नई दिल्ली: राजधानी में इन दिनों रमजान के महीने में इफ्तार पार्टी का आयोजन किया जा रहा है. इसी क्रम में दिल्ली के इंडियन इस्लामिक कल्चर सेंटर में गुरुवार को इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया, जिसमें आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार भी शामिल हुए. उन्होंने कहा कि, देश में रमजान का पवित्र महीना चल रहा है और इस मौके पर इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया है. यहां पर एक बड़ी संख्या में हिंदू और मुस्लिम शामिल हुए हैं और सभी में भाईचारा देखने को मिल रहा है.
अखिलेश यादव के ट्वीट पर इंद्रेश कुमार ने दी प्रतिक्रिया: माफिया अतीक अहमद के बेटे और उसके एक साथी को लेकर अखिलेश यादव के ट्वीट पर इंद्रेश कुमार ने कहा कि, यूपी में कुछ लोग इस एनकाउंटर को मजहबी रंग से जोड़ने की कोशिश में लगे हुए हैं, लेकिन जनता सब जानती है. जब इनकी सरकार थी तो यह लोगों को जाति के नाम बांट रहे थे और इनकी ही सरकार में माफिया फल-फूल रहे थे. इन्हीं लोगों की शह की वजह से ये लोग इतने बड़े माफिया बन गए. लेकिन अति का अंत होता है. जब उत्तर प्रदेश में माफिया पनप रहे थे, तब इन्हीं की सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे उनके हौसले और बढ़ते गए.
अखिलेश यादव पर माफियाओं लोगों को बढ़ावा देन का लगाया आरोप: आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने कहा कि, आज भले अखिलेश यादव और पार्टी आरोप लगा रही है, लेकिन जितने भी माफिया यूपी में फल-फूल रहे थे सब जानते हैं कि कौन इन्हें संरक्षण दे रहा था. जनता अब जाग चुकी है. अखिलेश और पार्टी कितना भी लोगों को मजहब के नाम पर उकसाने की कोशिश कर लें, अब इनकी बातों में कोई नहीं आने वाला. जब उत्तर प्रदेश में इनकी सरकार थी, तो इन्होंने ही माफियाओं लोगों को बढ़ावा दिया था. आप लोग गलत आदमी का बचाव करेंगे तो एक न एक दिन वह स्वंय ही उसका शिकार हो जाएगा. इन लोगों के आंतक से पूरा यूपी त्रस्त था.उन्होंने यह भी कहा कि, कुछ विपक्षी पार्टियों को मिर्ची जरूर लग रही है और वे लोगों को उकसा रही हैं. साथ ही वे इस कार्रवाई को एक धर्म विशेष के खिलाफ बता रहे हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने जिसका एनकाउंटर किया गया, वह अपराधी था. अगर आप इसे भारत के नजरिए से देखेंगे तो यह कार्रवाई बिल्कुल ठीक है. यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश के माफिया और गुंडों के खिलाफ हुई है.
तमाम लोगों ने पार्टी में की शिरकत: इस मौके पर ऑल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन के मुख्य इमाम डॉ. इमाम उमैर अहमद इलियासी ने देश और दुनिया में शांति की दुआ पढ़ी तथा एकता, अखंडता और भाईचारे पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि, जबरदस्ती धर्मांतरण और हिंसा नहीं करनी चाहिए. सभी अपने-अपने धर्म और जाति को मानें. साथ ही दूसरे धर्म की आलोचना न करते हुए सभी को मिलकर जुलकर रहना चाहिए. उनके अलावा मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक शाहिद अख्तर, माजिद तालिकोटी, बिलाल रहमान, शालिनी अली, शाहिद सईद, इंडिया इस्लामिक सांस्कृतिक केंद्र के अध्यक्ष सिराजुद्दीन कुरैशी, प्रोफेसर, वरिष्ठ अधिवक्ता और बुद्धिजीवी भी कार्यक्रम में शामिल रहे.
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