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JNU देशद्रोह मामला: 'केजरीवाल खुद को संविधान, न्यायालय और पुलिस से ऊपर समझते हैं' - Vijender gupta on kejriwal

नेता विपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने जेएनयू देशद्रोह मामले को लेकर केजरीवाल पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि वे इस मामले में उपराज्यपाल अनिल बैजल से मिलेंगे.

JNU देशद्रोह मामला
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Published : Oct 25, 2019, 10:54 PM IST

नई दिल्ली: जेएनयू देशद्रोह मामले में दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को सूचना दी. पुलिस ने कहा कि मामला अभी तक दिल्ली सरकार में लंबित है. इस पर नेता विपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि वे उपराज्यपाल अनिल बैजल से मिलकर इस मामले में हस्तक्षेप कर अभियोजन की स्वीकृति की मांग करेंगे.

विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि 14 जनवरी से लेकर आज तक चार्जशीट दाखिल करने की अनुमति न देकर केजरीवाल सरकार न्यायिक प्रक्रिया में गैर वाजिब रुकावट डालकर मामले को लटका रही है. उन्होंने कहा कि केजरीवाल स्पष्ट करें कि क्या वे उन लोगों के समर्थन में हैं, जो भारत के टुकड़े-टुकड़े करने के पक्ष में हैं?

एक महीने का था समय

विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि कोर्ट ने 18 सितम्बर को दिल्ली सरकार को जेएनयू मामले में चार्जशीट दाखिल करने के लिए एक महीने का समय दिया था. तब कोर्ट ने कहा था कि देरी के कारण समय बर्बाद हो रहा है. केस को बार-बार सूचिबद्ध किया जाता है और हर बार स्थगित किया जाता है.

'जानबूझकर लटकाया है मामला'

विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि खेद की बात है कि कोर्ट से इतनी डांट फटकार के बाद भी केजरीवाल सरकार ने अभी तक मामले को जान बूझकर लटका रखा है. नेता विपक्ष ने कहा कि अरविंद केजरीवाल न्यायिक प्रक्रिया में बाधा पहुंचाकर एक गलत उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं.

रोड़ा बने हुए हैं केजरीवाल

नेता विपक्ष ने कहा कि पुलिस का काम जांच करना है और कोर्ट का काम उस पर निर्णय देना. परन्तु दर्भाग्यवश केजरीवाल इन दोनों के बीच जनवरी से रोड़ा बने हुए हैं. वे नहीं चाहते कि टुकड़े-टुकड़े गैंग के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज हो. केजरीवाल खुद को संविधान, न्यायालय और पुलिस से ऊपर समझते हैं, इसलिए चार्जशीट दाखिल करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं.

नई दिल्ली: जेएनयू देशद्रोह मामले में दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को सूचना दी. पुलिस ने कहा कि मामला अभी तक दिल्ली सरकार में लंबित है. इस पर नेता विपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि वे उपराज्यपाल अनिल बैजल से मिलकर इस मामले में हस्तक्षेप कर अभियोजन की स्वीकृति की मांग करेंगे.

विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि 14 जनवरी से लेकर आज तक चार्जशीट दाखिल करने की अनुमति न देकर केजरीवाल सरकार न्यायिक प्रक्रिया में गैर वाजिब रुकावट डालकर मामले को लटका रही है. उन्होंने कहा कि केजरीवाल स्पष्ट करें कि क्या वे उन लोगों के समर्थन में हैं, जो भारत के टुकड़े-टुकड़े करने के पक्ष में हैं?

एक महीने का था समय

विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि कोर्ट ने 18 सितम्बर को दिल्ली सरकार को जेएनयू मामले में चार्जशीट दाखिल करने के लिए एक महीने का समय दिया था. तब कोर्ट ने कहा था कि देरी के कारण समय बर्बाद हो रहा है. केस को बार-बार सूचिबद्ध किया जाता है और हर बार स्थगित किया जाता है.

'जानबूझकर लटकाया है मामला'

विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि खेद की बात है कि कोर्ट से इतनी डांट फटकार के बाद भी केजरीवाल सरकार ने अभी तक मामले को जान बूझकर लटका रखा है. नेता विपक्ष ने कहा कि अरविंद केजरीवाल न्यायिक प्रक्रिया में बाधा पहुंचाकर एक गलत उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं.

रोड़ा बने हुए हैं केजरीवाल

नेता विपक्ष ने कहा कि पुलिस का काम जांच करना है और कोर्ट का काम उस पर निर्णय देना. परन्तु दर्भाग्यवश केजरीवाल इन दोनों के बीच जनवरी से रोड़ा बने हुए हैं. वे नहीं चाहते कि टुकड़े-टुकड़े गैंग के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज हो. केजरीवाल खुद को संविधान, न्यायालय और पुलिस से ऊपर समझते हैं, इसलिए चार्जशीट दाखिल करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं.

Intro:नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस द्वारा शुक्रवार को न्यायालय को सूचित किये जाने पर कि जेएनयू राष्ट्रीय द्रोह का मामला अभी तक दिल्ली सरकार में लंबित है, दिल्ली विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि वे उपराज्यपाल अनिल बैजल से मिलकर इस मामले में हस्तक्षेप कर अभियोजन की स्वीकृति की मांग करेंगे.Body:उन्होंने कहा कि 14 जनवरी से लेकर आज तक चार्जशीट दाखिल करने की अनुमति न देकर केजरीवाल सरकार न्यायिक प्रक्रिया में गैरवाजिब रूकावट डाल कर मामले को लटका रही है. उन्होंने मांग करी कि केजरीवाल स्पष्ट करे कि क्या वे उन लोगों के समर्थन में हैं, जो भारत के टुकड़े-टुकड़े करने के पक्ष में हैं. विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि न्यायालय ने 18 सितम्बर को दिल्ली सरकार को जेएनयू मामले में चार्जशीट दाखिल करने के लिए एक महीने का समय दिया था.

तब न्यायालय ने कहा था कि विलम्ब के कारण न्यायिक समय बर्बाद हो रहा है. केस को बार-बार सूचिबद्ध किया जाता है और हर बार स्थगित किया जाता है. खेद की बात है कि न्यायालय से इतनी डांट फटकार के बाद भी केजरीवाल सरकार ने अभी तक मामले को जानबूझकर लटका रखा है. नेता विपक्ष ने कहा कि अरविंद केजरीवाल न्यायिक प्रक्रिया में बाधा पहुॅंचाकर एक गलत उद्धाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं. पुलिस का काम जांच करना है और न्यायालय का काम उस पर निर्णय देना. Conclusion:परन्तु दर्भाग्यवश केजरीवाल इन दोनों के बीच जनवरी से रोड़ा बने हुए हैं. वे नहीं चाहते कि टुकड़े-टुकड़े गैंग के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज हो. केजरीवाल खुद को संविधान, न्यायालय और पुलिस से उपर समझते हैं इसलिए चार्जशीट दाखिल करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं.

समाप्त, आशुतोष झा
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