नई दिल्ली: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अपने स्वास्थ्य पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते हैं. इसी कारण स्ट्रोक के मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. इसलिए लोगों को स्ट्रोक (stroke) के बारे में जागरूक करने के लिए हर साल विश्व स्ट्रोक दिवस मनाया जाता है. मस्तिष्क में रक्त की कमी स्ट्रोक का सबसे बड़ा कारण है. एम्स अस्पताल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया जहां न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट की हेड डॉक्टर पद्मा श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए एक नए ऐप की लॉन्चिंग की.
डॉक्टर पद्मा श्रीवास्तव ने बताया कि कि अगर व्यक्ति अपने रक्त के संचार पर पूरी तरह से नियंत्रित कर ले तो, इस पर बीमारी से बच सकता है. इससे बचने के लिए हमें सबसे पहले अपने खाने-पीने पर खास ध्यान देना होगा. स्ट्रोक किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है. क्योंकि मस्तिष्क की कोशिकाओं में ऑक्सीजन न पहुंचने से ये मर जाती हैं और जिस वजह से व्यक्ति अपनी याददाश्त खोने लगता है.
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उच्च और कम रक्त दबाव के कारण स्ट्रोक की समस्या होती है. इसको नियंत्रित में रखने के लिए मोटापा को कम करें, इसके साथ ही शरीर में वसा फैट इकट्ठा न होने दें, रोजाना व्यायाम करें, धूम्रपान और शराब सेवन से हमेशा दूर रहें, अत्यधिक वसा वाले खाने सेवन न करें, अगर कोई लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. डॉ. पद्मा ने बताया कि कोरोना काल के समय सभी ओपीडी बंद थी. ऐसे में इलाज नहीं हो पा रही थी लेकिन अब कई कैसे सामने आ रहे हैं. ज्यादातर नौजवान युवाओं में स्ट्रोक के केस बड़ रहे हैं. ऐसे में हमें सतर्क और जागरूक रहने की जरूरत है.
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