नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में प्रशासन और छात्रों के बीच स्थिति सामान्य होती नजर नहीं आ रही. बता दें कि एक बार फिर जेएनयू छात्रसंघ प्रशासन के विरोध में खड़ा हो गया है. इसकी वजह है हॉस्टल के दो छात्र गौतम और मणिकांत को छात्रावास से बाहर निकालना. बता दें कि जेएनयू प्रशासन ने इन दोनों छात्रों को कुलपति से अभद्रता करने के आरोप में दोषी मानते हुए हॉस्टल से बाहर निकाल दिया है.
छात्रों का सामान बाहर कर कमरे को किया गया सील: छात्रसंघ
इस पूरे मामले को लेकर जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष एन साईं बालाजी ने कहा कि जेएनयू के सोशल साइंस के छात्र गौतम और एमए फर्स्ट ईयर के छात्र मणिकांत को हॉस्टल से बाहर निकालने के लिए माही मांडवी हॉस्टल के सीनियर वार्डन सौम्यजीत राय की ओर से नोटिस भेजा गया और उनका सामान बाहर रखकर उनका कमरा सील कर दिया गया है. साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में इन छात्रों को दाखिल न होने के निर्देश भी दिए हैं.
जांच पूरी होने तक हॉस्टल में रहने का अधिकार है- गौतम
वहीं हॉस्टल से बाहर निकाले जाने को लेकर छात्र गौतम ने कहा कि कुलपति के साथ जिस गुट ने अभद्रता की थी वह उस गुट का हिस्सा नहीं थे. गौतम का कहना है कि इससे पहले भी जांच का हवाला देकर उनका नामांकन निलंबित कर दिया गया था और अब हॉस्टल से भी बाहर निकाल दिया गया है. उन्होंने कहा कि जब तक उन पर आरोप साबित ना हो जाए और जांच कार्रवाई पूरी ना हो जाए तब तक उन्हें हॉस्टल में रहने का पूरा अधिकार है.
अपनी बात रखने का अधिकार मिलना चाहिए: मणिकांत
वहीं हॉस्टल से निकाले गए दूसरे छात्र मणिकांत का कहना है कि उनपर लगाए गए सभी इल्जाम झूठे हैं. उन्होंने कहा कि जेएनयू प्रशासन हो या चीफ प्रॉक्टर या वार्डन कोई भी उनका पक्ष सुनने को तैयार नहीं है. जबकि उन्हें भी अपनी बात रखने का पूरा अधिकार मिलना चाहिए.
क्या था पूरा मामला ?
बता दें कि 14 दिसंबर को जेएनयू के कुलपति प्रोफेसर एम जगदीश कुमार स्कूल ऑफ आर्ट्स एंड एस्थेटिक्स का दौरा करने निकले थे जिस दौरान उनसे छात्रों ने अभद्रता की थी. इसको लेकर कुलपति ने खुद यह बयान जारी किया था कि एडमिन ब्लॉक की ओर जाने वाली सड़क पर 10 से 15 छात्रों ने उन्हें घेर लिया और धक्का-मुक्की शुरू कर दी और जब सिक्योरिटी गार्ड ने उन्हें छुड़ाना चाहा तो दो छात्रों ने कुलपति से अभद्रता की. इसके अलावा जैसे ही वह अपनी गाड़ी में बैठ कर वापस जाने लगे तो 1 छात्र बोनट पर लटक गया जिसे देखते हुए ड्राइवर को उलटी दिशा में गाड़ी भगा कर ले जानी पड़ी. कुलपति के अनुसार छात्रों ने उन्हें अपनी बात रखने के लिए बुलाया था लेकिन उनपर जानलेवा हमला करने की कोशिश की गई. इसी घटना की जांच के लिए जेएनयू की ओर से जांच समिति का भी गठन किया गया था.