नई दिल्ली:माह-ए-रमजान में दुनिया भर के मुसलमान रोजे रखकर अल्लाह की इबादत करते हैं. दिल्ली के राजू पार्क स्थित सुफियान मस्जिद के ईमाम मोहम्मद तसब्वर ने बताया कि वैसे तो इस्लाम धर्म के सबसे पाक महीने के हर जुमा का विशेष महत्व है, लेकिन रमजान के महीने में पड़ने वाले आखिरी जुमा यानी शुक्रवार को अलविदा जुमा कहते हैं. ऐसी मान्यता है कि मुकद्दस रमजान महीने के तीसरे और आखिरी अशरे में की गई इबादत रोजेदारों को जहन्नुम की आग से बचाती है.
राजधानी दिल्ली के अंबेडकर नगर इलाके के राजू पार्क स्थित सुफियान मस्जिद में अलविदा जुमे की नमाज पढ़ने के लिए बड़ी संख्या में मुस्लिम लाेग पहुंचे. नमाज पढ़ने आए मोहम्मद यूनिस सैफी ने बताया कि आज अलविदा जुमा की नमाज पढ़ी जा रही है. आखिरी जुमा रमजान के महीने का मुस्लिम लोगों के लिए बहुत ही पवित्र होता है.
नमाजी मोहम्मद यूनुस सैफी ने बताया कि यह हमारा सबसे पवित्र महीना होता है. हम अल्लाह से यही दुआ करते हैं कि देश में अमन चैन रहे जो लोग नफरत फैलाते हैं उनका विनाश हो. देश में भाईचारा, एकता की मिसाल और शांति बनी रहे. रमजान महीने में आखिरी जुमा के दिन इस्लाम धर्म के लोग अल्लाह की इबादत करने के साथ-साथ अल्लाह का शुक्र अदा करते हैं, क्योंकि उन्हें इस महीने रोजा रखने, तरावीह पढ़ने और खुदा की इबादत का मौका नसीब हुआ. इसके साथ ही अलविदा जुमा की मुबारकबाद दी जाती है.