नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में सर्दियां आते ही दिल्ली में प्रदूषण की समस्या बढ़ जाती है. इसके लिए पंजाब और हरियाणा में जलाए जाने वाली पराली को जिम्मेदार माना जाता है. फसल की कटाई के बाद 20 मिलियन से भी ज्यादा पराली निकलती है जो किसानों के लिए भी एक समस्या बनती है.
किसानों के पास उस पराली को खत्म करना एक बड़ी चुनौती होती है जिसके लिए वह उसे जलाना ही बेहतर समझते हैं. अब उन्हें इस पराली को लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं होगी क्योंकि वही पराली किसानों के लिए वरदान साबित होगी.
पराली से 14 दिन में बनेगी खाद
किसान खेतों से फसल काटने के बाद बचने वाली पराली को बिना काटे खेतों में खड़े-खड़े ही उसकी खाद बना सकेंगे. दरअसल आईआईटी दिल्ली में पराली की समस्या पर एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया जिसमें सुमर एग्रो वेंचर कंपनी की ओर से पराली से खाद बनाने को लेकर सुझाव दिया गया.
कंपनी के सीईओ उद्यान आर्य बताते हैं की वह एक विशेष तकनीक से तैयार किए गए सॉल्यूशन को पराली में डालेंगे और जिससे केवल 14 दिनों में वह पराली खाद का रूप ले लेगी.
किसानों को मिलेगी अच्छी किस्म की खाद
उद्यान आर्य ने बताया कि केवल 14 दिनों में वह जो पराली किसानों के लिए परेशानी बनती थी वह इससे ना सिर्फ अच्छी किस्म का खाद प्राप्त कर सकेंगे बल्कि उसके लिए उनको कोई लागत भी नहीं देनी होगी. उन्हें अपने फसल के लिए अच्छी किस्म की खाद उस पराली से ही मिल जाएगी.
कम खर्चे में किसानों को मिलेगी अच्छी खाद
ईटीवी भारत ने जब पराली से बनाई जाने वाली खाद को लेकर आने वाली लागत को लेकर सवाल किया तो उनका कहना था कि इसमें बेहद कम लागत आएगी. सरकार को उनकी तरफ से सुझाव दिया गया है. सरकार किसानों को इस पर सब्सिडी देगी और हो सकता है सरकार की तरफ से ही यह सलूशन किसानों को दिया जाए. जिससे कि उन्हें बिना किसी खर्चे के ही वह सलूशन मुफ्त में मिल जाएगा.