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BSES की टीम बनकर लोगों को लगाते थे चूना, स्पेशल स्टाफ ने किया गैंग का भंडाफोड़

खुद को BSES विजिलेंस टीम का बता कर लोगों को ठगने वाले 2 बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. ये लोग किसी घर या ऑफिस में घुस कर बिजली मीटर में गलती बता कर लोगों से पैसे ऐठते थे.

BSES की टीम फर्जी गैंग का भंडाफोड़ ETV BHARAT
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Published : Jul 24, 2019, 10:03 PM IST

नई दिल्ली: साउथ दिल्ली में नारकोटिक्स कि स्पेशल स्टाफ टीम ने एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो बिजली उपभोक्ताओं को लक्षित करता है. खुद को BSES विभाग का बता कर उपभोक्ताओं को बेवकूफ बनाते है.

वे किसी भी आवासीय या वाणिज्यिक भवन का दौरा करते हैं, खुद को BSES विजिलेंस टीम का बता कर मीटर की जांच करते हैं. किसी भी वास्तविक या बनाई गई गलती को दिखा कर वे स्थापित बिजली मीटर को उखाड़ उसे जब्त कर लेते हैं. उसके बाद भारी जुर्माने की उपभोक्ता को धमकी देते है. मामले को निपटाने के लिए पैसे निकलवाते हैं.


'निगरानी रखी गई थी'
स्पेशल स्टाफ टीम ने विशिष्ट जानकारी पर कि गैंग लीडर प्रशांत अपने सहयोगी के साथ एशियन मार्केट के पास आएगा. एम. बी. रोड़ पर एक जाल बिछाया गया और बॉस सहित गिरोह के दो गुर्गों को पकड़ लिया है.

पकड़े गए आरोपियों में से एक अभियुक्त बृजेश शर्मा उर्फ प्रशांत पहले ऐसे ही एक मामले में एफआईआर नंबर 861/14 यू / एस 419/420/120 बी आईपीसी पीएस आर. के. पुरम में शामिल था.

मिले BSES फर्जी पहचान पत्र
अपराध में इस्तेमाल किए गए 3 मोबाइल फोन, एक कार एक्सेंट, एक मोटरसाइकिल, एक चोरी का बिजली मीटर, 42 अलग-अलग बिजली मीटरों की टूटी हुई सील, BSES के फर्जी पहचान पत्र, सील तोड़ने में इस्तेमाल होने वाले औजार और मीटर उखाड़ने के लिए परीक्षक, पेचकश, सरौता और कुछ दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं.

ऐसे ठगते थे लोगों से रुपए
मुखबिरों के माध्यम से उन्हें बिजली दुरुपयोग की जानकारी मिलती थी. वे खुद को BSES विजिलेंस टीम का बता कर परिसर का दौरा करते थे. मीटर उखाड़ कर भारी बिल और जुर्माना की धमकी देतें थे. जो लोग पैसे देकर मामले का निपटान करते थे तो वे उनके मीटर को फिर से लगा देते थे.

अधिकतर लोग कोई शिकायत नहीं करते हैं और इसे सुलझा लेते हैं. उनमें से कुछ केवल मीटर चोरी की एफआईआर दर्ज करते हैं या कभी-कभी नए मीटर लगाने के उद्देश्य से केवल खोई हुए की रिपोर्ट दर्ज करा देते है.

नई दिल्ली: साउथ दिल्ली में नारकोटिक्स कि स्पेशल स्टाफ टीम ने एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो बिजली उपभोक्ताओं को लक्षित करता है. खुद को BSES विभाग का बता कर उपभोक्ताओं को बेवकूफ बनाते है.

वे किसी भी आवासीय या वाणिज्यिक भवन का दौरा करते हैं, खुद को BSES विजिलेंस टीम का बता कर मीटर की जांच करते हैं. किसी भी वास्तविक या बनाई गई गलती को दिखा कर वे स्थापित बिजली मीटर को उखाड़ उसे जब्त कर लेते हैं. उसके बाद भारी जुर्माने की उपभोक्ता को धमकी देते है. मामले को निपटाने के लिए पैसे निकलवाते हैं.


'निगरानी रखी गई थी'
स्पेशल स्टाफ टीम ने विशिष्ट जानकारी पर कि गैंग लीडर प्रशांत अपने सहयोगी के साथ एशियन मार्केट के पास आएगा. एम. बी. रोड़ पर एक जाल बिछाया गया और बॉस सहित गिरोह के दो गुर्गों को पकड़ लिया है.

पकड़े गए आरोपियों में से एक अभियुक्त बृजेश शर्मा उर्फ प्रशांत पहले ऐसे ही एक मामले में एफआईआर नंबर 861/14 यू / एस 419/420/120 बी आईपीसी पीएस आर. के. पुरम में शामिल था.

मिले BSES फर्जी पहचान पत्र
अपराध में इस्तेमाल किए गए 3 मोबाइल फोन, एक कार एक्सेंट, एक मोटरसाइकिल, एक चोरी का बिजली मीटर, 42 अलग-अलग बिजली मीटरों की टूटी हुई सील, BSES के फर्जी पहचान पत्र, सील तोड़ने में इस्तेमाल होने वाले औजार और मीटर उखाड़ने के लिए परीक्षक, पेचकश, सरौता और कुछ दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं.

ऐसे ठगते थे लोगों से रुपए
मुखबिरों के माध्यम से उन्हें बिजली दुरुपयोग की जानकारी मिलती थी. वे खुद को BSES विजिलेंस टीम का बता कर परिसर का दौरा करते थे. मीटर उखाड़ कर भारी बिल और जुर्माना की धमकी देतें थे. जो लोग पैसे देकर मामले का निपटान करते थे तो वे उनके मीटर को फिर से लगा देते थे.

अधिकतर लोग कोई शिकायत नहीं करते हैं और इसे सुलझा लेते हैं. उनमें से कुछ केवल मीटर चोरी की एफआईआर दर्ज करते हैं या कभी-कभी नए मीटर लगाने के उद्देश्य से केवल खोई हुए की रिपोर्ट दर्ज करा देते है.

Intro:साउथ दिल्ली में नारकोटिक्स कि स्पेशल स्टाफ टीम ने एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो बिजली उपभोक्ताओं को लक्षित करता है क्योंकि वे किसी भी आवासीय या वाणिज्यिक भवन का दौरा करते हैं, खुद को बीएसईएस सतर्कता टीम के रूप में मीटर की जांच करते हैं, किसी भी वास्तविक या बनाई गई गलती को इंगित करते हैं। वे स्थापित बिजली मीटर को उखाड़ते हैं और इसे जब्त करते हैं। उसके बाद वे भारी जुर्माना के उपभोक्ता को धमकी देते हैं और किताबों को लाए बिना मामले को निपटाने के तरीके से पैसे निकालते हैं।
Body:इस पर तकनीकी और मैनुअल निगरानी रखी गई थी।
आज, विशिष्ट जानकारी पर कि गैंग लीडर प्रशांत अपने सहयोगी के साथ एशियन मार्केट के पास आएगा, एम। बी। रोद को एक जाल बिछाया गया और बॉस सहित गिरोह के दो गुर्गों ने मधुमक्खी को पकड़ लिया


अभियुक्त बृजेश शर्मा @ प्रशांत पहले सिमिलर मामले में एफआईआर नंबर 861/14 यू / एस 419/420/120 बी आईपीसी पीएस आर। के। पुरम में शामिल थे

Conclusion:
रिकवरी में अपराध में इस्तेमाल किए गए 3 मोबाइल फोन, एक कार एक्सेंट, एक मीटर / साइकिल, एक बिजली मीटर चोरी, 42 अलग-अलग बिजली मीटरों की टूटी हुई सील, बीएसईएस के फर्जी पहचान पत्र, सील तोड़ने में इस्तेमाल होने वाले औजार और मीटर उखाड़ने के लिए। परीक्षक, पेचकश, सरौता और कुछ दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं

मुखबिरों के माध्यम से उन्हें दुरुपयोग की जानकारी मिलती है। वे खुद को बीएसईएस विजिलेंस टीम के रूप में प्रस्तुत परिसर का दौरा करते हैं। मीटर उखाड़ो और भारी बिल और जुर्माना की धमकी दे। जो लोग पैसे देकर इसका निपटान करते हैं, वे मीटर को फिर से स्थापित करते हैं। जिनके नहीं होने पर भी वे कुछ दिन बाद मीटर वापस कर देते हैं। अधिकतर लोग कोई शिकायत नहीं करते हैं और इसे सुलझा लेते हैं। उनमें से कुछ केवल मीटर चोरी की एफआईआर दर्ज करते हैं या कभी-कभी नए मीटर लगाने के उद्देश्य से केवल खोई हुई रिपोर्ट दर्ज करते हैं।
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