नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के INA हाट में इस बार उत्तर प्रदेश की प्रदर्शनी लगाई गई है. इस प्रदर्शनी की सबसे चर्चित दुकान यूपी के बांदा जिले की है, जिसमें शजर पत्थर मिलते हैं. केन नदी से निकलने वाले ये पत्थर बेहद खूबसूरत होते हैं. अपने भीतर दिखने वाली खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध इन पत्थरों में कुदरत के चित्रों का खजाना समाहित है.
ईटीवी भारत से बात करते हुए द्वारका प्रसाद सोनी जिन्हें इन पत्थरों से कलाकृतियां बनाने में महारत हासिल है ने बताया कि यह एक अजूबा पत्थर है जो पूरे विश्व में सिर्फ बांदा जिले में पाया जाता है. एक छोटा सा पत्ता है जहां पत्थर को लेकर आते हैं फिर इसकी घिसाई करते हैं. इन पत्थरों की कलाकृतियां बनाने में बहुत मेहनत लगता है. इसी वजह से द्वारका प्रसाद सोनी को राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री और विदेशों में भी कई पुरस्कार मिल चुके हैं.
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द्वारका प्रसाद सोनी ने बताया कि उन्होंने इस पत्थर से अंगूठी, ईयर रिंग्स के आलावा ताजमहल और भारत का नक्शा भी बनाया है. इसे बनाने के लिए पत्थर को पहले काटा जाता है कटिंग में ये ध्यान रखना होता है कि कहीं कटिंग में इसकी डिजाइन ना कट जाए, फिर उसके बाद काटने के बाद घिसाई की जाती है, जिसमें ये देखना पड़ता है कि कहीं जो आकृति निकल रही है वह खराब ना हो जाए फिर पत्जिथर पूरी तरह से बनता है. इस पत्थर की खास बात ये है कि इसमें जानवर, भगवान, इंसान किसी की भी आकृति अपने आप ही आती है. द्वारका प्रसाद ने बताया कि आईएनए हाट में उत्तर प्रदेश की प्रदर्शनी को अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है और पत्थर को देखने के बाद लोग भी इसे खरीद रहे हैं.
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वहीं द्वारका प्रसाद सोनी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए कहा कि बुंदेलखंड के बांदा में पहले सिर्फ 4-5 उद्योग ही चलते थे लेकिन सीएम हस्तशिल्प रोजगार को बढ़ावा दे रहे हैं जो पूरे उत्तर प्रदेश के लिए गौरव की बात है. उन्होंने बताया किपूरे देशभर में इस पत्थर की धूम है और इस पत्र की वजह से उन्हें कई अवार्ड भी मिल चुके हैं.
बता दें कि भारत के केन और नर्मदा नदियों में शजर पत्थर पाया जाता है. कई रंगों में मिलने वाले इस पत्थर का धार्मिक महत्व भी है. हिंदू और अन्य समुदाय के लोग इसे सोने और चांदी की अंगूठी में जड़वाकर पहनते हैं. अरब में इसे 'हकीक' के नाम से जाना जाता है.