ETV Bharat / state

JNU: वीसी से अभद्रता पड़ी भारी, दो छात्रों को छात्रावास से किया बाहर - कुलपति प्रोफेसर एम जगदीश कुमार

जेएनयू छात्रसंघ ने गौतम और मणिकांत को छात्रावास से बाहर निकालने का विरोध किया है. उनका कहना है कि जेएनयू प्रशासन छात्रों के साथ राजनीति कर रहा है. जो छात्र अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं उनपर झूठे आरोप लगाकर एक एक कर उन्हें बाहर करने पर तुला हुआ है.

Jawaharlal Nehru University
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय
author img

By

Published : Jan 28, 2020, 12:02 PM IST

Updated : Jan 28, 2020, 12:08 PM IST

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में प्रशासन और छात्रों के बीच स्थिति सामान्य होती नजर नहीं आ रही. बता दें कि एक बार फिर जेएनयू छात्रसंघ प्रशासन के विरोध में खड़ा हो गया है. इसकी वजह है हॉस्टल के दो छात्र गौतम और मणिकांत को छात्रावास से बाहर निकालना. बता दें कि जेएनयू प्रशासन ने इन दोनों छात्रों को कुलपति से अभद्रता करने के आरोप में दोषी मानते हुए हॉस्टल से बाहर निकाल दिया है.

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय

छात्रों का सामान बाहर कर कमरे को किया गया सील: छात्रसंघ
इस पूरे मामले को लेकर जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष एन साईं बालाजी ने कहा कि जेएनयू के सोशल साइंस के छात्र गौतम और एमए फर्स्ट ईयर के छात्र मणिकांत को हॉस्टल से बाहर निकालने के लिए माही मांडवी हॉस्टल के सीनियर वार्डन सौम्यजीत राय की ओर से नोटिस भेजा गया और उनका सामान बाहर रखकर उनका कमरा सील कर दिया गया है. साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में इन छात्रों को दाखिल न होने के निर्देश भी दिए हैं.

जांच पूरी होने तक हॉस्टल में रहने का अधिकार है- गौतम
वहीं हॉस्टल से बाहर निकाले जाने को लेकर छात्र गौतम ने कहा कि कुलपति के साथ जिस गुट ने अभद्रता की थी वह उस गुट का हिस्सा नहीं थे. गौतम का कहना है कि इससे पहले भी जांच का हवाला देकर उनका नामांकन निलंबित कर दिया गया था और अब हॉस्टल से भी बाहर निकाल दिया गया है. उन्होंने कहा कि जब तक उन पर आरोप साबित ना हो जाए और जांच कार्रवाई पूरी ना हो जाए तब तक उन्हें हॉस्टल में रहने का पूरा अधिकार है.

अपनी बात रखने का अधिकार मिलना चाहिए: मणिकांत
वहीं हॉस्टल से निकाले गए दूसरे छात्र मणिकांत का कहना है कि उनपर लगाए गए सभी इल्जाम झूठे हैं. उन्होंने कहा कि जेएनयू प्रशासन हो या चीफ प्रॉक्टर या वार्डन कोई भी उनका पक्ष सुनने को तैयार नहीं है. जबकि उन्हें भी अपनी बात रखने का पूरा अधिकार मिलना चाहिए.

क्या था पूरा मामला ?
बता दें कि 14 दिसंबर को जेएनयू के कुलपति प्रोफेसर एम जगदीश कुमार स्कूल ऑफ आर्ट्स एंड एस्थेटिक्स का दौरा करने निकले थे जिस दौरान उनसे छात्रों ने अभद्रता की थी. इसको लेकर कुलपति ने खुद यह बयान जारी किया था कि एडमिन ब्लॉक की ओर जाने वाली सड़क पर 10 से 15 छात्रों ने उन्हें घेर लिया और धक्का-मुक्की शुरू कर दी और जब सिक्योरिटी गार्ड ने उन्हें छुड़ाना चाहा तो दो छात्रों ने कुलपति से अभद्रता की. इसके अलावा जैसे ही वह अपनी गाड़ी में बैठ कर वापस जाने लगे तो 1 छात्र बोनट पर लटक गया जिसे देखते हुए ड्राइवर को उलटी दिशा में गाड़ी भगा कर ले जानी पड़ी. कुलपति के अनुसार छात्रों ने उन्हें अपनी बात रखने के लिए बुलाया था लेकिन उनपर जानलेवा हमला करने की कोशिश की गई. इसी घटना की जांच के लिए जेएनयू की ओर से जांच समिति का भी गठन किया गया था.

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में प्रशासन और छात्रों के बीच स्थिति सामान्य होती नजर नहीं आ रही. बता दें कि एक बार फिर जेएनयू छात्रसंघ प्रशासन के विरोध में खड़ा हो गया है. इसकी वजह है हॉस्टल के दो छात्र गौतम और मणिकांत को छात्रावास से बाहर निकालना. बता दें कि जेएनयू प्रशासन ने इन दोनों छात्रों को कुलपति से अभद्रता करने के आरोप में दोषी मानते हुए हॉस्टल से बाहर निकाल दिया है.

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय

छात्रों का सामान बाहर कर कमरे को किया गया सील: छात्रसंघ
इस पूरे मामले को लेकर जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष एन साईं बालाजी ने कहा कि जेएनयू के सोशल साइंस के छात्र गौतम और एमए फर्स्ट ईयर के छात्र मणिकांत को हॉस्टल से बाहर निकालने के लिए माही मांडवी हॉस्टल के सीनियर वार्डन सौम्यजीत राय की ओर से नोटिस भेजा गया और उनका सामान बाहर रखकर उनका कमरा सील कर दिया गया है. साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में इन छात्रों को दाखिल न होने के निर्देश भी दिए हैं.

जांच पूरी होने तक हॉस्टल में रहने का अधिकार है- गौतम
वहीं हॉस्टल से बाहर निकाले जाने को लेकर छात्र गौतम ने कहा कि कुलपति के साथ जिस गुट ने अभद्रता की थी वह उस गुट का हिस्सा नहीं थे. गौतम का कहना है कि इससे पहले भी जांच का हवाला देकर उनका नामांकन निलंबित कर दिया गया था और अब हॉस्टल से भी बाहर निकाल दिया गया है. उन्होंने कहा कि जब तक उन पर आरोप साबित ना हो जाए और जांच कार्रवाई पूरी ना हो जाए तब तक उन्हें हॉस्टल में रहने का पूरा अधिकार है.

अपनी बात रखने का अधिकार मिलना चाहिए: मणिकांत
वहीं हॉस्टल से निकाले गए दूसरे छात्र मणिकांत का कहना है कि उनपर लगाए गए सभी इल्जाम झूठे हैं. उन्होंने कहा कि जेएनयू प्रशासन हो या चीफ प्रॉक्टर या वार्डन कोई भी उनका पक्ष सुनने को तैयार नहीं है. जबकि उन्हें भी अपनी बात रखने का पूरा अधिकार मिलना चाहिए.

क्या था पूरा मामला ?
बता दें कि 14 दिसंबर को जेएनयू के कुलपति प्रोफेसर एम जगदीश कुमार स्कूल ऑफ आर्ट्स एंड एस्थेटिक्स का दौरा करने निकले थे जिस दौरान उनसे छात्रों ने अभद्रता की थी. इसको लेकर कुलपति ने खुद यह बयान जारी किया था कि एडमिन ब्लॉक की ओर जाने वाली सड़क पर 10 से 15 छात्रों ने उन्हें घेर लिया और धक्का-मुक्की शुरू कर दी और जब सिक्योरिटी गार्ड ने उन्हें छुड़ाना चाहा तो दो छात्रों ने कुलपति से अभद्रता की. इसके अलावा जैसे ही वह अपनी गाड़ी में बैठ कर वापस जाने लगे तो 1 छात्र बोनट पर लटक गया जिसे देखते हुए ड्राइवर को उलटी दिशा में गाड़ी भगा कर ले जानी पड़ी. कुलपति के अनुसार छात्रों ने उन्हें अपनी बात रखने के लिए बुलाया था लेकिन उनपर जानलेवा हमला करने की कोशिश की गई. इसी घटना की जांच के लिए जेएनयू की ओर से जांच समिति का भी गठन किया गया था.

Intro:नई दिल्ली ।

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में प्रशासन और छात्रों के बीच स्थिति सामान्य होती नजर नहीं आ रही. बता दें कि एक बार फिर जेएनयू छात्रसंघ प्रशासन के विरोध में खड़ा हो गया है. इसकी वजह है हॉस्टल के दो छात्र गौतम और मणिकांत को छात्रावास से बाहर निकालना. बता दें कि जेएनयू प्रशासन ने इन दोनों छात्रों को कुलपति से अभद्रता करने के आरोप में दोषी मानते हुए हॉस्टेल से बाहर निकाल दिया है.


Body:छात्रों का सामान बाहर कर कमरे को किया गया सील: छात्रसंघ

इस पूरे मामले को लेकर जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष एन साईं बालाजी ने कहा कि जेएनयू के सोशल साइंस के छात्र गौतम और एमए फर्स्ट ईयर के छात्र मणिकांत को हॉस्टेल से बाहर निकालने के लिए माही मांडवी हॉस्टल के सीनियर वार्डन सौम्यजीत राय की ओर से नोटिस भेजा गया और उनका सामान बाहर रखकर उनका कमरा सील कर दिया गया है. साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में इन छात्रों को दाखिल न होने के निर्देश भी दिए हैं.

जांच पूरी होने तक हॉस्टेल में रहने का अधिकार है- गौतम

वहीं हॉस्टल से बाहर निकाले जाने को लेकर छात्र गौतम ने कहा कि कुलपति के साथ जिस गुट ने अभद्रता की थी वह उस गुट का हिस्सा नहीं थे. गौतम का कहना है कि इससे पहले भी जांच का हवाला देकर उनका नामांकन निलंबित कर दिया गया था और अब हॉस्टल से भी बाहर निकाल दिया गया है. उन्होंने कहा कि जब तक उन पर आरोप साबित ना हो जाए और जांच कार्यवाई पूरी ना हो जाए तब तक उन्हें हॉस्टल में रहने का पूरा अधिकार है.

अपनी बात रखने का अधिकार मिलना चाहिए: मणिकांत

वहीं हॉस्टल से निकाले गए दूसरे छात्र मणिकांत का कहना है कि उनपर लगाए गए सभी इल्जाम झूठे हैं. उन्होंने कहा कि जेएनयू प्रशासन हो या चीफ प्रॉक्टर या वार्डन कोई भी उनका पक्ष सुनने को तैयार नहीं है जबकि उन्हें भी अपनी बात रखने का पूरा अधिकार मिलना चाहिए.

क्या था पूरा मामला

बता दें कि 14 दिसंबर को जेएनयू के कुलपति प्रोफेसर एम जगदीश कुमार स्कूल ऑफ आर्ट्स एंड एस्थेटिक्स का दौरा करने निकले थे जिस दौरान उनसे छात्रों ने अभद्रता की थी. इसको लेकर कुलपति ने खुद यह बयान जारी किया था कि एडमिन ब्लॉक की ओर जाने वाली सड़क पर 10 से 15 छात्रों ने उन्हें घेर लिया और धक्कामुक्की शुरू कर दी और जब सिक्योरिटी गार्ड ने उन्हें छुड़ाना चाहा तो दो छात्रों ने कुलपति का कोड पकड़ लिया. इसके अलावा जैसे ही वह अपनी गाड़ी में बैठ कर वापस जाने लगे तो 1 छात्र बोनट पर लटक गया जिसे देखते हुए ड्राइवर को उलटी दिशा में गाड़ी भगा कर ले जानी पड़ी. कुलपति के अनुसार छात्रों ने उन्हें अपनी बात रखने के लिए बुलाया था लेकिन उनपर जानलेवा हमला करने की कोशिश की. इसी घटना की जांच के लिए जेएनयू की ओर से जांच समिति का भी गठन किया गया था.


Conclusion:वहीं जेएनयू छात्रसंघ ने गौतम और मणिकांत को छात्रावास से बाहर निकालने का विरोध किया है. उनका कहना है कि जेएनयू प्रशासन छात्रों के साथ राजनीति कर रहा है. जो छात्र अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं उनपर झूठे आरोप लगाकर एक एक कर उन्हें बाहर करने पर तुला हुआ है.
Last Updated : Jan 28, 2020, 12:08 PM IST

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.