नई दिल्ली: साउथ जोन के अलग-अलग जगहों पर जनता के लिए बनाए गए शौचालय काफी दिनों से बंद हैं. लोगों का कहना है कि ये शौचालय लॉकडाउन के समय से बंद है. लोगों का यह भी कहना है कि जब ये शौचालय उपयोग करने के लिए बनाएं है तो फिर इन पर ताला क्यों लगा दिया है? ईटीवी भारत की टीम ने खानपुर में बने सुलभ शौचालय का दौरा किया. खानपुर का ये शौचालय भी बंद मिला. जब यहां पर लोगों से बात की तो उनका कहना था कि ये शौचालय लॉकडाउन के समय से ही बंद पड़ा है, कभी तो ये कहा गया था कि ये शौचालय प्राइवेट में दे दिया गया है मगर इसके बाद से ही बंद है. हमें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
एमसीडी का 13 हजार करोड़ का सार्वजनिक शौचालय फंड रोक रखा
खानपुर में स्थित बंद पड़े शौचालय पर जब हमने साउथ जोन एमसीडी की वाइस चेयरमैन माया बिष्ट से बात की तो उनका कहना है मोदी जी के स्वच्छ भारत अभियान के तहत एमसीडी ने ये बनाए थे, मगर केजरीवाल सरकार ने एमसीडी का 13 हजार करोड़ का सार्वजनिक शौचालय फंड रोक रखा है. एमसडी के पास इन शौचालय की साफ-सफाई के लिए कर्मचारी नहीं थे. जिनकी वजह से शौचालय चालू नहीं हो सके है, काफी शौचालय की स्थिति तो काफी खराब हो चुकी है. अब एमसीडी ने एक नया तरीका अपनाया है. यहां के जो एनजीओ और मार्केट एसोसिएशन के लोगों ने हमें सहायता देने की बात कही है. इसके लिए हम प्राइवेट सफाई कर्मचारी लगाएंगे, जिनके फंड की व्यवस्था मार्केट एसोसिएशन ने लोगों ने करने का फैसला लिया है.
वेतन 2 -2 महीने की देरी से दिया जा रहा
दिल्ली सरकार ने जब 13 हजार का फंड रोक दिया. इस कारण से हम एमसीडी के कर्मचारियों का वेतन भी 2 -2 महीने की देरी से दे पा रहे हैं , केजरीवाल सरकार ने सफाई कर्मचारियों की सैलरी तक रोक ली है, लेकिन इसके वावजूद भी हम लोग इतना काम कर रहे हैं. दिल्ली सरकार सिर्फ फोटो लगाकर प्रचार करने में माहिर है कि हमने डेंगू को खत्म कर दिया. लेकिन दिल्ली सरकार सफाई कर्मचारियों की सैलरी देने के लिए तैयार नहीं है. हमें काफी दिक्कतों के इन सब चीजों को मैनेज करना पड़ता है.