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PGDAV कॉलेज में बिजली बचाने के लिए लगेगा सोलर पैनल

पीजीडीएवी कॉलेज की जहां पर भरपूर मात्रा में उपलब्ध सौर्य ऊर्जा का प्रयोग करके बिजली से चलने वाले सभी उपकरणों को संचालित किया जाएगा. बता दें कि मार्च 2020 तक इस कॉलेज में 100 वाट का सोलर पैनल लग जाएगा. जिससे बिजली की खपत के साथ-साथ कुल खर्चा भी एक तिहाई रह जाएगी.

PGDAV कॉलेज
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Published : Oct 12, 2019, 2:32 PM IST

नई दिल्ली: देश में आबादी बढ़ने के साथ ही कृत्रिम रूप से बनाई गई ऊर्जा की खपत भी इतनी बढ़ चुकी है कि नौबत अब उसके संरक्षण की आ गई है. वहीं ऊर्जा बचाने के लिए देशभर में कई प्रयास किए जा रहे हैं. ऐसे में दिल्ली विश्वविद्यालय के पीजीडीएवी कॉलेज ने भी कृत्रिम ऊर्जा के साथ प्राकृतिक ऊर्जा से सभी संसाधन संचालित करने की पहल की है.

PGDAV कॉलेज में बिजली बचाने के लिए लगेगा सोलर पैनल

पीजीडीएवी कॉलेज की जहां पर भरपूर मात्रा में उपलब्ध सौर्य ऊर्जा का प्रयोग करके बिजली से चलने वाले सभी उपकरणों को संचालित किया जाएगा. बता दें कि मार्च 2020 तक इस कॉलेज में 100 वाट का सोलर पैनल लग जाएगा. जिससे बिजली की खपत के साथ-साथ कुल खर्चा भी एक तिहाई रह जाएगी.

'प्राकृतिक ऊर्जा भरपूर मात्रा में उपलब्ध है'

कॉलेज में सोलर पैनल लगाए जाने की इस पहल को लेकर पीजीडीएवी कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर मुकेश अग्रवाल ने ईटीवी भारत को बताया कि देशभर में इन दिनों ऊर्जा बचाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी वातावरण संरक्षण पर जोर दे रहे हैं. ऐसे में कॉलेज कैसे पीछे रह सकता है. उन्होंने कहा कि कृत्रिम ऊर्जा भले ही सीमित हो लेकिन प्राकृतिक ऊर्जा अभी भी हमारे पास भरपूर मात्रा में उपलब्ध है और कॉलेज ने इसी प्राकृतिक ऊर्जा का इस्तेमाल करने की पहल की है. उन्होंने बताया कि बिजली के साथ अब सौर ऊर्जा का प्रयोग कर सभी संसाधन चलाए जाएंगे.

'खर्च कम होगा'

प्रोफेसर अग्रवाल ने कहा कि सोलर पैनल लगाए जाने के पीछे मुख्य कारण रहा वातावरण संरक्षण में अपना योगदान देना और बिजली की खपत को कम करना. उन्होंने बताया कि कॉलेज दो पाली में चलता है, जिसका मासिक बिजली का बिल लगभग 6 से 7 लाख तक आ जाता है. वहीं सोलर पैनल लगाए जाने के बाद न केवल खर्च कम होगा. बल्कि बिजली की भी काफी बचत की जा सकेगी.

'2020 तक कॉलेज में सोलर पैनल लग जाएगा'

उन्होंने बताया कि सोलर पैनल लगाने में करीब 50 से 60 लाख तक का खर्चा आ सकता है. इसको लेकर कॉलेज की बिल्डिंग समिति द्वारा जब बिजली के बिल पर होने वाले खर्चे का आंकलन किया गया तो यह निष्कर्ष निकाला कि वन टाइम इन्वेस्टमेंट करके अगर भविष्य में होने वाले खर्चे को कम किया जा सकता है और बिजली बचाई जा सकती है तो इसमें कोई बुराई नहीं है. यही कारण है कि कॉलेज समिति ने सोलर पैनल लगाने के इस प्रोजेक्ट को पारित कर दिया है और उम्मीद है कि मार्च 2020 तक कॉलेज में पूरी तरह से लग जाएगा.

प्रोफेसर मुकेश अग्रवाल ने कहा कि यह सोलर पैनल दो चरण में लगाया जाएगा, जिसमें पहले चरण में 100 किलो मेगावाट और दूसरे चरण में 50 मेगा वॉट लगाया जाएगा. यानी कुल मिलाकर कॉलेज में 150 वॉट का सोलर पैनल लगाया जाएगा.

नई दिल्ली: देश में आबादी बढ़ने के साथ ही कृत्रिम रूप से बनाई गई ऊर्जा की खपत भी इतनी बढ़ चुकी है कि नौबत अब उसके संरक्षण की आ गई है. वहीं ऊर्जा बचाने के लिए देशभर में कई प्रयास किए जा रहे हैं. ऐसे में दिल्ली विश्वविद्यालय के पीजीडीएवी कॉलेज ने भी कृत्रिम ऊर्जा के साथ प्राकृतिक ऊर्जा से सभी संसाधन संचालित करने की पहल की है.

PGDAV कॉलेज में बिजली बचाने के लिए लगेगा सोलर पैनल

पीजीडीएवी कॉलेज की जहां पर भरपूर मात्रा में उपलब्ध सौर्य ऊर्जा का प्रयोग करके बिजली से चलने वाले सभी उपकरणों को संचालित किया जाएगा. बता दें कि मार्च 2020 तक इस कॉलेज में 100 वाट का सोलर पैनल लग जाएगा. जिससे बिजली की खपत के साथ-साथ कुल खर्चा भी एक तिहाई रह जाएगी.

'प्राकृतिक ऊर्जा भरपूर मात्रा में उपलब्ध है'

कॉलेज में सोलर पैनल लगाए जाने की इस पहल को लेकर पीजीडीएवी कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर मुकेश अग्रवाल ने ईटीवी भारत को बताया कि देशभर में इन दिनों ऊर्जा बचाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी वातावरण संरक्षण पर जोर दे रहे हैं. ऐसे में कॉलेज कैसे पीछे रह सकता है. उन्होंने कहा कि कृत्रिम ऊर्जा भले ही सीमित हो लेकिन प्राकृतिक ऊर्जा अभी भी हमारे पास भरपूर मात्रा में उपलब्ध है और कॉलेज ने इसी प्राकृतिक ऊर्जा का इस्तेमाल करने की पहल की है. उन्होंने बताया कि बिजली के साथ अब सौर ऊर्जा का प्रयोग कर सभी संसाधन चलाए जाएंगे.

'खर्च कम होगा'

प्रोफेसर अग्रवाल ने कहा कि सोलर पैनल लगाए जाने के पीछे मुख्य कारण रहा वातावरण संरक्षण में अपना योगदान देना और बिजली की खपत को कम करना. उन्होंने बताया कि कॉलेज दो पाली में चलता है, जिसका मासिक बिजली का बिल लगभग 6 से 7 लाख तक आ जाता है. वहीं सोलर पैनल लगाए जाने के बाद न केवल खर्च कम होगा. बल्कि बिजली की भी काफी बचत की जा सकेगी.

'2020 तक कॉलेज में सोलर पैनल लग जाएगा'

उन्होंने बताया कि सोलर पैनल लगाने में करीब 50 से 60 लाख तक का खर्चा आ सकता है. इसको लेकर कॉलेज की बिल्डिंग समिति द्वारा जब बिजली के बिल पर होने वाले खर्चे का आंकलन किया गया तो यह निष्कर्ष निकाला कि वन टाइम इन्वेस्टमेंट करके अगर भविष्य में होने वाले खर्चे को कम किया जा सकता है और बिजली बचाई जा सकती है तो इसमें कोई बुराई नहीं है. यही कारण है कि कॉलेज समिति ने सोलर पैनल लगाने के इस प्रोजेक्ट को पारित कर दिया है और उम्मीद है कि मार्च 2020 तक कॉलेज में पूरी तरह से लग जाएगा.

प्रोफेसर मुकेश अग्रवाल ने कहा कि यह सोलर पैनल दो चरण में लगाया जाएगा, जिसमें पहले चरण में 100 किलो मेगावाट और दूसरे चरण में 50 मेगा वॉट लगाया जाएगा. यानी कुल मिलाकर कॉलेज में 150 वॉट का सोलर पैनल लगाया जाएगा.

Intro:नई दिल्ली ।

देश में आबादी बढ़ने के साथ ही कृत्रिम रूप से बनाई गई उर्जा की खपत भी इतनी बढ़ चुकी है कि नौबत अब उसके संरक्षण की आ गई है. वहीं ऊर्जा बचाने के लिए देशभर में कई प्रयास किए जा रहे हैं ऐसे में दिल्ली विश्वविद्यालय के इस कॉलेज ने भी कृत्रिम उर्जा के साथ प्राकृतिक ऊर्जा से सभी संसाधन संचालित करने की पहल की है. हम बात कर रहे हैं डीयू के पीजीडीएवी कॉलेज की जहां पर भरपूर मात्रा में उपलब्ध सौर्य ऊर्जा का प्रयोग करके बिजली से चलने वाले सभी उपकरणों को संचालित किया जाएगा. बता दें कि मार्च 2020 तक इस कॉलेज में 100 वाट का सोलर पैनल लग जाएगा जिससे बिजली की खपत के साथ साथ कुल खर्चा भी एक तिहाई रह जाएगा.




Body:कॉलेज में सोलर पैनल लगाए जाने की इस पहल को लेकर पीजीडीएवी कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर मुकेश अग्रवाल ने बताया कि देशभर में इन दिनों ऊर्जा बचाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी वातावरण संरक्षण पर जोर दे रहे हैं ऐसे में कॉलेज कैसे पीछे रह सकता है. उन्होंने कहा कि कृत्रिम ऊर्जा भले ही सीमित हो लेकिन प्राकृतिक उर्जा अभी भी हमारे पास भरपूर मात्रा में उपलब्ध है और कॉलेज ने इसी प्राकृतिक उर्जा का इस्तेमाल करने की पहल की है. उन्होंने बताया कि बिजली के साथ अब सौर ऊर्जा का प्रयोग कर सभी संसाधन चलाए जाएंगे.

प्रोफ़ेसर अग्रवाल ने कहा कि सोलर पैनल लगाए जाने के पीछे मुख्य कारण रहा वातावरण संरक्षण में अपना योगदान देना और बिजली की खपत को कम करना. उन्होंने बताया कि यह कॉलेज दो पाली में चलता है जिसका मासिक बिजली का बिल लगभग 6 से 7 लाख तक आ जाता है. वहीं सोलर पैनल लगाए जाने के बाद न केवल खर्च कम होगा बल्कि बिजली की भी काफी बचत की जा सकेगी.

उन्होंने बताया कि सोलर पैनल लगाने में करीब 50 से 60 लाख तक का खर्चा आ सकता है इसको लेकर कॉलेज की बिल्डिंग समिति द्वारा जब बिजली के बिल पर होने वाले खर्चे का आंकलन किया गया तो यह निष्कर्ष निकाला कि वन टाइम इन्वेस्टमेंट करके अगर भविष्य में होने वाले खर्चे को कम किया जा सकता है और बिजली बचाई जा सकती है तो इसमें कोई बुराई नहीं है. यही कारण है कि कॉलेज समिति ने सोलर पैनल लगाने के इस प्रोजेक्ट को पारित कर दिया है और उम्मीद है कि मार्च 2020 तक कॉलेज में पूरी तरह से लग जाएगा.


Conclusion:वहीं पीजीडीएवी कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर मुकेश अग्रवाल ने कहा कि यह सोलर पैनल दो चरण में लगाया जाएगा जिसमें पहले चरण में 100 किलो मेगावाट और दूसरे चरण में 50 मेगा वॉट लगाया जाएगा यानी कुल मिलाकर कॉलेज में 150 वॉट का सोलर पैनल लगाया जाएगा.
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