नई दिल्ली: दक्षिण दिल्ली एसडीएम कार्यालय में हर रोज बड़ी संख्या में लोग जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र और आवासीय प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आते हैं. लेकिन ऑनलाइन व्यवस्था होने के बावजूद यहां चक्कर लगाते-लगाते उनकी एड़ियां घिस जाती हैं, लेकिन उन्हें सर्टिफिकेट नहीं मिल पाता है. दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने 2017 में इस तरह की सेवाओं को पाने के लिए डोर स्टेप डिलीवरी सर्विस की शुरुआत की थी. लेकिन ऐसा कर लोगों की समस्या कम करने की बजाय और बढ़ा दी है.
सरकारी काम-काज से लोग दुखी
संगम विहार निवासी दिलीप पिछले एक महीने से जाति प्रमाण पत्र और आय प्रमाण पत्र बनाने के लिए एसडीएम कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. छोटी-छोटी बातों की खोट निकाल कर उनके आवेदन को रद्द कर दिया जाता है. उनका कहना है कि अगर कर्मचारी एक बार में बता दें कि उन्हें क्या-क्या चाहिए तो वो सारी चीजें एक बार लाकर दिखा दें. यहां आते ही उन्हें दोबारा आवेदन करने को कह दिया जाता है. बार-बार चक्कर लगाकर थक चुके हैं.
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भ्रष्टाचार को मिल रहा है बढ़ावा
सरकारी कर्मचारियों में काम करने को लेकर जो लापरवाही वाली प्रवृत्ति बन चुकी है वह खत्म होते हुए नहीं दिख रही है. लोगों को परेशान करना और फिर जब परेशान हो जाए तो खुद ही किसी दूसरे तरीके से व्यक्ति सर्टिफिकेट पाने के लिए दूसरे जुगाड़ में लग जाते हैं. इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है.
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