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मुफ्त राशन के लिए संगम विहार में मची भगदड़, कोरोना गाइडलाइन का हुआ उल्ल्घंन - मुफ्त राशन के लिए भगदड़

कोरोना काल में राहत के तौर पर सरकार की तरफ से राशन कार्डधारियों को राशन दिया जा रहा है. रविवार को संगम विहार में राशन के लिए कूपन बांटने के दौरान भगदड़ मची. सैंकड़ों लोग बिना मास्क और फिजिकल डिस्टेंस के एक दूसरे से चिपके रहे, फिर भी ज्यादातर लोगों को राशन नहीं मिला.

Rampage in Sangam Vihar for free ration in delhi
मुफ्त राशन के लिए संगम विहार में मची भगदड़
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Published : Oct 27, 2020, 12:52 PM IST

नई दिल्ली: कोरोना का कहर एक बार फिर बढ़ गया है. रविवार को करीब 4200 के नए मामले सामने आए और इन मामलों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है. इसके बावजूद त्यौहार की समय में लोग सुरक्षा के उपाय मास्क और फिजिकल डिस्टेंस को भूलने लगे हैं. यही कारण है कि कोटे के तहत बांटे जा रहे फ्री राशन के लिए लिये कोरोना के बढ़ते खतरे को भी नजरअंदाज कर रहे हैं. कोरोना काल में राशन कार्ड धारियों को नवंबर महीने तक मुफ्त राशन दिया जा रहा है. संगम विहार गली नंबर 12 में राशन की दुकान पर अक्टूबर महीने का राशन बांटने के दौरान कूपन को लेकर हंगामा मच गया. 50 लोगों को बांटा गया और उसके बाद करीब 200 लोगों को बिना कोई नंबर का के सादे कागज की टुकड़ी थमा दी और उन्हें कतार में खड़ा होने को बोल दिया गया.

मुफ्त राशन के लिए संगम विहार में मची भगदड़
कोरोना और सोशल डिस्टेंस भूले
राशन के लिए इतनी भीड़ खड़ी हो गई कि लोगों दो गज की दूरी सिमट कर इतने करीब हो गई कि वहां से हवा भी पास नहीं हो सकती थी. राशन के लिए बांटे जा रहे कूपन लेने के लिए लोगों ने सुबह 4 बजे से राशन की दुकान के सामने कतार लगानी शुरू कर दी. धीरे-धीरे कर यह कतार करीब 500 मीटर लंबी हो गई. सुबह करीब 10 बजे राशन की दुकान खुली. उसके बाद कूपन को लेकर वहां भगदड़ मच गई. केवल 50 लोगों को ही कूपन बांटा गया. बाकी लोगों को एक प्लेन पेपर बिना नंबर का देकर उन्हें लाइन में लगने को कह दिया गया. काफी लंबे समय से लाइन में खड़ा रहते हुए लोग फिजिकल डिस्टेंस नहीं बना पा रहे थे, एक दूसरे से बिल्कुल चिपके हुए थे.


सुबह 4 बजे कतार में लगे फिर भी नहीं मिला कूपन


राशन के लिए कतार एक महिला ने बताया कि वह सुबह 4 बजे से ही राशन के लिए लाइन में लग गई थी, लेकिन 10 बजे जब दुकान खुली तो यहां भगदड़ मच गई. जिसकी वजह से उन्हें कूपन नहीं मिल सका. सिर्फ 50 लोगों को ही कूपन दिया गया, बाकी बचे लोगों को एक सादा कागज लेकर उस पर दुकानदार सिर्फ अपना दस्तखत करके दे दिया, जिस पर कोई वेटिंग नंबर भी नहीं दिया गया है.


लोग मरने-मारने पर उतारू


डीलर बांके बिहारी से जब पूछा गया कि उन्होंने लोगों को कूपन क्यों नहीं बांटा तो इसपर बिना मास्क के राशन की पर्ची काटने में व्यस्त बांके बिहारी ने बताया कि कूपन के लिए लोगों ने हंगामा किया. जिसके चलते यहां भगदड़ मच गई, इसलिए सभी को कूपन नहीं दिया जा सका. लोगों के फिजिकल डिस्टेंस बनाए रखने के लिए गोला भी बनाया गया, लेकिन लोग इसका पालन नहीं कर पाए. लोग कूपन के लिए तो लड़ने-मरने को तैयार हैं.


पहले राशन पाने की मच गई होड़


कतार में लगे लोगों को सादा कागज देने के मामले पर डीलर ने बताया कि उन्होंने केवल 50 कूपन बांटे हैं. लोगों को किसने सादा कागज बिना नंबर का दिया उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. सभी को राशन मिलेगा, इसलिए मैंने सबको लाइन में लगे रहने के लिए बोल दिया. लेकिन सभी को पहले राशन चाहिए, लोगों में कोई अनुशासन है ही नहीं. हैरानी की बात यह थी कि सैकड़ों लोगों के बीच में राशन के लिए पर्चा काटने वाला डीलर अपने चेहरे पर मास्क नहीं लगाए हुए थे और ना ही वहां उनके सामने सैनिटाइजर रखी हुई थी. बड़े आराम से मुंह में गुटखा दबाए चबाए जा रहे थे. ऐसा लगता है कि गुटखा उन्हें कोरोना से बचा लेगा.

नई दिल्ली: कोरोना का कहर एक बार फिर बढ़ गया है. रविवार को करीब 4200 के नए मामले सामने आए और इन मामलों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है. इसके बावजूद त्यौहार की समय में लोग सुरक्षा के उपाय मास्क और फिजिकल डिस्टेंस को भूलने लगे हैं. यही कारण है कि कोटे के तहत बांटे जा रहे फ्री राशन के लिए लिये कोरोना के बढ़ते खतरे को भी नजरअंदाज कर रहे हैं. कोरोना काल में राशन कार्ड धारियों को नवंबर महीने तक मुफ्त राशन दिया जा रहा है. संगम विहार गली नंबर 12 में राशन की दुकान पर अक्टूबर महीने का राशन बांटने के दौरान कूपन को लेकर हंगामा मच गया. 50 लोगों को बांटा गया और उसके बाद करीब 200 लोगों को बिना कोई नंबर का के सादे कागज की टुकड़ी थमा दी और उन्हें कतार में खड़ा होने को बोल दिया गया.

मुफ्त राशन के लिए संगम विहार में मची भगदड़
कोरोना और सोशल डिस्टेंस भूले
राशन के लिए इतनी भीड़ खड़ी हो गई कि लोगों दो गज की दूरी सिमट कर इतने करीब हो गई कि वहां से हवा भी पास नहीं हो सकती थी. राशन के लिए बांटे जा रहे कूपन लेने के लिए लोगों ने सुबह 4 बजे से राशन की दुकान के सामने कतार लगानी शुरू कर दी. धीरे-धीरे कर यह कतार करीब 500 मीटर लंबी हो गई. सुबह करीब 10 बजे राशन की दुकान खुली. उसके बाद कूपन को लेकर वहां भगदड़ मच गई. केवल 50 लोगों को ही कूपन बांटा गया. बाकी लोगों को एक प्लेन पेपर बिना नंबर का देकर उन्हें लाइन में लगने को कह दिया गया. काफी लंबे समय से लाइन में खड़ा रहते हुए लोग फिजिकल डिस्टेंस नहीं बना पा रहे थे, एक दूसरे से बिल्कुल चिपके हुए थे.


सुबह 4 बजे कतार में लगे फिर भी नहीं मिला कूपन


राशन के लिए कतार एक महिला ने बताया कि वह सुबह 4 बजे से ही राशन के लिए लाइन में लग गई थी, लेकिन 10 बजे जब दुकान खुली तो यहां भगदड़ मच गई. जिसकी वजह से उन्हें कूपन नहीं मिल सका. सिर्फ 50 लोगों को ही कूपन दिया गया, बाकी बचे लोगों को एक सादा कागज लेकर उस पर दुकानदार सिर्फ अपना दस्तखत करके दे दिया, जिस पर कोई वेटिंग नंबर भी नहीं दिया गया है.


लोग मरने-मारने पर उतारू


डीलर बांके बिहारी से जब पूछा गया कि उन्होंने लोगों को कूपन क्यों नहीं बांटा तो इसपर बिना मास्क के राशन की पर्ची काटने में व्यस्त बांके बिहारी ने बताया कि कूपन के लिए लोगों ने हंगामा किया. जिसके चलते यहां भगदड़ मच गई, इसलिए सभी को कूपन नहीं दिया जा सका. लोगों के फिजिकल डिस्टेंस बनाए रखने के लिए गोला भी बनाया गया, लेकिन लोग इसका पालन नहीं कर पाए. लोग कूपन के लिए तो लड़ने-मरने को तैयार हैं.


पहले राशन पाने की मच गई होड़


कतार में लगे लोगों को सादा कागज देने के मामले पर डीलर ने बताया कि उन्होंने केवल 50 कूपन बांटे हैं. लोगों को किसने सादा कागज बिना नंबर का दिया उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. सभी को राशन मिलेगा, इसलिए मैंने सबको लाइन में लगे रहने के लिए बोल दिया. लेकिन सभी को पहले राशन चाहिए, लोगों में कोई अनुशासन है ही नहीं. हैरानी की बात यह थी कि सैकड़ों लोगों के बीच में राशन के लिए पर्चा काटने वाला डीलर अपने चेहरे पर मास्क नहीं लगाए हुए थे और ना ही वहां उनके सामने सैनिटाइजर रखी हुई थी. बड़े आराम से मुंह में गुटखा दबाए चबाए जा रहे थे. ऐसा लगता है कि गुटखा उन्हें कोरोना से बचा लेगा.

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