नई दिल्ली: दिल्ली में केंद्र सरकार के तीन अस्पतालों में एक डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल (आरएमएल) में पिछले 23 दिनों से भर्ती लक्ष्मी नगर निवासी एक कोविड पेशेंट का कोविड इन्फेक्शन ठीक होने के बाद आखिरकार सोमवार 29 जून को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया. उनके मामले को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से उठाया था. जिसके बाद अस्पताल प्रशासन ने उन्हें आखिरकार डिस्चार्ज करने का फैसला किया. उन्होंने अस्पताल में कोविड सैंपल की हैंडलिंग को लेकर बड़ा आरोप लगाया था और इसकी एक वीडियो बनाकर सर्कुलेट की थी. उन्होंने यह वीडियो ईटीवी भारत के साथ भी साझा किया था. उसके बाद इस मुद्दे को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से उठाया. अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद उन्होंने अपनी कृतज्ञता प्रकट की.
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इस पूरे मामले में हैरान करने वाली बात यह है कि पेशेंट के लगभग पांच टेस्ट बिना किसी निर्णय के रहे, यानी इस रिपोर्ट में खराब सैंपल की वजह से रिपोर्ट किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी. इससे पेशेंट को आश्चर्य हुआ कि आखिर ऐसा हो क्यों रहा है? रिपोर्ट या तो पॉजिटिव या नेगेटिव होनी चाहिए. लेकिन बिना किसी परिणाम वाली रिपोर्ट क्यों आ रही है? पेशेंट 7 जून को पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद अस्पताल में भर्ती हुए थे. उन्हें सांस लेने में कठिनाई हो रही थी और बुखार भी था. अगले एक सप्ताह में उनकी ये समस्याएं ठीक हो गई. इसके बाद उनके 5 और टेस्ट हुए, जिनके परिणाम अनिर्णय वाला रहा. ऐसा माना गया कि पेशेंट अभी ठीक नहीं हुआ है, क्योंकि रिपोर्ट नेगेटिव नहीं आ रही है. आखिर हुआ भी ऐसा ही, दबाव के बाद 29 जून को इनकी जो रिपोर्ट आई वो नेगेटिव थी. इसके बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.
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7 दिन के होम क्वारंटाइन पर हैं
अस्पताल से डिस्चार्ज होने के समय उन्हें अपने घर पर ही एक सप्ताह के लिए होम क्वारंटाइन पर रहने की सलाह दी गई है. उसके पूरे होने के बाद वो अपने परिवार के सदस्यों के साथ घुल-मिल सकते हैं. लगभग 25 दिनों बाद परिवार के सदस्यों को अपनी आंखों के सामने देखकर वह भावुक हो उठे. फिलहाल उन्हें इस बात की तसल्ली है कि वह अपने परिवार के बीच आ गए हैं. एक सप्ताह के बाद उनके और परिवार के बीच जो कुछ मीटर की दूरियां हैं वो खत्म हो जायेगी.