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JNU हिंसा: जो बदनाम करने निकले थे वे खुद बदनाम हो गए- मनोज तिवारी

जेएनयू हिंसा को लेकर मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली पुलिस द्वारा प्रेस कांफ्रेस में दी गई जानकारी के अनुसार शक की सुई लेफ्ट पार्टियों और उनकी स्टूडेंट्स यूनियनों की तरफ गई है.

manoj tiwari reaction on jnu violence after police statement
JNU हिंसा पर मनोज तिवारी का बयान
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Published : Jan 10, 2020, 8:02 PM IST

नई दिल्ली: जेएनयू मामले पर पुलिस की प्रेस कांफ्रेंस के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि जेएनयू हिंसा पर पिछले पांच दिनों से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और भारतीय जनता पार्टी को बदनाम करने का जो अभियान चलाया जा रहा था. उसका पर्दाफाश हो गया है. जब-जब चुनाव होने वाले होते हैं, अन्य राजनीतिक दल युवाओं को दिग्भ्रमित करने की कोशिश करती है.

JNU हिंसा पर मनोज तिवारी का बयान

'शक की सुई लेफ्ट पर'
उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस द्वारा प्रेस कांफ्रेस में दी गई जानकारी के अनुसार शक की सुई लेफ्ट पार्टियों और उनकी स्टूडेंट्स यूनियनों की तरफ गई है. भाजपा और एबीवीपी की छवि धूमिल करने की साजिशें असफल हो गई हैं. जो बदनाम करने निकले थे वे खुद बदनाम हो गए.

'साजिश सुनियोजित'
मनोज तिवारी ने कहा कि लेफ्ट स्टूडेंट्स यूनियनों द्वारा सोची समझी साजिश के तहत हिंसा सुनियोजित तरीके से आयोजित की गई. इन यूनियनों ने नए छात्रों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं होने दिया. उन्होंने सर्वर तोड़ डाले. सीसीटीवी कैमरे बंद कर दिए. उन्होंने कहा कि अखिल विद्यार्थी परिषद तथा भारतीय जनता पार्टी हिंसा में विश्वास नहीं करती.

'छात्रों को मोहरा बना रही राजनीतिक पार्टियां'
मनोज तिवारी ने कहा कि जेएनयू में हिंसा लेफ्टिस्ट पार्टियों द्वारा विद्यार्थियों को मोहरा बनाकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने की है. कुछ राजनीतिक पार्टियां अपने खिसकते हुए जनाधार से हताश होकर हिंसात्मक रास्ते पर चलकर अपनी राजनीति चमकाना चाहते हैं. अब ये स्पष्ट हो गया है कि हिंसा के पीछे वे लोग जिम्मेदार हैं, जिन्होंने जेएनयू द्वारा किए जा रहे ऑनलाइन पंजीकरण को रोकने का दुःसाहस किया था.

हालांकि दिल्ली पुलिस ने आज जो जेएनयू हिंसा के लिए 9 नामों की खुलासा किया है उसमें 2 ABVP के सदस्य भी शामिल है.

नई दिल्ली: जेएनयू मामले पर पुलिस की प्रेस कांफ्रेंस के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि जेएनयू हिंसा पर पिछले पांच दिनों से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और भारतीय जनता पार्टी को बदनाम करने का जो अभियान चलाया जा रहा था. उसका पर्दाफाश हो गया है. जब-जब चुनाव होने वाले होते हैं, अन्य राजनीतिक दल युवाओं को दिग्भ्रमित करने की कोशिश करती है.

JNU हिंसा पर मनोज तिवारी का बयान

'शक की सुई लेफ्ट पर'
उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस द्वारा प्रेस कांफ्रेस में दी गई जानकारी के अनुसार शक की सुई लेफ्ट पार्टियों और उनकी स्टूडेंट्स यूनियनों की तरफ गई है. भाजपा और एबीवीपी की छवि धूमिल करने की साजिशें असफल हो गई हैं. जो बदनाम करने निकले थे वे खुद बदनाम हो गए.

'साजिश सुनियोजित'
मनोज तिवारी ने कहा कि लेफ्ट स्टूडेंट्स यूनियनों द्वारा सोची समझी साजिश के तहत हिंसा सुनियोजित तरीके से आयोजित की गई. इन यूनियनों ने नए छात्रों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं होने दिया. उन्होंने सर्वर तोड़ डाले. सीसीटीवी कैमरे बंद कर दिए. उन्होंने कहा कि अखिल विद्यार्थी परिषद तथा भारतीय जनता पार्टी हिंसा में विश्वास नहीं करती.

'छात्रों को मोहरा बना रही राजनीतिक पार्टियां'
मनोज तिवारी ने कहा कि जेएनयू में हिंसा लेफ्टिस्ट पार्टियों द्वारा विद्यार्थियों को मोहरा बनाकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने की है. कुछ राजनीतिक पार्टियां अपने खिसकते हुए जनाधार से हताश होकर हिंसात्मक रास्ते पर चलकर अपनी राजनीति चमकाना चाहते हैं. अब ये स्पष्ट हो गया है कि हिंसा के पीछे वे लोग जिम्मेदार हैं, जिन्होंने जेएनयू द्वारा किए जा रहे ऑनलाइन पंजीकरण को रोकने का दुःसाहस किया था.

हालांकि दिल्ली पुलिस ने आज जो जेएनयू हिंसा के लिए 9 नामों की खुलासा किया है उसमें 2 ABVP के सदस्य भी शामिल है.

Intro:नई दिल्ली. जेएनयू मामले पर पुलिस की प्रेस कांफ्रेंस के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि जेएनयू हिंसा पर पिछले पांच दिनों से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद तथा भारतीय जनता पार्टी को बदनाम करने का जो अभियान चलाया जा रहा था उसका पर्दाफाश हो गया है. जब-जब चुनाव होने वाले होते हैं, अन्य राजनीतिक दल युवाओं को दिग्भ्रमित करने की कोशिश करती है.Body:शक की सुई लेफ्ट पर

उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस द्वारा प्रेस कांफ्रेस में दी गई जानकारी के अनुसार शक की सुई लेफ्ट पार्टियों और उनकी स्टूडेंट्स युनियनों की तरफ गई है. भाजपा और एबीवीपी की छवि धूमिल करने की साजिशें असफल हो गई हैं. जो बदनाम करने निकले थे वे खुद बदनाम हो गये.

साजिश सुनियोजित

मनोज तिवारी ने कहा कि लेफ्ट स्टूडेंट्स यूनियनों द्वारा सोची समझी साजिश के तहत हिंसा सुनियोजित तरीके से आयोजित की गई. इन यूनियनों ने नये छात्रों का आनलाईन रजिस्ट्रेशन नहीं होने दिया. उन्होंने सर्वर तोड़ डाले. सीसीटीवी कैमरे बंद कर दिये. उन्होंने कहा कि अखिल विद्यार्थी परिषद तथा भारतीय जनता पार्टी हिंसा में विश्वास नहीं करती.Conclusion:छात्रों को मोहरा बना रही राजनीतिक पार्टियां

तिवारी ने कहा कि जेएनयू में हिंसा लेफ्टिस्ट पार्टियों द्वारा विद्यार्थियों को मोहरा बनाकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने की है. कुछ राजनीतिक पार्टियां अपने खिसकते हुये जनाधार से हताश होकर हिंसात्मक रास्ते पर चलकर अपनी राजनीति चमकाना चाहते हैं. अब ये स्पष्ट हो गया है कि हिंसा के पीछे वे लोग जिम्मेदार हैं जिन्होंने जेएनयू द्वारा किये जा रहे आनलाईन पंजीकरण को रोकने का दुःसाहस किया था.

समाप्त, आशुतोष झा
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