नई दिल्ली: रीढ़ की हड्डी यानी स्पाइनल कॉर्ड में अगर चोट लग जाती है तो इसका प्रभाव पूरे शरीर पर पड़ता है. इसके बाद मरीजों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. स्पाइनल कॉर्ड में इंजरी का सबसे ज्यादा असर हाथ और पैर पर होता है. इसलिए इसके प्रति जागरुकता फैलाने के लिए हर साल 5 सितंबर को स्पाइनल कॉर्ड इंजरी डे मनाया जाता है.
आज दिल्ली के वसंत कुंज में स्थित इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर की ओर से स्पाइनल कॉर्ड इंजरी डे मनाया गया. यह कार्यक्रम 3 से 5 सितंबर तक चलेगा. इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर हॉस्पिटल की टीम ने आज इंजरी को लेकर जागरुकता के कई कार्यक्रम किए गए.
स्पाइनल इंजरी को लेकर नुक्कड़ नाटक: स्पाइनल इंजरी को लेकर एक नुक्कड़ नाटक भी प्रदर्शित किया गया. इसमें बताया गया कि स्पाइनल इंजरी गंभीर इंजरी जरूर है, लेकिन इसका इलाज संभव है. इसलिए जीवन में आगे बढ़ाने की कोशिश करें. जिंदगी में समस्याओं को हराने का हर संभव प्रयास करें. नुक्कड़ नाटक के बाद स्पाइनल इंजरी से प्रभावित मरीजों के लिए एक क्विज रखा गया. जिसमें व्हीलचेयर पर बैठे मरीज से इंजरी से संबंधित सवाल पूछे गए और मरीजों ने भी बखूबी आसानी से उत्तर दिया.
जागरुकता के लिए रैली का आयोजन: आज के इस कार्यक्रम में नुक्कड़ नाटक और क्विज के बाद एक सुंदर प्रस्तुति दी गई, जिसमें व्हीलचेयर पर बैठे विकलांगों के साथ महिलाओं ने देश भक्ति के सुंदर गानों पर अपनी प्रस्तुतियां दी. वहीं, इस कार्यक्रम के समापन पर व्हीलचेयर पर बैठे विकलांगों के साथ इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर की टीम ने जागरूकता के लिए एक रैली का आयोजन किया. इस दौरान व्हीलचेयर पर बैठे विकलांगों ने एक रैली निकाली और लोगों में स्पाइनल इंजरी को लेकर जागरूकता फैलाई.
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