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संगम विहारः गली नंबर-8 के लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर - sangam vihar water logging

गली नंबर 8 संगम विहार के सबसे गहरी गलियों में से एक है, जहां बरसात के मौसम में सभी जगह से पानी आकर जमा हो जाता है और लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं. लोगों ने कहा कि स्थानीय विधायक के दफ्तर का चक्कर लगा-लगाकर परेशान हो गए हैं, लेकिन काम नहीं हो रहा है.

sangam vihar street number 8 in bad condition
संगम विहार गली की स्थिति
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Published : Feb 27, 2021, 1:58 PM IST

नई दिल्लीः संगम विहार में एक ऐसी भी गली है जो सबसे गहरी है. इस गली में चलना किसी कुएं में होने जैसा अहसास देता है. लगभग 200 घरों वाली यह 8 नंबर गली है. जिसे नीरज गुप्ता गली नाम से भी जाना जाता है. जो भाजपा के पूर्व निगम पार्षद रहे हैं. इस गली की हालत बेहद खराब है. बारिश के मौसम में पूरे संगम विहार का पानी यहीं आकर जमा हो जाता है. कई बार पानी लोगों के घरों में घुस जाता है, जिससे उनके घरों में बिजली का करंट दौड़ने लगता है.

संगम विहार में गली की स्थिति खराब

गली के निर्माण के लिए स्थानीय लोग कई बार निगम पार्षद और विधायक दिनेश मोहनिया के दफ्तर का चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन लगभग 6 महीने बीत जाने के बावजूद केवल थोड़ा-सा मलबा डालने को छोड़कर कुछ भी काम नहीं हो पाया है, जिससे लोगों में निगम पार्षद और विधायक के प्रति काफी रोष है.

स्थानीय लोगों का आरोप है कि 15 सालों से यह गली उपेक्षित पड़ा है. गली इतनी गहरी है कि ऊपर चढ़ते हुए लोग कई बार गिर चुके हैं और उनके हाथ पैर टूट गए हैं. इस गली में अगर कोई गंभीर रूप से बीमार पड़ता है, तो उन्हें अस्पताल पहुंचाना भी काफी मुश्किल होता है. बरसात के मौसम में कमर से ऊपर तक पानी भरे होने की वजह से लोग न तो काम पर जा पाते हैं और ना ही बच्चे स्कूल जा पाते हैं.

योगदान के लिए स्थानीय लोग भी तैयार

गली में एक दिक्कत यह है कि लोगों ने अपने घरों के छज्जे बाहर सड़क तक निकाल रखी है, जिसकी वजह से यहां पर मलबा डालने में काफी परेशानी हो रही है. स्थानीय लोगों का कहना है कि वह अपना पैसा खुद लगाकर छज्जे तोड़ने को तैयार हैं, लेकिन पहले यहां काम शुरू तो हो. स्थानीय लोग भी पैसा खर्च करने को तैयार हैं, लेकिन इस गली का उद्धार करने के लिए कोई भी सामने नहीं आ रहा है.

स्थानीय महिलाओं का कहना है कि 5 महीने से लगातार आम आदमी पार्टी का दफ्तर का चक्कर लगा रही हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो पा रही है. जब-जब शिकायत लेकर पहुंचते हैं उसके एक दिन बाद 2-3 बोरियां मलबा यहां डलवा देते हैं और फिर शांत बैठ जाते हैं. लोगों ने कहा कि निगम पार्षद जितेंद्र कुमार जीतू इस गली में कई बार आ चुके हैं, लेकिन महिलाओं का आरोप है कि वह सिर्फ समस्या देख कर ही चले जाते हैं.

यह भी पढ़ेंः-ईटीवी चौपालः शालीमार बाग में पार्किंग का बुरा हाल, उम्मीदवारों के लिए बना सवाल

'मलवा डालकर काम शुरू करेंगे'

इस बारे में निगम पार्षद जितेंद्र कुमार जीतू का कहना है कि गली बहुत पतली है और गहरी है. यहां मलबा डालने के लिए कोई भी गाड़ी नहीं आ सकती है. लोगों के घरों के छज्जे की वजह से गाड़ी अंदर नहीं जा पाती है. उन्होंने कहा कि जल्दी ही यहां मजदूर लगाकर मलबा डालने का काम शुरू करेंगे. यहां ज्यादा मात्रा में मलबा डालने की जरूरत है, क्योंकि गली बहुत ही गहरी है. इसलिए थोड़ा समय लगेगा, लेकिन काम हो जाएगा.

नई दिल्लीः संगम विहार में एक ऐसी भी गली है जो सबसे गहरी है. इस गली में चलना किसी कुएं में होने जैसा अहसास देता है. लगभग 200 घरों वाली यह 8 नंबर गली है. जिसे नीरज गुप्ता गली नाम से भी जाना जाता है. जो भाजपा के पूर्व निगम पार्षद रहे हैं. इस गली की हालत बेहद खराब है. बारिश के मौसम में पूरे संगम विहार का पानी यहीं आकर जमा हो जाता है. कई बार पानी लोगों के घरों में घुस जाता है, जिससे उनके घरों में बिजली का करंट दौड़ने लगता है.

संगम विहार में गली की स्थिति खराब

गली के निर्माण के लिए स्थानीय लोग कई बार निगम पार्षद और विधायक दिनेश मोहनिया के दफ्तर का चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन लगभग 6 महीने बीत जाने के बावजूद केवल थोड़ा-सा मलबा डालने को छोड़कर कुछ भी काम नहीं हो पाया है, जिससे लोगों में निगम पार्षद और विधायक के प्रति काफी रोष है.

स्थानीय लोगों का आरोप है कि 15 सालों से यह गली उपेक्षित पड़ा है. गली इतनी गहरी है कि ऊपर चढ़ते हुए लोग कई बार गिर चुके हैं और उनके हाथ पैर टूट गए हैं. इस गली में अगर कोई गंभीर रूप से बीमार पड़ता है, तो उन्हें अस्पताल पहुंचाना भी काफी मुश्किल होता है. बरसात के मौसम में कमर से ऊपर तक पानी भरे होने की वजह से लोग न तो काम पर जा पाते हैं और ना ही बच्चे स्कूल जा पाते हैं.

योगदान के लिए स्थानीय लोग भी तैयार

गली में एक दिक्कत यह है कि लोगों ने अपने घरों के छज्जे बाहर सड़क तक निकाल रखी है, जिसकी वजह से यहां पर मलबा डालने में काफी परेशानी हो रही है. स्थानीय लोगों का कहना है कि वह अपना पैसा खुद लगाकर छज्जे तोड़ने को तैयार हैं, लेकिन पहले यहां काम शुरू तो हो. स्थानीय लोग भी पैसा खर्च करने को तैयार हैं, लेकिन इस गली का उद्धार करने के लिए कोई भी सामने नहीं आ रहा है.

स्थानीय महिलाओं का कहना है कि 5 महीने से लगातार आम आदमी पार्टी का दफ्तर का चक्कर लगा रही हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो पा रही है. जब-जब शिकायत लेकर पहुंचते हैं उसके एक दिन बाद 2-3 बोरियां मलबा यहां डलवा देते हैं और फिर शांत बैठ जाते हैं. लोगों ने कहा कि निगम पार्षद जितेंद्र कुमार जीतू इस गली में कई बार आ चुके हैं, लेकिन महिलाओं का आरोप है कि वह सिर्फ समस्या देख कर ही चले जाते हैं.

यह भी पढ़ेंः-ईटीवी चौपालः शालीमार बाग में पार्किंग का बुरा हाल, उम्मीदवारों के लिए बना सवाल

'मलवा डालकर काम शुरू करेंगे'

इस बारे में निगम पार्षद जितेंद्र कुमार जीतू का कहना है कि गली बहुत पतली है और गहरी है. यहां मलबा डालने के लिए कोई भी गाड़ी नहीं आ सकती है. लोगों के घरों के छज्जे की वजह से गाड़ी अंदर नहीं जा पाती है. उन्होंने कहा कि जल्दी ही यहां मजदूर लगाकर मलबा डालने का काम शुरू करेंगे. यहां ज्यादा मात्रा में मलबा डालने की जरूरत है, क्योंकि गली बहुत ही गहरी है. इसलिए थोड़ा समय लगेगा, लेकिन काम हो जाएगा.

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