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'ऑनलाइन क्लासेस थी सजा, ऑफलाइन में आ रहा मजा'...देखिए छात्रों का उत्साह

कोरोना के मामले में ठहराव आने के बाद दिल्ली के सारे सरकारी और निजी स्कूलों को कुछ नियम और शर्तों के साथ खोल दिया गया है. लगभग साल भर स्कूल के माहौल से दूर स्क्रीन पर पढ़ाई करने वाले छात्रों का उम्मीद से ज्यादा उत्साह देखने को मिल रहा है. ऐसे में देखिए छात्रों का क्या कहना है.

students enthusiastically coming to classes
कोरोना के बाद स्कूल खुलने से खुश नजर आए स्टूडेंट्स
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Published : Feb 18, 2021, 9:06 PM IST

Updated : Feb 19, 2021, 7:20 PM IST

नई दिल्ली: कोरोना काल के बाद न्यू नॉर्मल के तहत दिल्ली में सरकारी और प्राइवेट स्कूल खुल चुके हैं. नौवीं कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक के छात्र पढ़ने के लिए स्कूल पहुंच रहे हैं. हालांकि कुछ शर्तों की वजह से छात्रों की उपस्थिति सौ फीसदी नहीं है, लेकिन 60 फीसदी छात्र फिजिकली स्कूल पहुंच रहे हैं. निजी स्कूलों में भी लगभग इतनी ही फीसदी छात्र आ रहे हैं.

कोरोना के बाद स्कूल खुलने से खुश नजर आए स्टूडेंट्स

ऑनलाइन और ऑफलाइन क्लासेस में अंतर

किसी भी तरह की जोखिम के लिए अभिभावकों के सहमति पत्र पर दस्तखत करने की मजबूरी की वजह से कुछ अभिभावक अभी भी बच्चों को फिजिकली स्कूल नहीं भेजना चाहते, लेकिन जो छात्र फिजिकली स्कूल पहुंच रहे हैं. उन्हें अच्छी तरह से ऑनलाइन और ऑफलाइन क्लासेस में अंतर समझ में आ रहा है. संगम विहार के बड़े निजी स्कूलों में शामिल जागृति पब्लिक स्कूल में 70 फीसदी छात्र फिजिकली स्कूल आ रहे हैं.

ये भी पढ़ें:-रेल रोको अभियान: शाहबाद मोहम्मदपुर स्टेशन पर CRPF और BSF की तैनाती

लगभग एक साल तक स्कूल से दूर रहने के बाद स्कूल आकर ऑफलाइन क्लासेस लेने में छात्रों को मजा आ रहा है. वे पूरे उत्साह और जोश के साथ आगामी बोर्ड परीक्षा की तैयारी में जुटे हैं. जागृति पब्लिक स्कूल पहुंचकर हमने छात्रों से उनकी ऑनलाइन क्लास और ऑफलाइन क्लासेस के बारे में उनके अनुभव जानने की कोशिश की. लगभग सभी छात्रों ने ऑफलाइन क्लासेस को बेहतर बताया.

11वीं से साइंस स्ट्रीम की छात्रा इशरत ने बताया कि ऑनलाइन क्लासेस भी ठीक हो रही थी, लेकिन इसमें कई सारी दिक्कतें थी. कभी नेटवर्क की समस्या होती थी, तो कभी तकनीकी खराबी की वजह से वीडियो और आवाज सही तरीके से नहीं आ रही थी. कई बार इसकी वजह से ऑनलाइन क्लास से मन उचट भी जाता था, लेकिन मजबूरी में क्लास लेनी होती थी. ऑफलाइन क्लासेस में अपने दोस्तों के साथ क्लास में बैठकर टीचर के साथ आमने-सामने पढ़ाई करने से चीजें ज्यादा समझ में आ रही है.

ऑफलाइन क्लास में टीचर सारे डाउट्स करते हैं दूर
निखिल ने बताया कि ऑनलाइन क्लास की अपेक्षा ऑफलाइन क्लासेस ज्यादा अच्छा है, क्योंकि ऑफलाइन क्लास में जो भी डाउट होते हैं सामने टीचर तुरंत उसे दूर कर देते हैं, लेकिन ऑनलाइन क्लासेज में ज्यादातर समय नेटवर्क की दिक्कतों की वजह से ठीक से क्लास में हो पाती थी.

ऑफलाइन क्लास के लिए माता-पिता ने दी अनुमति
साक्षी चौधरी ने बताया कि ऑफलाइन क्लासेस जब से शुरू हुई है, तब से नियमित रूप से स्कूल आ रहे हैं. अभिभावक ने भी इसकी तुरंत ही अनुमति दे दी थी, क्योंकि ऑनलाइन क्लासेज में बहुत सारी दिक्कतें हो रही थी. ठीक से सिलेबस की पढ़ाई नहीं हो पाती थी और जो भी पढ़ाई होती थी, वह ठीक से समझ नहीं पाते थे. अच्छी बात यह है कि यहां टीचर और स्टूडेंट के बीच सीधा संवाद हो पा रहा है, जिससे चीजें ज्यादा समझ में आ रही है.

माता-पिता ने ज्यादा सावधान रहने की दी सलाह
संदीप ने बताया कि कोरोना का डर अभी तक पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है, इसलिए उनके माता-पिता ने उन्हें स्कूल में ज्यादा सावधानी बरतने की सलाह दी है. वह हमेशा मास्क पहनकर रखते हैं. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी करते हैं. हमेशा अपने हाथों में सैनिटाइजर रखते हैं. हर घंटे हाथ को सैनिटाइज करते रहते हैं. वहीं नाज का कहना है कि ऑनलाइन में अच्छे से पढ़ाई नहीं हो पाती थी, लेकिन ऑफलाइन क्लासेज में सामने टीचर होने की वजह से ज्यादा अच्छे से पढ़ाई हो पा रही है.

बच्चों में पहले से ज्यादा आत्मविश्वास

जागृति पब्लिक स्कूल के चेयरमैन अमित कुमार ने बताया कि दिल्ली सरकार की गाइडलाइंस के मुताबिक जैसे ही आदेश प्राप्त हुआ तो उन्होंने ऑफलाइन क्लास के लिए अपने स्कूल को लगातार एक सप्ताह तक अच्छी तरह से सैनिटाइज करवाया. यह सुनिश्चित करवाया कि सभी बच्चे मास्क पहनकर आएं, जिनके पास मास्क नहीं है उनके लिए स्कूल में 2 हजार अतिरिक्त मास्क की व्यवस्था की गई. सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखा गया. हर क्लास में सैनिटाइजर रखा गया है. सोशल डिस्टेंस रखने के लिए एक क्लास में अधिकतम 10 से 12 बच्चों को बैठा रहे हैं. ओपन क्लास में बच्चों का उत्साह ज्यादा है. उनका आत्मविश्वास पहले से ज्यादा बढ़ गया है.

ये भी पढ़ें:-दिल्ली सरकार का आदेश: दफ्तरों में करें ट्रांसजेंडर्स के लिए अलग शौचालय की व्यवस्था

'कोरोना के जीरो केस आने तक नहीं कर सकते इंतजार'
शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कुछ समय पहले यह कहा था कि हम इस बात का इंतजार नहीं कर सकते कि जब तक दिल्ली में कोरोना के बिल्कूल जीरो केस आएंगे, तब तक स्कूल बंद नहीं रख सकते, क्योंकि स्वाभाविक तौर पर ऐसा संभव भी नहीं है. सभी गाइडलाइंस का पालन करते हुए सामान्य रूप से सारे स्कूल खुल रहे हैं और धीरे-धीरे जूनियर कक्षा के बच्चों को भी स्कूल आने की अनुमति दी जाएगी.

नई दिल्ली: कोरोना काल के बाद न्यू नॉर्मल के तहत दिल्ली में सरकारी और प्राइवेट स्कूल खुल चुके हैं. नौवीं कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक के छात्र पढ़ने के लिए स्कूल पहुंच रहे हैं. हालांकि कुछ शर्तों की वजह से छात्रों की उपस्थिति सौ फीसदी नहीं है, लेकिन 60 फीसदी छात्र फिजिकली स्कूल पहुंच रहे हैं. निजी स्कूलों में भी लगभग इतनी ही फीसदी छात्र आ रहे हैं.

कोरोना के बाद स्कूल खुलने से खुश नजर आए स्टूडेंट्स

ऑनलाइन और ऑफलाइन क्लासेस में अंतर

किसी भी तरह की जोखिम के लिए अभिभावकों के सहमति पत्र पर दस्तखत करने की मजबूरी की वजह से कुछ अभिभावक अभी भी बच्चों को फिजिकली स्कूल नहीं भेजना चाहते, लेकिन जो छात्र फिजिकली स्कूल पहुंच रहे हैं. उन्हें अच्छी तरह से ऑनलाइन और ऑफलाइन क्लासेस में अंतर समझ में आ रहा है. संगम विहार के बड़े निजी स्कूलों में शामिल जागृति पब्लिक स्कूल में 70 फीसदी छात्र फिजिकली स्कूल आ रहे हैं.

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लगभग एक साल तक स्कूल से दूर रहने के बाद स्कूल आकर ऑफलाइन क्लासेस लेने में छात्रों को मजा आ रहा है. वे पूरे उत्साह और जोश के साथ आगामी बोर्ड परीक्षा की तैयारी में जुटे हैं. जागृति पब्लिक स्कूल पहुंचकर हमने छात्रों से उनकी ऑनलाइन क्लास और ऑफलाइन क्लासेस के बारे में उनके अनुभव जानने की कोशिश की. लगभग सभी छात्रों ने ऑफलाइन क्लासेस को बेहतर बताया.

11वीं से साइंस स्ट्रीम की छात्रा इशरत ने बताया कि ऑनलाइन क्लासेस भी ठीक हो रही थी, लेकिन इसमें कई सारी दिक्कतें थी. कभी नेटवर्क की समस्या होती थी, तो कभी तकनीकी खराबी की वजह से वीडियो और आवाज सही तरीके से नहीं आ रही थी. कई बार इसकी वजह से ऑनलाइन क्लास से मन उचट भी जाता था, लेकिन मजबूरी में क्लास लेनी होती थी. ऑफलाइन क्लासेस में अपने दोस्तों के साथ क्लास में बैठकर टीचर के साथ आमने-सामने पढ़ाई करने से चीजें ज्यादा समझ में आ रही है.

ऑफलाइन क्लास में टीचर सारे डाउट्स करते हैं दूर
निखिल ने बताया कि ऑनलाइन क्लास की अपेक्षा ऑफलाइन क्लासेस ज्यादा अच्छा है, क्योंकि ऑफलाइन क्लास में जो भी डाउट होते हैं सामने टीचर तुरंत उसे दूर कर देते हैं, लेकिन ऑनलाइन क्लासेज में ज्यादातर समय नेटवर्क की दिक्कतों की वजह से ठीक से क्लास में हो पाती थी.

ऑफलाइन क्लास के लिए माता-पिता ने दी अनुमति
साक्षी चौधरी ने बताया कि ऑफलाइन क्लासेस जब से शुरू हुई है, तब से नियमित रूप से स्कूल आ रहे हैं. अभिभावक ने भी इसकी तुरंत ही अनुमति दे दी थी, क्योंकि ऑनलाइन क्लासेज में बहुत सारी दिक्कतें हो रही थी. ठीक से सिलेबस की पढ़ाई नहीं हो पाती थी और जो भी पढ़ाई होती थी, वह ठीक से समझ नहीं पाते थे. अच्छी बात यह है कि यहां टीचर और स्टूडेंट के बीच सीधा संवाद हो पा रहा है, जिससे चीजें ज्यादा समझ में आ रही है.

माता-पिता ने ज्यादा सावधान रहने की दी सलाह
संदीप ने बताया कि कोरोना का डर अभी तक पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है, इसलिए उनके माता-पिता ने उन्हें स्कूल में ज्यादा सावधानी बरतने की सलाह दी है. वह हमेशा मास्क पहनकर रखते हैं. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी करते हैं. हमेशा अपने हाथों में सैनिटाइजर रखते हैं. हर घंटे हाथ को सैनिटाइज करते रहते हैं. वहीं नाज का कहना है कि ऑनलाइन में अच्छे से पढ़ाई नहीं हो पाती थी, लेकिन ऑफलाइन क्लासेज में सामने टीचर होने की वजह से ज्यादा अच्छे से पढ़ाई हो पा रही है.

बच्चों में पहले से ज्यादा आत्मविश्वास

जागृति पब्लिक स्कूल के चेयरमैन अमित कुमार ने बताया कि दिल्ली सरकार की गाइडलाइंस के मुताबिक जैसे ही आदेश प्राप्त हुआ तो उन्होंने ऑफलाइन क्लास के लिए अपने स्कूल को लगातार एक सप्ताह तक अच्छी तरह से सैनिटाइज करवाया. यह सुनिश्चित करवाया कि सभी बच्चे मास्क पहनकर आएं, जिनके पास मास्क नहीं है उनके लिए स्कूल में 2 हजार अतिरिक्त मास्क की व्यवस्था की गई. सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखा गया. हर क्लास में सैनिटाइजर रखा गया है. सोशल डिस्टेंस रखने के लिए एक क्लास में अधिकतम 10 से 12 बच्चों को बैठा रहे हैं. ओपन क्लास में बच्चों का उत्साह ज्यादा है. उनका आत्मविश्वास पहले से ज्यादा बढ़ गया है.

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'कोरोना के जीरो केस आने तक नहीं कर सकते इंतजार'
शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कुछ समय पहले यह कहा था कि हम इस बात का इंतजार नहीं कर सकते कि जब तक दिल्ली में कोरोना के बिल्कूल जीरो केस आएंगे, तब तक स्कूल बंद नहीं रख सकते, क्योंकि स्वाभाविक तौर पर ऐसा संभव भी नहीं है. सभी गाइडलाइंस का पालन करते हुए सामान्य रूप से सारे स्कूल खुल रहे हैं और धीरे-धीरे जूनियर कक्षा के बच्चों को भी स्कूल आने की अनुमति दी जाएगी.

Last Updated : Feb 19, 2021, 7:20 PM IST
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