नई दिल्ली: एम्स हॉस्पिटल में अपने आपको डॉक्टर बताकर धोखाधड़ी करने वाली एक पढ़ी लिखी युवती को एम्स चौकी की पुलिस टीम ने गिरफ्तार किया है. युवती उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले की रहने वाली है और वह अपने आपको जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर बताकर धोखाधड़ी की थी. उसने एक शख्स से एम्स परिसर में 96 हजार रुपये की धोखाधड़ी की थी.
डीसीपी चंदन चौधरी के निर्देश पर हौजखास एसीपी हरिश्चंद्र की देखरेख में एसएचओ शिव दर्शन शर्मा, एम्स पुलिस चौकी इंचार्ज सब इंस्पेक्टर दीपेंद्र, सहायक सब इंस्पेक्टर ब्रह्मानंद, मुकेश, प्रदीप और लेडी कॉन्स्टेबल दीक्षा की टीम लगातार इसके बारे में पता लगा रही थी. पुलिस टीम छानबीन के दौरान सीसीटीवी फुटेज की मदद ली, जिसमें उसकी पहचान की गई. इसके बाद युवती को गिरफ्तार किया गया.
पुलिस के अनुसार, पूछताछ में पता चला कि आरोपी युवती बरेली की एक यूनिवर्सिटी से साइंस में ग्रेजुएट है और उसने गलगोटिया यूनिवर्सिटी से फॉरेंसिक साइंस में एमएससी की है. आरोपी ने एक डॉक्टर कोट खरीदकर उसपर अपना नाम और जेआर इन फॉरेंसिक एंड टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट लिखकर लगा लिया. इसके बाद वह एम्स पहुंचकर यहां मरीजों और उनके तीमारदारों से मिलती और उन्हें जल्द इलाज कराने का लालच देकर उनसे धोखाधड़ी को अंजाम देती थी.
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इससे पहले एक शख्स ने पुलिस में शिकासत दर्ज कराई थी कि जल्दी इलाज कराने के लिए उससे 96 हजार रुपए की धोखाधड़ी की गई है. पीड़ित हरिद्वार का रहने वाला है और वह अपनी बेटी के हाथ के इलाज के लिए आया था. उसने बताया कि जिस लेडी डॉक्टर को उसने पैसे दिए थे, उसका नाम सुधी त्रिवेदी था. पीड़ित ने पुलिस को पेमेंट की डिटेल भी दी, जो उसने आरोपी को यूपीआई के जरिए दी थी. जब पेमेंट करने के 10 दिन बाद भी उसका काम नहीं हुआ तो उसने हौजखास थाने में इसे लेकर एफआईआर दर्ज कराई.
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