नई दिल्लीः दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने कुख्यात गैंगस्टर नीतू दाबोदिया-अशोक प्रधान-गुल्लर प्रधान गिरोह के शूटर विशाल को गिरफ्तार किया है. कुख्यात नवीन बाली-नीरज बवाना गिरोह का इस गिरोह से लंबे समय से गैंगवार चल रहा है. गुल्लर प्रधान की कुछ साल पहले नवीन बाली गिरोह ने हत्या कर दी थी. नीतू दाबोदिया को स्पेशल सेल कई साल पहले वसंत कुंज में मुठभेड़ में मार गिराया था. विशाल, बवाना में एक दुकान में घुसकर हथियारों के बल पर पांच लाख रुपये लूटने में वांछित था. वारदात के बाद पिछले दो वर्षों से वह गिरफ्तारी से बच रहा था.
विशेष आयुक्त अपराध शाखा रवींद्र सिंह यादव के मुताबिक अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए ज्वाइंट सीपी एसडी मिश्रा ने डीसीपी सतीश कुमार और एसीपी यशपाल सिंह की देखरेख में एक टीम का गठन किया, जिसमें इंस्पेक्टर पवन सिंह, एसआई अनुज छीकारा, रविंद्र सिंह, अनिल सरोहा, एएसआई रविंदर, हेड कांस्टेबल रविंद्र सिंह आशीष रविंदर, भाबर, कांस्टेबल सोहित और पवन को शामिल किया गया और छानबीन शुरु कर दी.
उन्होंने बताया कि विशाल के खिलाफ पहले ही तीन जघन्य मामले दर्ज हैं. वह पैरोल भी जंप कर चुका है. लूटपाट के मामले में उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया था. विशाल, रोहतक का रहने वाला है. वह प्रतिद्वंद्वी गिरोहों से बदला लेने के लिए गिरोह के सदस्यों के साथ हत्या, हत्या के प्रयास और डकैती के मामलों में शामिल रहा है. पांच मई 2019 को बवाना के रहने वाले लोकेश गुप्ता जब बवाना मार्केट स्थित अपनी दुकान में रात साढे दस बजे ताला बंद करना चाह रहे थे, तभी चार बदमाश कार से वहां आ धमके. दो बदमाश दुकान के बाहर खड़ा हो गए और दो अन्य उनकी दुकान में घुस गए. हथियारों के बल पर वे पांच लाख नगदी लूट कर फरार हो गए.
स्थानीय पुलिस ने गौरव मोंटी, हितेश उर्फ हैप्पी बाजितपुरिया, नितेश धोंधू, लक्ष्य उर्फ गोलू और विशाल को गिरफ्तार कर लिया था. कोरोना के दौरान विशाल को जमानत मिल गई थी. उसके बाद उसने समर्पण नहीं किया. शुक्रवार को क्राइम ब्रांच को सूचना मिली कि विशाल अपने सहयोगी से मिलने नजफगढ़ इलाके में आएगा, तब उसे दबोच लिया गया. अशोक प्रधान-गुल्लर प्रधान गिरोह की नीरज बवाना-नवीन बाली गिरोह से रंजिश है.
झज्जर न्यायालय परिसर में अशोक प्रधान गिरोह द्वारा काला असोदिया की उस समय हत्या कर दी थी, जब पुलिस उसे अदालत में पेश करने लाई थी. अशोक प्रधान के भाई दिलबाग सिंह की हत्या के प्रतिशोध में वह हत्या की गई थी. काला असोदिया खूंखार गैंगस्टर नीरज बवानिया का मामा था. नीरज बवानिया, एक समय काला असोदिया से ही अपराध का गुर सीखा था. इस हत्याकांड के प्रतिशोध में नीरज बवानिया-नवीन बाली ने नूना माजरा, बहादुरगढ़ की कार वर्कशॉप में गुल्लर प्रधान की उसके गांव में ही हत्या कर दी थी. हत्याकांड में करीब 40 राउंड से ज्यादा गोलियां चली थी. 17 गोलियां गुल्लर प्रधान को लगी थी.
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