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LG कर रहे हैं टीचरों के भविष्य के साथ खिलवाड़, PM लें संज्ञान- राघव चड्ढा

राघव चड्ढा का कहना है कि दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल टीचरों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है. इसलिए इस मसले पर प्रधानमंत्री को संज्ञान लेना चाहिए, जिससे टीचरों को न्याय मिल सके.

राघव चड्ढा ने उठाई गेस्ट टीचरों के लिए आवाज
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Published : Mar 22, 2019, 10:01 PM IST

नई दिल्ली: पिछले एक महीने से अपनी मांगों को लेकर उपराज्यपाल के खिलाफ धरना टीचरों की मांग को देखते हुए शुक्रवार को लोकसभा प्रत्याशी राघव चड्ढा ने प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने मांग की है कि सभी टीचरों को स्थाई करने की मांग की है.

राघव चड्ढा का कहना है कि दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल टीचरों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है. इसलिए इस मसले पर प्रधानमंत्री को संज्ञान लेना चाहिए, जिससे टीचरों को न्याय मिल सके.

शिक्षकों की मांग विधानसभा में पास
दक्षिणी दिल्ली से लोकसभा प्रत्याशी राघव चड्ढा ने कहा कि पिछले एक महीने से अतिथि शिक्षक दिल्ली के उपराज्यपाल के खिलाफ विरोध कर रहे हैं. उनकी स्थायीकरण की जायज मांग है. ऐसे में दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने अतिथि शिक्षकों की आवाज को बुलंद किया है और उनकी मांगों को विधानसभा में पास किया है.

दिल्ली सरकार नहीं कर सकती हस्तक्षेप
उनका कहना है कि दिल्ली सरकार इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती है, इसलिए वह भी मजबूर हैं. कभी सर्विसेज दिल्ली सरकार के तहत नहीं आती हैं. उनका कहना है कि यह फाइल दिल्ली के उपराज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजी गई है.

नहीं सुन रहे उपराज्यपाल
यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उपराज्यपाल ने 25 हजार शिक्षकों की पीड़ा सुनने से इंकार कर दिया है. इस गंभीर मुद्दे का राजनीतिकरण कर इन फाइलों को अपने दफ्तर में रोक लिया है. उनका कहना है कि इस बाबत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जल्द से जल्द सुनवाई करनी चाहिए.

शिक्षकों को मिल रहा AAP का साथ
फिलहाल राघव चड्डा का कहना है कि अतिथि शिक्षकों की लड़ाई के लिए आम आदमी पार्टी मजबूती से खड़ी है. जब तक अतिथि शिक्षकों की इस मांग को पूरा नहीं किया जाता है वह लगातार इस मांग के लिए खुद भी प्रयास करती रहेगी.

नई दिल्ली: पिछले एक महीने से अपनी मांगों को लेकर उपराज्यपाल के खिलाफ धरना टीचरों की मांग को देखते हुए शुक्रवार को लोकसभा प्रत्याशी राघव चड्ढा ने प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने मांग की है कि सभी टीचरों को स्थाई करने की मांग की है.

राघव चड्ढा का कहना है कि दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल टीचरों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है. इसलिए इस मसले पर प्रधानमंत्री को संज्ञान लेना चाहिए, जिससे टीचरों को न्याय मिल सके.

शिक्षकों की मांग विधानसभा में पास
दक्षिणी दिल्ली से लोकसभा प्रत्याशी राघव चड्ढा ने कहा कि पिछले एक महीने से अतिथि शिक्षक दिल्ली के उपराज्यपाल के खिलाफ विरोध कर रहे हैं. उनकी स्थायीकरण की जायज मांग है. ऐसे में दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने अतिथि शिक्षकों की आवाज को बुलंद किया है और उनकी मांगों को विधानसभा में पास किया है.

दिल्ली सरकार नहीं कर सकती हस्तक्षेप
उनका कहना है कि दिल्ली सरकार इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती है, इसलिए वह भी मजबूर हैं. कभी सर्विसेज दिल्ली सरकार के तहत नहीं आती हैं. उनका कहना है कि यह फाइल दिल्ली के उपराज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजी गई है.

नहीं सुन रहे उपराज्यपाल
यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उपराज्यपाल ने 25 हजार शिक्षकों की पीड़ा सुनने से इंकार कर दिया है. इस गंभीर मुद्दे का राजनीतिकरण कर इन फाइलों को अपने दफ्तर में रोक लिया है. उनका कहना है कि इस बाबत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जल्द से जल्द सुनवाई करनी चाहिए.

शिक्षकों को मिल रहा AAP का साथ
फिलहाल राघव चड्डा का कहना है कि अतिथि शिक्षकों की लड़ाई के लिए आम आदमी पार्टी मजबूती से खड़ी है. जब तक अतिथि शिक्षकों की इस मांग को पूरा नहीं किया जाता है वह लगातार इस मांग के लिए खुद भी प्रयास करती रहेगी.

Intro:राघव चड्डा ने पीएम को पत्र लिखकर की टीचरों को स्थायी करने की मांग

दक्षिणी दिल्ली: विगत एक माह से उपराज्यपाल के खिलाफ धरना दे रहे है.टीचरों की मांग को देखते हुए शुक्रवार को लोकसभा प्रत्याशी राघव चड्ढा ने मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा है.जिसमें उन्होंने मांग की है कि सभी टीचरों को स्थायी किया जाए.उनका कहना है कि दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल टीचरों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है.इसलिए इस मसले पर प्रधानमंत्री को संज्ञान लेना चाहिए.जिससे टीचरों को न्याय मिल सके.


Body:लोकसभा प्रत्याशी राघव चड्डा ने कहा कि पिछले एक महीने से अतिथि शिक्षक दिल्ली के उपराज्यपाल के खिलाफ विरोध कर रहे हैं. उनकी स्थायीकरण की जायज मांग है. ऐसे में दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने अतिथि शिक्षकों की आवाज को बुलंद किया है. और उनकी मांगों को विधान सभा में पास किया है. उनका कहना है कि दिल्ली सरकार इस में हस्तक्षेप नहीं कर सकती है, इसलिए वह भी मजबूर है. कभी सर्विसेज दिल्ली सरकार के तहत नहीं आती है. उनका कहना है कि यह फाइल दिल्ली के उपराज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजी गई है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है 25 हजार शिक्षकों की पीड़ा सुनने से इंकार कर दिया है.इस गंभीर मुद्दे का राजनीतिकरण कर इन फाइलों को अपने दफ्तर में रोक लिया है. उनका कहना है कि इस बाबत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जल्द से जल्द सुनवाई करनी चाहिए.


Conclusion:फिलहाल राघव चड्डा का कहना है कि अतिथि शिक्षकों की लड़ाई के लिए आम आदमी पार्टी मजबूती से खड़ी है. जब तक अतिथि शिक्षकों की इस मांग को पूरा नहीं किया जाता है वह लगातार इस मांग के लिए खुद भी प्रयास करती रहेगी.
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