभी और होना बाकी है.