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संगम विहारः गर्मी का प्रहार, पानी के लिए हाहाकार

दिल्ली में गर्मी ने दस्तक दे दी है. इसके साथ ही जलसंकट भी गहराने लगा है. संगम विहार के उन इलाकों में रहने वाले लोगों को पानी की घनघोर समस्या है, जहां सोनिया विहार की पाइपलाइन नहीं बिछाई गई है. गली नंबर-16 ऊंचाई की तरफ रहने वाले लोगों के जीवन से पानी की नमी ही गायब है.

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Published : Mar 3, 2021, 9:23 PM IST

People pouring water
ड्रम भरते लोग

नई दिल्लीः गर्मी के मौसम की आहट होते ही संगम विहार में पानी को लेकर युद्ध जैसी स्थिति बनने लगती है. जिन इलाकों में पानी नहीं पहुंच रहा है, वहां पर लोग काफी परेशान हो रहे हैं. दिल्ली जल बोर्ड के टैंकर को कई बार फोन करते हैं, तब एक बार आकर लोगों को पानी देते हैं. यह पानी की मात्रा इतनी कम होती है कि लोगों की संख्या और प्यास को देखते हुए ऊंट के मुंह में जीरे के समान लगता है.

संगम विहार में पानी की समस्या

खुद के मोटर और तार से लोग घरों तक पहुंचाते हैं पानी

स्थानीय लोगों ने खुद ही टैंकरों द्वारा ड्रमों में भरे पानी को घरों तक ले जाने के लिए जुगाड़ कर लिया है. जल बोर्ड टैंकर आता है, तो लोग अपने ड्रम में पानी भर लेते हैं. केवल दो ड्रम ही भरने की अनुमति है. ड्रम में पानी भरने के बाद अपने घर से मोटर लाते हैं और लंबी तार और पाइप ड्रम से लेकर अपने घर की छतों तक ले जाते हैं और फिर मोटर चालू कर पानी को अपने छत पर रखी टैंक में पहुंचाते हैं.

ये भी पढ़ेंः शालीमार बाग से AAP जीती, सुनीता मिश्रा बनीं पार्षद

8 सदस्यों के परिवार को 400 लीटर पानी में गुजारना पड़ता है आधा महीना

एक महिला ने बताया कि 15 से 20 दिनों में एक बार पानी का टैंकर आता है. उसमें हर एक परिवार को सिर्फ दो ड्रम में पानी ही दिया जाता है. केवल 400 लीटर पानी में उन्हें अगले आधा महीने तक काम चलाना पड़ता है. ऐसे में बहूत ही किफायती से लोग पानी खर्च करते हैं.


ये भी पढ़ेंः MCD उपचुनाव: बंपर जीत पर बोले गोपाल राय- लोगों ने BJP के खिलाफ दिया जनादेश



400 लीटर पानी भरने में लग जाता है पूरा दिन

स्थानीय निवासी राम नरेश ने बताया कि सोनिया विहार का पानी यहां नहीं आता है. ऊंचाई पर होने की वजह से यहां तक पाइप लाइन नहीं डाली गई है. मजबूरी में जल बोर्ड का पानी मंगवाना पड़ता है. ड्रम में भरे पानी को अपने घरों तक मोटर की मदद से ले जाते हैं, लेकिन जिनके पास मोटर नहीं है, उन्हें घरों तक सिर पर ढोकर पानी ले जाना पड़ता है, जो काफी मेहनत वाला काम है. इस काम में पूरा दिन भर लग जाता है.

पानी खत्म होने पर घर-घर बाल्टी लेकर मांगते हैं पानी

एक स्थानीय महिला ने बताया कि उन्हें 300 लीटर पानी मिलता है. इसी पानी से उन्हें 10 दिनों तक नहाना- धोना, खाना-पीना और कपड़े धोने जैसे सारे काम करने पड़ते हैं. पानी बेहद किफायती से खर्च करना पड़ता है. इस बीच अगर पानी खत्म हो जाए, तो पानी खरीदना भी पड़ता है. कई बार तो बाल्टी लेकर लोगों के घर-घर जाकर भी पानी मांगना पड़ता है.

Water pipe goes to homes
घरों को जाती पानी की पाइप

विधायक दिनेश मोहनिया ने चुनाव जीतने के बाद कहा बाय-बाय

स्थानीय निवासी मोहम्मद सलीम ने विधायक दिनेश मोहनिया के बारे में बताया कि वह इस इलाके में कभी दिखाई नहीं देते हैं. उन्हें अच्छी तरह से पता है कि यहां के लोग पानी को लेकर परेशान हैं. इसके बावजूद समस्या को दूर करने की कभी कोशिश नहीं की. जब वह जल बोर्ड की उपाध्यक्ष थे, उस समय अपने विधानसभा क्षेत्र के पानी की समस्या को दूर कर सकते थे. जलबोर्ड की तरफ से जो 300 लीटर पानी दिया जाता है, उससे महीने भर का गुजारा नहीं हो पाता है. दिनेश मोहनिया से मिलने के लिए कई बार उनके दफ्तर में गए, लेकिन वह कभी भी अपने दफ्तर में नहीं मिले. चुनाव जीत लिया और संगम विहार के लोगों को बाय-बाय कर दिया है.


पानी के लिये हाहाकार, विधायक फरार

संगम विहार के गली नंबर-16 के एच ब्लॉक आरडब्ल्यूए अध्यक्ष एवं दक्षिणी दिल्ली भाजपा उपाध्यक्ष रामनिवास भड़ाना ने विधायक पर क्षेत्र की अनदेखी करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि गर्मी का मौसम आ गया है. लोग पानी के लिए त्राहिमाम कर रहे हैं और क्षेत्र के विधायक दिनेश मोहनिया फरार हैं. उन्हें लोगों की समस्या से कोई लेना-देना नहीं है. जब वोट लेना होता है, तो शक्ल दिखा देते हैं. उसके बाद अगले चुनाव तक गायब हो जाते हैं.

ऊंचाई की वजह से नहीं बिछाई जा सकी पाइपलाइन


पानी की समस्या को लेकर स्थानीय निगम पार्षद जितेंद्र कुमार जितू ने बताया कि संगम विहार इलाके में पानी को लेकर बहुत काम किया गया है. कई इलाके ऐसे हैं, जहां पानी अभी तक नहीं पहुंचाया जा सका है. 16 नंबर गली का कुछ हिस्सा ऊंचाई वाले इलाके में पड़ता है. जहां पाइपलाइन नहीं बिछाई जा सकती है. ज्यादातर घरों में पानी पहुंचा रहे हैं. जहां नहीं पहुंच पा रहा है, उन इलाकों में टैंकर की मदद से पानी पहुंचा रहे हैं. आने वाले समय में इस इलाके में भी पानी की समस्या दूर हो जाएगी और पाइपलाइन से यहां भी पानी पहुंचाया जाएगा.

नई दिल्लीः गर्मी के मौसम की आहट होते ही संगम विहार में पानी को लेकर युद्ध जैसी स्थिति बनने लगती है. जिन इलाकों में पानी नहीं पहुंच रहा है, वहां पर लोग काफी परेशान हो रहे हैं. दिल्ली जल बोर्ड के टैंकर को कई बार फोन करते हैं, तब एक बार आकर लोगों को पानी देते हैं. यह पानी की मात्रा इतनी कम होती है कि लोगों की संख्या और प्यास को देखते हुए ऊंट के मुंह में जीरे के समान लगता है.

संगम विहार में पानी की समस्या

खुद के मोटर और तार से लोग घरों तक पहुंचाते हैं पानी

स्थानीय लोगों ने खुद ही टैंकरों द्वारा ड्रमों में भरे पानी को घरों तक ले जाने के लिए जुगाड़ कर लिया है. जल बोर्ड टैंकर आता है, तो लोग अपने ड्रम में पानी भर लेते हैं. केवल दो ड्रम ही भरने की अनुमति है. ड्रम में पानी भरने के बाद अपने घर से मोटर लाते हैं और लंबी तार और पाइप ड्रम से लेकर अपने घर की छतों तक ले जाते हैं और फिर मोटर चालू कर पानी को अपने छत पर रखी टैंक में पहुंचाते हैं.

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8 सदस्यों के परिवार को 400 लीटर पानी में गुजारना पड़ता है आधा महीना

एक महिला ने बताया कि 15 से 20 दिनों में एक बार पानी का टैंकर आता है. उसमें हर एक परिवार को सिर्फ दो ड्रम में पानी ही दिया जाता है. केवल 400 लीटर पानी में उन्हें अगले आधा महीने तक काम चलाना पड़ता है. ऐसे में बहूत ही किफायती से लोग पानी खर्च करते हैं.


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400 लीटर पानी भरने में लग जाता है पूरा दिन

स्थानीय निवासी राम नरेश ने बताया कि सोनिया विहार का पानी यहां नहीं आता है. ऊंचाई पर होने की वजह से यहां तक पाइप लाइन नहीं डाली गई है. मजबूरी में जल बोर्ड का पानी मंगवाना पड़ता है. ड्रम में भरे पानी को अपने घरों तक मोटर की मदद से ले जाते हैं, लेकिन जिनके पास मोटर नहीं है, उन्हें घरों तक सिर पर ढोकर पानी ले जाना पड़ता है, जो काफी मेहनत वाला काम है. इस काम में पूरा दिन भर लग जाता है.

पानी खत्म होने पर घर-घर बाल्टी लेकर मांगते हैं पानी

एक स्थानीय महिला ने बताया कि उन्हें 300 लीटर पानी मिलता है. इसी पानी से उन्हें 10 दिनों तक नहाना- धोना, खाना-पीना और कपड़े धोने जैसे सारे काम करने पड़ते हैं. पानी बेहद किफायती से खर्च करना पड़ता है. इस बीच अगर पानी खत्म हो जाए, तो पानी खरीदना भी पड़ता है. कई बार तो बाल्टी लेकर लोगों के घर-घर जाकर भी पानी मांगना पड़ता है.

Water pipe goes to homes
घरों को जाती पानी की पाइप

विधायक दिनेश मोहनिया ने चुनाव जीतने के बाद कहा बाय-बाय

स्थानीय निवासी मोहम्मद सलीम ने विधायक दिनेश मोहनिया के बारे में बताया कि वह इस इलाके में कभी दिखाई नहीं देते हैं. उन्हें अच्छी तरह से पता है कि यहां के लोग पानी को लेकर परेशान हैं. इसके बावजूद समस्या को दूर करने की कभी कोशिश नहीं की. जब वह जल बोर्ड की उपाध्यक्ष थे, उस समय अपने विधानसभा क्षेत्र के पानी की समस्या को दूर कर सकते थे. जलबोर्ड की तरफ से जो 300 लीटर पानी दिया जाता है, उससे महीने भर का गुजारा नहीं हो पाता है. दिनेश मोहनिया से मिलने के लिए कई बार उनके दफ्तर में गए, लेकिन वह कभी भी अपने दफ्तर में नहीं मिले. चुनाव जीत लिया और संगम विहार के लोगों को बाय-बाय कर दिया है.


पानी के लिये हाहाकार, विधायक फरार

संगम विहार के गली नंबर-16 के एच ब्लॉक आरडब्ल्यूए अध्यक्ष एवं दक्षिणी दिल्ली भाजपा उपाध्यक्ष रामनिवास भड़ाना ने विधायक पर क्षेत्र की अनदेखी करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि गर्मी का मौसम आ गया है. लोग पानी के लिए त्राहिमाम कर रहे हैं और क्षेत्र के विधायक दिनेश मोहनिया फरार हैं. उन्हें लोगों की समस्या से कोई लेना-देना नहीं है. जब वोट लेना होता है, तो शक्ल दिखा देते हैं. उसके बाद अगले चुनाव तक गायब हो जाते हैं.

ऊंचाई की वजह से नहीं बिछाई जा सकी पाइपलाइन


पानी की समस्या को लेकर स्थानीय निगम पार्षद जितेंद्र कुमार जितू ने बताया कि संगम विहार इलाके में पानी को लेकर बहुत काम किया गया है. कई इलाके ऐसे हैं, जहां पानी अभी तक नहीं पहुंचाया जा सका है. 16 नंबर गली का कुछ हिस्सा ऊंचाई वाले इलाके में पड़ता है. जहां पाइपलाइन नहीं बिछाई जा सकती है. ज्यादातर घरों में पानी पहुंचा रहे हैं. जहां नहीं पहुंच पा रहा है, उन इलाकों में टैंकर की मदद से पानी पहुंचा रहे हैं. आने वाले समय में इस इलाके में भी पानी की समस्या दूर हो जाएगी और पाइपलाइन से यहां भी पानी पहुंचाया जाएगा.

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