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एमसीडी ने रेजिडेंट डॉक्टर्स को दी 1 महीने की सैलरी, नर्सिंग स्टाफ नाराज - mcd nursing staff salary

नॉर्थ दिल्ली म्युनिसिपल काउंसिल के हिंदूराव अस्पताल और कस्तूरबा गांधी हॉस्पिटल के डॉक्टर्स और हेल्थ वर्कर्स की सैलरी मामले में नया मोड़ आ गया है. रेजिडेंट डॉक्टर्स को जुलाई महीने की सैलरी दे दी गई है, जबकि नर्सिंग समेत दूसरे स्टाफ को मई के बाद सैलरी नहीं दी गई है.

kg hospital nursing staff gave ultimatum to north mcd commissioner to release their salary
केजी हॉस्पिटल नर्सिंग स्टाफ प्रोटेस्ट
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Published : Oct 18, 2020, 10:58 AM IST

नई दिल्लीः नॉर्थ दिल्ली म्युनिसिपल कारपोरेशन के तहत आने वाले हिंदू राव और कस्तूरबा गांधी हॉस्पिटल में हेल्थ वर्कर की सैलरी का मामला गर्माता जा रहा है. पिछले 4 महीने से इन्हें सैलरी नहीं दी गई है, जिसको लेकर नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ और डॉक्टर लगातार प्रोटेस्ट कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ एमसीडी ने कस्तूरबा गांधी हॉस्पिटल की रेजिडेंट डॉक्टर्स की 1 महीने की सैलरी जारी कर दी है. जबकि मेडिकल स्टाफ नर्स स्टाफ को 1 महीने की भी सैलरी नहीं दी गई है. इसको लेकर नर्सिंग स्टाफ काफी नाराज है और इसे एमसीडी की फूट डालो और शासन करो नीति करार दिया है.

एमसीडी ने रेजिडेंट डॉक्टर्स को दी 1 महीने की सैलरी

'डॉक्टर्स के भरोसे मरीजों का इलाज करवा लें एमसीडी'

कस्तूरबा गांधी हॉस्पिटल नर्सिंग स्टाफ यूनियन के अध्यक्ष बीएल शर्मा ने बताया कि नॉर्थ एमसीडी रेजिडेंट डॉक्टर्स को 1 महीने की सैलरी देकर प्रोटेस्ट कर रहे हेल्थ वर्कर्स के बीच फूट डालने की कोशिश कर रही है. रेजिडेंट डॉक्टर्स को जुलाई महीने की सैलरी दी गई है, जबकि नर्सिंग स्टाफ ग्रुप सी और ग्रुप स्टाफ को आखिरी सैलरी मई महीने में मिली थी.

शर्मा ने बताया कि नर्सिंग स्टाफ को 5 महीने होने जा रहा है और 1 महीने की भी सैलरी नहीं दी गई है. क्या एमसीडी को ऐसा लगता है कि बिना नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ ग्रुप सी और ग्रुप स्टाफ के अकेले डॉक्टर के दम पर हॉस्पिटल चला सकती है? अगर ऐसा है तो डॉक्टर को नवंबर और दिसंबर महीने की सैलरी भी एडवांस में दे दे और उनसे ही सारा काम करवा लें.

'मरीजों का इलाज टीम वर्क, सबका है बराबर योगदान'

शर्मा ने बताया कि मरीजों का इलाज करना एक टीम वर्क है. डॉक्टर्स अकेले काम नहीं कर सकते हैं. उन्हें टीम के दूसरे सदस्यों की मदद की जरूरत होती है. सभी हेल्थ वर्कर्स की अपनी-अपनी जिम्मेदारी है. इनमें से किसी के भी योगदान को कम करके आंका नहीं जा सकता है जैसा नॉर्थ एमसीडी कर रही है. सभी की अपनी-अपनी अहम भूमिका है. किसी को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.

'अल्टीमेटम के बाद फुल टाइम होगा हड़ताल'

शर्मा ने एमसीडी को चेतावनी देते हुए कहा कि सोमवार को नर्सिंग स्टाफ और दूसरे हेल्थ केयर वर्कर्स की तरफ से नॉर्थ एमसीडी के कमिश्नर को अगले 3 दिनों के लिए अल्टीमेटम दे रहे हैं. अगर आने वाले गुरुवार तक सैलरी नहीं जारी की गई तो फुल टाइम प्रोटेस्ट किया जाएगा. इसके लिए अगर मरीजों को परेशानी होती है, तो इसका जिम्मेदार नॉर्थ एमसीडी के अधिकारी और नेता होंगे.

नई दिल्लीः नॉर्थ दिल्ली म्युनिसिपल कारपोरेशन के तहत आने वाले हिंदू राव और कस्तूरबा गांधी हॉस्पिटल में हेल्थ वर्कर की सैलरी का मामला गर्माता जा रहा है. पिछले 4 महीने से इन्हें सैलरी नहीं दी गई है, जिसको लेकर नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ और डॉक्टर लगातार प्रोटेस्ट कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ एमसीडी ने कस्तूरबा गांधी हॉस्पिटल की रेजिडेंट डॉक्टर्स की 1 महीने की सैलरी जारी कर दी है. जबकि मेडिकल स्टाफ नर्स स्टाफ को 1 महीने की भी सैलरी नहीं दी गई है. इसको लेकर नर्सिंग स्टाफ काफी नाराज है और इसे एमसीडी की फूट डालो और शासन करो नीति करार दिया है.

एमसीडी ने रेजिडेंट डॉक्टर्स को दी 1 महीने की सैलरी

'डॉक्टर्स के भरोसे मरीजों का इलाज करवा लें एमसीडी'

कस्तूरबा गांधी हॉस्पिटल नर्सिंग स्टाफ यूनियन के अध्यक्ष बीएल शर्मा ने बताया कि नॉर्थ एमसीडी रेजिडेंट डॉक्टर्स को 1 महीने की सैलरी देकर प्रोटेस्ट कर रहे हेल्थ वर्कर्स के बीच फूट डालने की कोशिश कर रही है. रेजिडेंट डॉक्टर्स को जुलाई महीने की सैलरी दी गई है, जबकि नर्सिंग स्टाफ ग्रुप सी और ग्रुप स्टाफ को आखिरी सैलरी मई महीने में मिली थी.

शर्मा ने बताया कि नर्सिंग स्टाफ को 5 महीने होने जा रहा है और 1 महीने की भी सैलरी नहीं दी गई है. क्या एमसीडी को ऐसा लगता है कि बिना नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ ग्रुप सी और ग्रुप स्टाफ के अकेले डॉक्टर के दम पर हॉस्पिटल चला सकती है? अगर ऐसा है तो डॉक्टर को नवंबर और दिसंबर महीने की सैलरी भी एडवांस में दे दे और उनसे ही सारा काम करवा लें.

'मरीजों का इलाज टीम वर्क, सबका है बराबर योगदान'

शर्मा ने बताया कि मरीजों का इलाज करना एक टीम वर्क है. डॉक्टर्स अकेले काम नहीं कर सकते हैं. उन्हें टीम के दूसरे सदस्यों की मदद की जरूरत होती है. सभी हेल्थ वर्कर्स की अपनी-अपनी जिम्मेदारी है. इनमें से किसी के भी योगदान को कम करके आंका नहीं जा सकता है जैसा नॉर्थ एमसीडी कर रही है. सभी की अपनी-अपनी अहम भूमिका है. किसी को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.

'अल्टीमेटम के बाद फुल टाइम होगा हड़ताल'

शर्मा ने एमसीडी को चेतावनी देते हुए कहा कि सोमवार को नर्सिंग स्टाफ और दूसरे हेल्थ केयर वर्कर्स की तरफ से नॉर्थ एमसीडी के कमिश्नर को अगले 3 दिनों के लिए अल्टीमेटम दे रहे हैं. अगर आने वाले गुरुवार तक सैलरी नहीं जारी की गई तो फुल टाइम प्रोटेस्ट किया जाएगा. इसके लिए अगर मरीजों को परेशानी होती है, तो इसका जिम्मेदार नॉर्थ एमसीडी के अधिकारी और नेता होंगे.

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