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दिल्ली हाट में लगा कला और शिल्प बाजार, हर प्रदेश के व्यंजन उपलब्ध

दिल्ली हाट पर शिल्प बाजार का आयोजन किया गया है. जहां भारत के अलग-अलग प्रदेशों से व्यंजनों को खाने-पीने की दुकानों की व्यवस्था भी की गई है.

दिल्ली हाट में शिल्प मेले का आयोजन
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Published : Nov 23, 2019, 2:39 PM IST

Updated : Nov 23, 2019, 3:25 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली का दिल कहे जाने वाला इलाका दिल्ली हाट पर हस्तशिल्प और हथकरघा कपड़ा मंत्रालय और पर्यटन मंत्रालय ने कला और शिल्प बाजार का आयोजन किया गया.

दिल्ली हाट में शिल्प मेले का आयोजन

आदिवासियों ने लगाया शिल्प मेला
इस बाजार में आपको हाथ से बनाई गई सारी चीजें आराम से मिल जाएंगी. यहां पर आदिवासियों ने एक बड़ा शिल्प मेला लगाया हुआ है. दिल्ली हाट परिसर के अंदर ही भारत के अलग-अलग प्रदेशों से व्यंजनों और खाने-पीने की दुकानों की व्यवस्था भी की गई है. जिसमें आप परिवार के साथ या अकेले आकर यहां पर अपने फुर्सत के कुछ लम्हें गुजार सकते हैं. यहां पर आप हाथ से बने हुए हर एक तरीके के कपड़े भी खरीद सकते हैं.

साथ ही साथ आपको बता दें कि इन सब के अलावा दर्शकों के लिए खुले मंच पर हर रोज विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. जिसका आप लुत्फ भी उठा सकते हैं.

पारंपरिक शैली से की गई है इमारतों की स्थापना
परिसर के अंदर ही इमारतों और विभिन्न स्टॅाल की स्थापना पारंपरिक भारतीय शैली से की गई है. परिसर के अंदर ही पेड़ों झाड़ियों और रंग-बिरंगे फूलों के पौधे से आकर्षक रूप से सजाया गया है. झारखंड की आदिवासी से हमने बातचीत की तो उनका कहना है कि वह जो सूट बनाती हैं उसमें प्रेम का मिलाप है. साथ ही साथ उन्होंने अपने कई अनुभव भी शेयर किए.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली का दिल कहे जाने वाला इलाका दिल्ली हाट पर हस्तशिल्प और हथकरघा कपड़ा मंत्रालय और पर्यटन मंत्रालय ने कला और शिल्प बाजार का आयोजन किया गया.

दिल्ली हाट में शिल्प मेले का आयोजन

आदिवासियों ने लगाया शिल्प मेला
इस बाजार में आपको हाथ से बनाई गई सारी चीजें आराम से मिल जाएंगी. यहां पर आदिवासियों ने एक बड़ा शिल्प मेला लगाया हुआ है. दिल्ली हाट परिसर के अंदर ही भारत के अलग-अलग प्रदेशों से व्यंजनों और खाने-पीने की दुकानों की व्यवस्था भी की गई है. जिसमें आप परिवार के साथ या अकेले आकर यहां पर अपने फुर्सत के कुछ लम्हें गुजार सकते हैं. यहां पर आप हाथ से बने हुए हर एक तरीके के कपड़े भी खरीद सकते हैं.

साथ ही साथ आपको बता दें कि इन सब के अलावा दर्शकों के लिए खुले मंच पर हर रोज विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. जिसका आप लुत्फ भी उठा सकते हैं.

पारंपरिक शैली से की गई है इमारतों की स्थापना
परिसर के अंदर ही इमारतों और विभिन्न स्टॅाल की स्थापना पारंपरिक भारतीय शैली से की गई है. परिसर के अंदर ही पेड़ों झाड़ियों और रंग-बिरंगे फूलों के पौधे से आकर्षक रूप से सजाया गया है. झारखंड की आदिवासी से हमने बातचीत की तो उनका कहना है कि वह जो सूट बनाती हैं उसमें प्रेम का मिलाप है. साथ ही साथ उन्होंने अपने कई अनुभव भी शेयर किए.

Intro:अगर आपको कला और हस्तशिल्प शब्द आपको मोहित करते हैं तो आप दिल्ली हाट जरूर आना चाहिए क्योंकि यहां पर हस्तशिल्प और हथकरघा कपड़ा मंत्रालय (भारत सरकार) और पर्यटन मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से खुले आसमान के नीचे के कला और शिल्प बाजार का आयोजन किया गया है


Body:इस बाजार में आपको हाथ से बनाई गई सारी चीजें आराम से मिल जाएंगे यहां पर आदिवासियों में एक बड़ा शिल्प मेला लगाया हुआ है दिल्ली हाट परिसर के अंदर ही भारत के अलग-अलग प्रदेशों से व्यंजनों को पड़ोसियों और खाने-पीने की दुकानों की व्यवस्था भी की गई है जिसमें आप परिवार के साथ या अकेले आकर यहां पर अपने फुर्सत के कुछ लम्हे गुजार सकते हैं और यहां पर आप हाथ से बने हुए हर एक तरीके के कपड़े भी खरीद सकते हैं
साथ ही साथ आपको बता दें कि इन सब के अलावा दर्शकों के लिए खुले मंच पर हर रोज विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिसका आप लुत्फ भी उठा सकते हैं


Conclusion:परिसर के अंदर ही इमारतों और स्टालों की स्थापना पारंपरिक भारतीय शैली से की गई है और परिसर के अंदर ही पेड़ों झाड़ियों और रंग-बिरंगे फूलों के पौधे के साथ साथ आकर्षक रूप से सजाया गया है और यहां पर आप जब आएंगे तो देखेंगे कि एक जगह पर शिल्प बाजार आदिवासियों द्वारा लगाया गया जरूर मजा आएगा और आप खुश दिखाई देंगे
झारखंड की आदिवासी से हमने बातचीत किया तो उनका कहना है कि वह जो सूट बनाती हैं उसमें प्रेम का मिलाप है साथ ही साथ उन्होंने अपने कई अनुभव भी शेयर किए
byte- कलाकार
Last Updated : Nov 23, 2019, 3:25 PM IST
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