नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली का दिल कहे जाने वाला इलाका दिल्ली हाट पर हस्तशिल्प और हथकरघा कपड़ा मंत्रालय और पर्यटन मंत्रालय ने कला और शिल्प बाजार का आयोजन किया गया.
आदिवासियों ने लगाया शिल्प मेला
इस बाजार में आपको हाथ से बनाई गई सारी चीजें आराम से मिल जाएंगी. यहां पर आदिवासियों ने एक बड़ा शिल्प मेला लगाया हुआ है. दिल्ली हाट परिसर के अंदर ही भारत के अलग-अलग प्रदेशों से व्यंजनों और खाने-पीने की दुकानों की व्यवस्था भी की गई है. जिसमें आप परिवार के साथ या अकेले आकर यहां पर अपने फुर्सत के कुछ लम्हें गुजार सकते हैं. यहां पर आप हाथ से बने हुए हर एक तरीके के कपड़े भी खरीद सकते हैं.
साथ ही साथ आपको बता दें कि इन सब के अलावा दर्शकों के लिए खुले मंच पर हर रोज विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. जिसका आप लुत्फ भी उठा सकते हैं.
पारंपरिक शैली से की गई है इमारतों की स्थापना
परिसर के अंदर ही इमारतों और विभिन्न स्टॅाल की स्थापना पारंपरिक भारतीय शैली से की गई है. परिसर के अंदर ही पेड़ों झाड़ियों और रंग-बिरंगे फूलों के पौधे से आकर्षक रूप से सजाया गया है. झारखंड की आदिवासी से हमने बातचीत की तो उनका कहना है कि वह जो सूट बनाती हैं उसमें प्रेम का मिलाप है. साथ ही साथ उन्होंने अपने कई अनुभव भी शेयर किए.