नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य दिवस पर इंडियन मेडिकल कांग्रेस ने सबके लिए स्वास्थ्य हेल्थ फॉर ऑल विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया. इसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन के दक्षिण पूर्व क्षेत्र के पूर्व सलाहकार डॉ. राजेश मेहता ने हैल्थ फॉर ऑल विषय पर विशेष व्याख्यान दिया. इसके अलावा डॉ. नीलम लेखी, डॉ. गिरीश त्यागी, डॉ. हरजीत सिंह भट्टी ने भी संगोष्ठी पर विचार व्यक्त किए. इंडियन मेडिकल कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. प्रेम अग्रवाल ने संगोष्ठी में वक्ताओं के नीतियों की जानकारी दी.
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन अपना 75 वां स्थापना दिवस मना रहा है. यह संगठन अच्छे स्वास्थ्य बेहतर नीतियों के लिए पूरी दुनिया में वकालत करता है. इसी के तहत सबके लिए स्वास्थ्य उसका एक सपना था. डब्ल्यूएचओ ने सन 2000 तक यह लक्ष्य पूरा करने का संकल्प लिया था, मगर 2023 में भी सबके लिए स्वास्थ्य का लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया है. यह एक विचारणीय प्रश्न है. उन्होंने कहा है कि यह लक्ष्य सिर्फ सरकार के भरोसे पूरा नहीं होने वाला है, जब तक कि इसमें समाज के सभी पक्ष अपने दायित्व और जिम्मेदारियों का निर्वाह नहीं करेंगे. इसके लिए हमें नया नारा हम सब स्वास्थ्य के लिए 'ऑल फॉर हेल्थ' देना होगा. इसके तहत समाज के सभी पदों को सरकार एवं संगठनों के साथ मिलकर काम करना होगा. प्रत्येक नागरिक को जागरूक होना पड़ेगा. मरीजों को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी.
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डॉ. अग्रवाल ने संगोष्ठी में आए पत्रकारों से अपील की है कि सबके लिए स्वास्थ्य का लक्ष्य पूरा करने में आप लोग हमारा साथ दें. उन्होंने कहा है कि सरकार तो सिर्फ स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कर सकती है, लेकिन भारत के करोड़ों लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने का काम सिर्फ मीडिया ही कर सकता है. सबके लिए स्वस्थ एवं स्वास्थ्य के लिए पूज्य पर सरकारी नीतियों की चर्चा करते हुए डॉक्टर अग्रवाल ने कहा है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति में सबके लिए स्वास्थ्य की पूर्ति के तमाम लक्ष्य योजनाएं बनाई जाती है, लेकिन मजबूत इच्छाशक्ति एवं बदलते राजनीतिक परिदृश्य के चलते उतार-चढ़ाव होता रहता है. सन 2017 में सकल घरेलू उत्पाद का मात्र 2.5 फीसद स्वास्थ्य बजट के लिए दिया गया था. इसे बढ़ाकर कम से कम 8 फ़ीसदी करना होगा.