नई दिल्ली: दक्षिणी दिल्ली के महरौली में हुए श्रद्धा मर्डर केस मामले में डीएनए रिपोर्ट और फॉरेंसिक रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल होने के बाद अब इस मामले की सुनवाई अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मनीषा खुराना कक्कड़ को सौंप दी गई है. इससे पहले मामले की सुनवाई मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अविरल शुक्ला कर रहे थे. दरअसल, महरौली थाना पुलिस ने इस मामले की शुरुआत अपहरण की धाराओं से जुड़े एक मामले से की थी. जो मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के जूरिडिक्शन में आता है. लेकिन जांच रिपोर्ट और मामले की अन्य कड़ियां सामने आने के बाद इस मामले में 302 की धारा जोड़ दी गई है, जिसके बाद अब इस केस की सुनवाई अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश द्वारा की जाएगी.
पुलिस द्वारा दाखिल किए गए आरोप पत्र में आरोपी आफताब और मृतका श्रद्धा के मोबाइल और लैपटॉप के टेक्निकल एविडेंस के अलावा इंटरनेट मीडिया के खातों की जांच, कॉल रिकॉर्ड विवरण, जीपीएस लोकेशन, क्रेडिट कार्ड और अन्य माध्यमों से हुए भुगतान के विवरण तथा श्रद्धा के दोस्तों से की गई पूछताछ को भी रिकॉर्ड में रखा गया है.
इसके बाद आफताब के नार्को टेस्ट, पालीग्राफी टेस्ट और डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट आने के बाद आरोप पत्र तैयार किया गया और कोर्ट में दाखिल किया गया है. इस मामले में दर्ज की गई एफआईआर में पुलिस ने दो धाराएं लगाई हैं, जिनमें धारा 302 (हत्या) और धारा 201 (सबूत मिटाना) लगाई गई है. आरोपी को अधिकतम मौत की सजा और न्यूनतम उम्रकैद हो सकती है.
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अब तक की जांच में यह सामने आया है कि आफताब ने श्रद्धा की हत्या इसलिए की थी कि वह वारदात के वाले दिन अपने एक दोस्त से मिल कर आई थी. जब वह घर आई तो दोनों में विवाद हुआ. इसके बाद आफताब ने श्रद्धा की गला दबाकर हत्या कर दी.
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यह थी घटनाः दिल्ली के महरौली इलाके में 28 वर्षीय आफताब ने विगत वर्ष मई में श्रद्धा की हत्या की थी. श्रद्धा, आफताब की लिव-इन पार्टनर थी. श्रद्धा की हत्या के बाद आफताब ने शव के टुकड़ों को फ्रिज में रखा था और उन्हें कुछ दिनों में महरौली के आसपास के जंगलों में फेंक दिया था. श्रद्धा के पिता विकास की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने विगत 10 नवंबर को गुमशुदगी का केस दर्ज किया था. इसके बाद पुलिस ने इस मामले 12 नवंबर को आफताब को गिरफ्तार कर लिया था.