नई दिल्ली: राजधानी में एक बार फिर कोरोना के मामले 3 हजार के आसपास पहुंच गया है. दिल्ली में सर्वाधिक हॉटस्पॉट में से एक इलाका संगम विहार भी है. इसे देखते हुए दिल्ली सरकार ने सभी मोहल्ला क्लीनिक को भी कोरोना टेस्ट के लिए रेफर करने के लिए अधिकृत किया है.
संगम विहार में कुल 5 मोहल्ला क्लीनिक है. जहां हर रोज औसतन 500 मरीज छोटी-मोटी बीमारियों के इलाज के लिए आते हैं. इन दिनों मोहल्ला क्लीनिक पर ज्यादातर मरीज सर्दी जुखाम, बुखार, बदन दर्द जैसी शिकायतों के साथ आ रहे हैं. जो सीजनल वायरल बीमारी के अलावा कोरोना के भी लक्षण हैं. जिन मरीजों को सांस लेने में दिक्कत होती है. उन्हें तुरंत कोरोना जांच के लिए कोविड सेंटर रेफर कर दिया जाता है.
एक मोहल्ला क्लिनिक से कोविड जांच के लिए रेफर
मोहल्ला क्लीनिक के डॉक्टर के मुताबिक हर रोज 8 ऐसे मरीज आते हैं, जिन्हें कोरोना संदिग्ध मानते हुए कोविड जांच के लिए दिल्ली सरकार की ओर से चिन्हित जांच केंद्र में रेफर किया जाता है. इस लिहाज से देखा जाए तो संगम विहार के 5 मोहल्ला क्लीनिक से हर रोज और औसतन 40 से अधिक मरीजों को जांच के लिए रेफर किया जाता है.
बुखार, सांस की दिक्कत और खांसी की समस्या के साथ पहुंचे बुजुर्ग
संगम विहार गली नंबर 15 स्थित मोहल्ला क्लिनिक में करीब 67 वर्ष के बुजुर्ग पहुंचे. जिन्हें सांस लेने के लिए काफी जोर लगाना पड़ रहा था. उन्हें बुखार और खांसी भी थी. बिना जांच कराए उन्हें लग रहा था कि उन्हें कोरोना नहीं है, लेकिन डॉक्टर ने उनकी समस्या देखते हुए कोरोना जांच के लिए रेफर किया.
हर बार अलग जांच घर रेफर किया जाता है
जांच केंद्र हर बार अलग-अलग होता है. मोहल्ला क्लीनिक के पास ऐसे जांच केंद्रों की एक सूची होती है, जिनका रोटेशन निर्धारित होता है. इसीनेलिए हर दिन के हिसाब से रोटेशन वाइज जांच केंद्रों का नाम होता है. उन्हीं जांच केंद्रों में कोरोना संक्रमण संदिग्ध मरीजों को जांच के लिए भेजा जाता है. आमतौर पर संगम विहार के मोहल्ला क्लीनिक के मरीजों को डी ब्लॉक या जामिया हमदर्द अस्पताल में रेफर किया जाता है. इन मरीजों का यहां मुफ्त में जांच की व्यवस्था है.
सभी मरीजों का होता है एंटीजन टेस्ट
मोहल्ला क्लिनिक के एक डॉक्टर के मुताबिक जिन मरीजों को कोरोना टेस्ट के लिए रेफर किया जाता है. उन सबका एंटीजन टेस्ट होता है. हालांकि इस टेस्टिंग मेथड की सेंसिटिविटी केवल 30 से 40 फीसदी ही है. जिसमें काफी मरीजों के फॉल्स निगेटिव रिपोर्ट आती है.
ऐसी परिस्थिति में ये कहना मुश्किल है कि जिन मरीजों का एंटीजन टेस्ट निगेटिव आता है. क्या वो बाद में कोविड पॉजिटिव पाए जाते हैं या नहीं, क्योंकि इस तरह के आंकड़ें मोहल्ला क्लिनिक या जिला के नोडल अधिकारियों की ओर से संग्रहित नहीं किए जाते हैं.