ETV Bharat / state

नीरज बवाना गैंग के शूटर चढ़े स्पेशल सेल के हत्थे, 2 हत्या की वारदातों में थे वांटेड

पुलिस को सूचना मिली कि दोनों शूटर लाजपत नगर बस स्टॉप के पास आएंगे. उनके पास अवैध हथियार भी होंगे. इस जानकारी पर एसीपी ललित मोहन नेगी की देखरेख में इंस्पेक्टर उमेश भरतवाल की टीम ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया. तलाशी में इनके पास से दो पिस्तौल और कारतूस बरामद हुए.

author img

By

Published : Apr 5, 2019, 2:37 PM IST

नीरज बवाना गैंग के शूटर चढ़े स्पेशल सेल के हत्थे, 2 हत्या की वारदातों में था वांटेड

नई दिल्ली: राजधानी के कंझावला और बवाना में हत्या कर फरार हुए नीरज बवानिया गैंग के दो शूटरों को स्पेशल सेल ने लाजपत नगर से गिरफ्तार किया है. दोनों आरोपी हरियाणा के रहने वाले हैं. पुलिस ने उनके पास से दो पिस्तौल और कारतूस बरामद किए हैं. बताया जा रहा है कि आरोपी जेल में बंद नीरज बवानिया के विरोधियों की हत्या कर रहे थे. पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है.

नीरज बवाना गैंग के शूटर चढ़े स्पेशल सेल के हत्थे, 2 हत्या की वारदातों में था वांटेड
डीसीपी प्रमोद कुशवाहा के अनुसार स्पेशल सेल के इंस्पेक्टर उमेश भरतवाल की टीम दिल्ली एनसीआर में सक्रिय गैंगस्टरों को लेकर काम कर रही थी. इस दौरान उन्हें सूचना मिली कि हरियाणा के रहने वाले नसीब और मोनू जेल में बंद नीरज बवानिया गैंग के शूटर हैं. हाल ही में उन्होंने कंझावला इलाके में हरीश हुड्डा और बवाना में मोनू की हत्या की है. वह नीरज बवाना के विरोधी गैंग के सदस्यों और उनके मददगारों की हत्या करने में लगे हुए हैं. इसे ध्यान में रखते हुए पुलिस टीम ने इनके बारे में जानकारी जुटाना शुरु किया.

लाजपत नगर से पकड़े गए बदमाश
हाल ही में पुलिस को सूचना मिली कि दोनों शूटर लाजपत नगर बस स्टॉप के पास आएंगे. उनके पास अवैध हथियार भी होंगे. इस जानकारी पर एसीपी ललित मोहन नेगी की देखरेख में इंस्पेक्टर उमेश भरतवाल की टीम ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया. तलाशी में इनके पास से दो पिस्तौल और कारतूस बरामद हुए. गिरफ्तार किया गया मोनू हरियाणा के जींद का रहने वाला है, जबकि नसीब झज्जर का रहने वाला है. इनके खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत स्पेशल सेल ने मामला दर्ज किया है.


पिता सेना से सेवानिवृत्त, बेटा गैंगस्टर
मोनू के पिता सेना में थे. समय से पहले सेवानिवृत्ति लेकर वह बैंक में गार्ड का काम करने लगे. वर्ष 2012 में मोनू के रिश्तेदार संजीत की मनोज नामक शख्स ने हत्या कर दी थी. इस मामले में आरोपी को हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार किया था, लेकिन इस मामले का मुख्य गवाह अदालत में मुकर गया. इसकी वजह से आरोपी बरी हो गया था.
वहीं मोनू इस हत्या का बदला लेना चाहता था. वर्ष 2014 में उसने मनोज की हत्या के लिए साजिश रची. उसने अपने साथ ही दिनेश के साथ मिलकर बहादुरगढ़ रेलवे स्टेशन पर एक ट्रेन के अंदर उसकी हत्या कर दी.

2014 में बना नीरज बवानिया का साथी
हत्या के बाद से फरार चल रहा मोनू वर्ष 2014 में नीरज बवानिया के खास नवीन उर्फ भांजा के संपर्क में आया. अगस्त 2014 में उसने नवीन भांजा, अशोक और रघु के साथ मिलकर सोनीपत में एक पुलिसकर्मी के बेटे प्रदीप दहिया की हत्या कर दी. वह नीरज बवानिया का विरोधी था. इस मामले में वह गिरफ्तार हुआ था, लेकिन जमानत मिलने के बाद से फरार चल रहा था.


दूसरा आरोपी नसीब सिंह हरियाणा के झज्जर जिला का रहने वाला है उसके पिता कृषि भवन में नौकरी करते हैं. वर्ष 2017 में उसके रिश्तेदार मोहित ने रोहिणी कोर्ट के पास राजेश धुरमुट की गोली मारकर हत्या कर दी थी. मोहित को मौके से गिरफ्तार कर लिया गया था. नसीब उसे जाकर जेल में मिलने लगा, जहां उसकी मुलाकात परवीन मोटा से हुई और वह भी नीरज बवानिया से जुड़ गया.

दो हत्याओं में चल रहा था वांटेड
बीते1 फरवरी को मोनू ने अपने साथी प्रवीण उर्फ मोटा अमन और प्रवीण हुड्डा के साथ मिलकर रोहतक निवासी हरीश हुड्डा को अगवा किया था. हरीश हुड्डा का अपने रिश्तेदार प्रवीण हुड्डा से रुपयों को लेकर विवाद चल रहा था. उन्होंने नसीब को भी अपने साथ कंझावला बुलाया जहां घेवरा मोड़ के पास उन्होंने हरीश हुड्डा की हत्या कर दी.


हरीश की हत्या के बाद वह प्रवीण मोटा से नत्थूपुरा में मिला, जिसने उसे सुल्तानपुर डबास निवासी मोनू की हत्या के निर्देश दिए. प्रवीण को लगता था कि रामरतन प्रधान और उसका बेटा मोनू नीतू दाबोदिया गैंग को सपोर्ट कर रहा है. बीते 9 फरवरी को नसीब, मोनू, लोकेश और प्रवीण ने बवाना इलाके में मोनू की हत्या कर दी. इस बाबत बवाना थाने में हत्या का मामला दर्ज किया गया था.

नई दिल्ली: राजधानी के कंझावला और बवाना में हत्या कर फरार हुए नीरज बवानिया गैंग के दो शूटरों को स्पेशल सेल ने लाजपत नगर से गिरफ्तार किया है. दोनों आरोपी हरियाणा के रहने वाले हैं. पुलिस ने उनके पास से दो पिस्तौल और कारतूस बरामद किए हैं. बताया जा रहा है कि आरोपी जेल में बंद नीरज बवानिया के विरोधियों की हत्या कर रहे थे. पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है.

नीरज बवाना गैंग के शूटर चढ़े स्पेशल सेल के हत्थे, 2 हत्या की वारदातों में था वांटेड
डीसीपी प्रमोद कुशवाहा के अनुसार स्पेशल सेल के इंस्पेक्टर उमेश भरतवाल की टीम दिल्ली एनसीआर में सक्रिय गैंगस्टरों को लेकर काम कर रही थी. इस दौरान उन्हें सूचना मिली कि हरियाणा के रहने वाले नसीब और मोनू जेल में बंद नीरज बवानिया गैंग के शूटर हैं. हाल ही में उन्होंने कंझावला इलाके में हरीश हुड्डा और बवाना में मोनू की हत्या की है. वह नीरज बवाना के विरोधी गैंग के सदस्यों और उनके मददगारों की हत्या करने में लगे हुए हैं. इसे ध्यान में रखते हुए पुलिस टीम ने इनके बारे में जानकारी जुटाना शुरु किया.

लाजपत नगर से पकड़े गए बदमाश
हाल ही में पुलिस को सूचना मिली कि दोनों शूटर लाजपत नगर बस स्टॉप के पास आएंगे. उनके पास अवैध हथियार भी होंगे. इस जानकारी पर एसीपी ललित मोहन नेगी की देखरेख में इंस्पेक्टर उमेश भरतवाल की टीम ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया. तलाशी में इनके पास से दो पिस्तौल और कारतूस बरामद हुए. गिरफ्तार किया गया मोनू हरियाणा के जींद का रहने वाला है, जबकि नसीब झज्जर का रहने वाला है. इनके खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत स्पेशल सेल ने मामला दर्ज किया है.


पिता सेना से सेवानिवृत्त, बेटा गैंगस्टर
मोनू के पिता सेना में थे. समय से पहले सेवानिवृत्ति लेकर वह बैंक में गार्ड का काम करने लगे. वर्ष 2012 में मोनू के रिश्तेदार संजीत की मनोज नामक शख्स ने हत्या कर दी थी. इस मामले में आरोपी को हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार किया था, लेकिन इस मामले का मुख्य गवाह अदालत में मुकर गया. इसकी वजह से आरोपी बरी हो गया था.
वहीं मोनू इस हत्या का बदला लेना चाहता था. वर्ष 2014 में उसने मनोज की हत्या के लिए साजिश रची. उसने अपने साथ ही दिनेश के साथ मिलकर बहादुरगढ़ रेलवे स्टेशन पर एक ट्रेन के अंदर उसकी हत्या कर दी.

2014 में बना नीरज बवानिया का साथी
हत्या के बाद से फरार चल रहा मोनू वर्ष 2014 में नीरज बवानिया के खास नवीन उर्फ भांजा के संपर्क में आया. अगस्त 2014 में उसने नवीन भांजा, अशोक और रघु के साथ मिलकर सोनीपत में एक पुलिसकर्मी के बेटे प्रदीप दहिया की हत्या कर दी. वह नीरज बवानिया का विरोधी था. इस मामले में वह गिरफ्तार हुआ था, लेकिन जमानत मिलने के बाद से फरार चल रहा था.


दूसरा आरोपी नसीब सिंह हरियाणा के झज्जर जिला का रहने वाला है उसके पिता कृषि भवन में नौकरी करते हैं. वर्ष 2017 में उसके रिश्तेदार मोहित ने रोहिणी कोर्ट के पास राजेश धुरमुट की गोली मारकर हत्या कर दी थी. मोहित को मौके से गिरफ्तार कर लिया गया था. नसीब उसे जाकर जेल में मिलने लगा, जहां उसकी मुलाकात परवीन मोटा से हुई और वह भी नीरज बवानिया से जुड़ गया.

दो हत्याओं में चल रहा था वांटेड
बीते1 फरवरी को मोनू ने अपने साथी प्रवीण उर्फ मोटा अमन और प्रवीण हुड्डा के साथ मिलकर रोहतक निवासी हरीश हुड्डा को अगवा किया था. हरीश हुड्डा का अपने रिश्तेदार प्रवीण हुड्डा से रुपयों को लेकर विवाद चल रहा था. उन्होंने नसीब को भी अपने साथ कंझावला बुलाया जहां घेवरा मोड़ के पास उन्होंने हरीश हुड्डा की हत्या कर दी.


हरीश की हत्या के बाद वह प्रवीण मोटा से नत्थूपुरा में मिला, जिसने उसे सुल्तानपुर डबास निवासी मोनू की हत्या के निर्देश दिए. प्रवीण को लगता था कि रामरतन प्रधान और उसका बेटा मोनू नीतू दाबोदिया गैंग को सपोर्ट कर रहा है. बीते 9 फरवरी को नसीब, मोनू, लोकेश और प्रवीण ने बवाना इलाके में मोनू की हत्या कर दी. इस बाबत बवाना थाने में हत्या का मामला दर्ज किया गया था.

Intro:इस खबर की वीडियो और फोटो मेल की है। कृप्या वहां से इस्तेमाल कर लीजिएगा
नई दिल्ली दक्षिण जिला
बाहरी दिल्ली के कंझावला और बवाना में हत्या कर फरार हुए नीरज बवानिया गैंग के दो शूटरों को स्पेशल सेल ने लाजपत नगर से गिरफ्तार किया है. दोनों आरोपी हरियाणा के रहने वाले हैं. पुलिस ने इनके पास से दो पिस्तौल और कारतूस बरामद किए हैं. आरोपी जेल में बंद नीरज बवानिया के विरोधियों की हत्या कर रहे थे. पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है.



Body:डीसीपी प्रमोद कुशवाहा के अनुसार स्पेशल सेल के इंस्पेक्टर उमेश भरतवाल की टीम दिल्ली एनसीआर में सक्रिय गैंगस्टरों को लेकर काम कर रही थी. इस दौरान उन्हें सूचना मिली कि हरियाणा के रहने वाले नसीब और मोनू जेल में बंद नीरज बवानिया गैंग के शूटर हैं. हाल ही में उन्होंने कंझावला इलाके में हरीश हुड्डा और बवाना में मोनू की हत्या की है. वह नीरज बवाना के विरोधी गैंग के सदस्यों एवं उनके मददगारों की हत्या करने में लगे हुए हैं. इसे ध्यान में रखते हुए पुलिस टीम ने इनके बारे में जानकारी जुटाना शुरु किया.


लाजपत नगर से पकड़े गए बदमाश
हाल ही में पुलिस को सूचना मिली कि दोनों शूटर लाजपत नगर बस स्टॉप के पास आएंगे. उनके पास अवैध हथियार भी होंगे. इस जानकारी पर एसीपी ललित मोहन नेगी की देखरेख में इंस्पेक्टर उमेश भरतवाल की टीम ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया. तलाशी में इनके पास से दो पिस्तौल और कारतूस बरामद हुए. गिरफ्तार किया गया मोनू हरियाणा के जींद का रहने वाला है जबकि नसीब झज्जर का रहने वाला है. इनके खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत स्पेशल सेल ने मामला दर्ज किया है.


पिता सेना से सेवानिवृत्त, बेटा गैंगस्टर
मोनू के पिता सेना में थे. समय से पहले सेवानिवृत्ति लेकर वह बैंक में गार्ड का काम करने लगे. वर्ष 2012 में मोनू के रिश्तेदार संजीत की मनोज नामक शख्स ने हत्या कर दी थी. इस मामले में आरोपी को हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार किया था, लेकिन इस मामले का मुख्य गवाह अदालत में मुकर गया. इसकी वजह से आरोपी बरी हो गया था. वहीं मोनू इस हत्या का बदला लेना चाहता था. वर्ष 2014 में उसने मनोज की हत्या के लिए साजिश रची. उसने अपने साथ ही दिनेश के साथ मिलकर बहादुरगढ़ रेलवे स्टेशन पर एक ट्रेन के अंदर उसकी हत्या कर दी.

2014 में बना नीरज बवानिया का साथी
हत्या के बाद से फरार चल रहा मोनू वर्ष 2014 में नीरज बवानिया के खास नवीन उर्फ भांजा के संपर्क में आया. अगस्त 2014 में उसने नवीन भांजा, अशोक और रघु के साथ मिलकर सोनीपत में एक पुलिसकर्मी के बेटे प्रदीप दहिया की हत्या कर दी. वह नीरज बवानिया का विरोधी था. इस मामले में वह गिरफ्तार हुआ था, लेकिन जमानत मिलने के बाद से फरार चल रहा था. दूसरा आरोपी नसीब सिंह हरियाणा के झज्जर जिला का रहने वाला है उसके पिता कृषि भवन में नौकरी करते हैं. वर्ष 2017 में उसके रिश्तेदार मोहित ने रोहिणी कोर्ट के पास राजेश धुरमुट की गोली मारकर हत्या कर दी थी. मोहित को मौके से गिरफ्तार कर लिया गया था. नसीब उसे जाकर जेल में मिलने लगा, जहां उसकी मुलाकात परवीन मोटा से हुई और वह भी नीरज बवानिया से जुड़ गया.

दो हत्याओं में चल रहे थे वांटेड
बीते 1 फरवरी को मोनू ने अपने साथी प्रवीण उर्फ मोटा अमन और प्रवीण हुड्डा के साथ मिलकर रोहतक निवासी हरीश हुड्डा को अगवा किया था. हरीश हुड्डा का अपने रिश्तेदार प्रवीण हुड्डा से रुपयों को लेकर विवाद चल रहा था. उन्होंने नसीब को भी अपने साथ कंझावला बुलाया जहां घेवरा मोड़ के पास उन्होंने हरीश हुड्डा की हत्या कर दी. हरीश की हत्या के बाद वह प्रवीण मोटा से नत्थूपुरा में मिले जिसने उन्हें सुल्तानपुर डबास निवासी मोनू की हत्या के निर्देश दिए. प्रवीण को लगता था की रामरतन प्रधान और उसका बेटा मोनू नीतू दाबोदिया गैंग को सपोर्ट कर रहा है. बीते 9 फरवरी को नसीब, मोनू, लोकेश और प्रवीण ने बवाना इलाके में मोनू की हत्या कर दी. इस बाबत बवाना थाने में हत्या का मामला दर्ज किया गया था.


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.