ETV Bharat / state

AAP तो गज़ब हैं! ना मेनिफेस्टो पता-ना पूर्ण राज्य? - full state

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर ईटीवी भारत ने आम आदमी पार्टी के कुछ युवा कार्यकर्ताओं से बातचीत कर जानने की कोशिश की कि पार्टी के युवा कितने सजग हैं, लेकिन पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं को मेनिफेस्टो का मतलब तक नहीं पता, यहां तक कि देश में कितने राज्य है ये भी नहीं बता पाए AAP..

अपनी ही पार्टी के मुद्दे नहीं जानते 'आप' कार्यकर्ता
author img

By

Published : May 7, 2019, 5:00 PM IST

नई दिल्ली: देश में नई सरकार बनाने के लिए मतदाता घरों से निकलकर वोट कर रहे हैं, युवा जोश के साथ पोलिंग बूथ पर पहुंच रहा है, लेकिन दिल्ली की आम आदमी पार्टी के युवा कार्यकर्ता वोटिंग में कितने आगे हैं ये तो 12 मई को पता चलेगा लेकिन कार्यकर्ता पार्टी के बारे में कुछ नहीं जानते. यूं कह लीजिए कि AAP का हिस्सा होते हुए भी युवा अपनी पार्टी के मुद्दे ना जानते हैं, ना उन्हें मेनिफेस्टो का मतलब पता है. अब अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि देश किस ओर जा रहा है.

अपनी ही पार्टी के मुद्दे नहीं जानते 'आप' कार्यकर्ता

दरअसल आम आदमी पार्टी इस बार दिल्ली में पूर्ण राज्य के मुद्दे पर चुनाव लड़ रही है. इस चुनावी प्रचार में पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं में काफी जोश भी दिख रहा है, लेकिन वो अपनी ही पार्टी के मुख्य मुद्दों को नहीं जानते.

नहीं पता पूर्ण राज्य के दर्जे का मतलब
ईटीवी भारत ने जब 'आप' के युवा कार्यकर्ताओं से पूछा कि पूर्ण राज्य के दर्जे का क्या मतलब है तो युवा कार्यकर्ताओं कुछ जवाब नहीं दे पाए. दरअसल उन्हें पूर्ण राज्य का मतलब तक नहीं मालूम. पूर्ण राज्य की बात पर वो बार-बार बात को गोल-मोल घुमाते नजर आए.

नहीं जानते मेनिफेस्टो का मतलब
इसके बाद हमने पूछा कि आम आदमी पार्टी का 2019 का मेनिफेस्टो क्या है, आम आदमी पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं को मेनिफेस्टो का मतलब भी नहीं पता था. जब उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि हमें इस बात की जानकारी नहीं है की मेनिफेस्टो क्या होता है.

देश में कितने हैं राज्य ?
'आप' के युवा कार्यकर्ताओं से ये पूछने की कोशिश की कि भारत में कितने राज्य हैं तो उनका कहना था कि हमें पॉलिटिक्स में इतनी दिलचस्पी नहीं है. हम सिर्फ एक कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहे हैं.


जनता ने रखी अपनी बात
ईटीवी भारत ने आम जनता से बातचीत की, तो पता चला कि वो अपने अधिकार और राजनीति की काफी समझ रखते हैं. पूर्ण राज्य पर उन्होंने बताया कि पूर्ण राज्य का दर्जा दिल्ली को मिलना मुश्किल है. अभी इसकी लड़ाई बहुत लंबी है. इसके अलावा लोगों ने कहा कि दिल्ली में पिछले पांच साल में केजरीवाल सरकार ने कई काम किए हैं लेकिन अभी और होना बाकी है.

नई दिल्ली: देश में नई सरकार बनाने के लिए मतदाता घरों से निकलकर वोट कर रहे हैं, युवा जोश के साथ पोलिंग बूथ पर पहुंच रहा है, लेकिन दिल्ली की आम आदमी पार्टी के युवा कार्यकर्ता वोटिंग में कितने आगे हैं ये तो 12 मई को पता चलेगा लेकिन कार्यकर्ता पार्टी के बारे में कुछ नहीं जानते. यूं कह लीजिए कि AAP का हिस्सा होते हुए भी युवा अपनी पार्टी के मुद्दे ना जानते हैं, ना उन्हें मेनिफेस्टो का मतलब पता है. अब अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि देश किस ओर जा रहा है.

अपनी ही पार्टी के मुद्दे नहीं जानते 'आप' कार्यकर्ता

दरअसल आम आदमी पार्टी इस बार दिल्ली में पूर्ण राज्य के मुद्दे पर चुनाव लड़ रही है. इस चुनावी प्रचार में पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं में काफी जोश भी दिख रहा है, लेकिन वो अपनी ही पार्टी के मुख्य मुद्दों को नहीं जानते.

नहीं पता पूर्ण राज्य के दर्जे का मतलब
ईटीवी भारत ने जब 'आप' के युवा कार्यकर्ताओं से पूछा कि पूर्ण राज्य के दर्जे का क्या मतलब है तो युवा कार्यकर्ताओं कुछ जवाब नहीं दे पाए. दरअसल उन्हें पूर्ण राज्य का मतलब तक नहीं मालूम. पूर्ण राज्य की बात पर वो बार-बार बात को गोल-मोल घुमाते नजर आए.

नहीं जानते मेनिफेस्टो का मतलब
इसके बाद हमने पूछा कि आम आदमी पार्टी का 2019 का मेनिफेस्टो क्या है, आम आदमी पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं को मेनिफेस्टो का मतलब भी नहीं पता था. जब उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि हमें इस बात की जानकारी नहीं है की मेनिफेस्टो क्या होता है.

देश में कितने हैं राज्य ?
'आप' के युवा कार्यकर्ताओं से ये पूछने की कोशिश की कि भारत में कितने राज्य हैं तो उनका कहना था कि हमें पॉलिटिक्स में इतनी दिलचस्पी नहीं है. हम सिर्फ एक कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहे हैं.


जनता ने रखी अपनी बात
ईटीवी भारत ने आम जनता से बातचीत की, तो पता चला कि वो अपने अधिकार और राजनीति की काफी समझ रखते हैं. पूर्ण राज्य पर उन्होंने बताया कि पूर्ण राज्य का दर्जा दिल्ली को मिलना मुश्किल है. अभी इसकी लड़ाई बहुत लंबी है. इसके अलावा लोगों ने कहा कि दिल्ली में पिछले पांच साल में केजरीवाल सरकार ने कई काम किए हैं लेकिन अभी और होना बाकी है.

Intro:आप' के कार्यकर्ताओं का आईक्यू है जीरो, नहीं पता पूर्ण राज्य का मुद्दा

दक्षिणी दिल्ली: कहते हैं भारत का भविष्य यूथ पर टिका हुआ है, लेकिन जब राजनीतिक पार्टियों में शामिल होने वाले युवा सदस्यों को ही अपनी पार्टी के मुद्दे और देश की अहम जानकारियां नहीं हों, तो ऐसे में यह बेहद ही चिंता की बात है कि आखिर भविष्य की बाग डोर किसके हाथ मे सौंपी जाएगी. दरअसल यह बात हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि आम आदमी पार्टी दिल्ली में पूर्ण राज्य के दर्जे पर इस बार चुनाव लड़ रही है और लगातार चुनावी कैंपेन में भी जुटी हुई है. इस चुनावी प्रचार में आम आदमी पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं में काफी जोश भी दिखा जा रहा है, लेकिन वह खुद कितना आम आदमी पार्टी को जानते हैं और इस बार उनका क्या मुद्दा है. इस बाबत ईटीवी भारत ने युवा कार्यकर्ताओं से बातचीत की.


Body:नहीं पता पूर्ण राज्य के दर्जे का मतलब
इस बाबत हमने युवा कार्यकर्ताओं से सवाल किया कि दिल्ली सरकार जिस तरीके से इस बार 2019 में 7 सीटों पर चुनाव लड़ रही है तो इस बार आम आदमी पार्टी का पूर्ण राज्य का दर्जा का क्या मतलब है? इस बात का जवाब में 'आप' के युवा कार्यकर्ताओं का आईक्यू जीरो नजर आया और वह इस बात का जवाब नहीं दे सके. पूर्ण राज्य के दर्जे पर बात करने पर वह बार-बार बात को गोल-गोल घुमाते हुए नजर आए. आप देख सकते हैं किस तरीके से आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं से जब सवाल किया गया तो वह इस बात का जवाब नहीं दे सके.

क्या है मेनिफेस्टो
वहीं इसके बाद हमने अन्य कार्यकर्ताओं से भी बातचीत की. हमने पूछा कि आम आदमी पार्टी का 2019 का क्या मेनिफेस्टो है, आप एक युवा है और देश के विकास के लिए आप क्या सोच रहे हैं.हालांकि यह गंभीर बात है कि आम आदमी पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं को मेनिफेस्टो का मतलब भी नहीं पता था.जब हम उनसे सवाल किया तो उन्होंने कहा कि हमें इस बात की जानकारी नहीं है की मेनिफेस्टो क्या होता है.

देश में कितने हैं राज्य
इस दरमियान हमने आम आदमी पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं से यह पूछने की कोशिश की कि वह जिस देश में रह रहे हैं उसमें कितने राज्य हैं. इस बाबत उनका कहना है कि मुझे पॉलिटिक्स में इतनी दिलचस्पी नहीं है. एक कार्यकर्ता होने के रूप में मैं काम कर रहा हूं. इसलिए मुझे नहीं पता कि अपने देश में कितने राज्य हैं.आप देख सकते हैं जब हम ने यह सवाल किया तो किस तरीके से बात को गोल- गोल घुमाने की कोशिश में लगे हुए हैं.

आम जनता ने बताया 29 राज्य और यह है मुद्दे जरूरी
वहीं जब आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता इन सवालों के जवाब नहीं दे पाए तो हमने आम जनता से इन सवालों के उत्तर ढूंढने की कोशिश की. तो आम जनता ने अपनी बात भी रखी और सही जवाब भी दिए.उन्होंने बताया कि पूर्ण राज्य का दर्जा दिल्ली में मिलना मुश्किल है कि केंद्र शासित राज्य में इसकी लड़ाई बहुत लंबी होती है और यह नामुमकिन है. इसके अलावा लोगों ने कहा कि दिल्ली में पिछले पांच साल में केजरीवाल सरकार ने कई काम किए हैं लेकिन अभी भी होना बहुत जरूरी है.


Conclusion:फिलहाल जिस तरीके से आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं में खुद के मेनिफेस्टो को लेकर जानकारी नहीं है. यह बड़ा सवाल खड़ा होता है कि जिस तरीके से आम आदमी पार्टी दिल्ली में चुनावी मैदान में उतरी हुई है.उससे पार्टी की छवि पर काफी असर पड़ सकता है.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.