नई दिल्ली: कोरोना के खिलाफ दिल्ली सरकार ने नीतिगत तरीके से जंग लड़ने का फैसला किया है. इसके लिए दिल्ली के सभी सरकारी और गैर सरकारी लैब्स और डायग्नोस्टिक सेंटर्स को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के विशेष सचिव सत्येंद्र सिंह ने एक ऑर्डर जारी किया है.
इस ऑर्डर के तहत सत्येंद्र सिंह ने सभी लैब्स को निर्धारित समय पर रिपोर्ट देने और उससे संबंधित सारा विवरण इन्टग्रेटिड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम को ईमेल करने का निर्देश दिया है. ऑर्डर में कहा गया है कि निर्धारित समय पर नियमित कोविड पॉजिटिव पाये गए मरीजों की रिपोर्ट नहीं मिलने की वजह से आंकड़ों के विश्लेषण में परेशानी होती है. जिसका नतीजा यह होता है कि सरकार को कोविड को लेकर ठोस नीति बनाने में कठिनाई होती हैं.
आर्डर के शुरू में ही कहा गया है कि कोविड -19 दिल्ली के लोगों के लिए एक बड़ा खतरा है. हर नए मामले की पहचान करना और पॉजिटिव पाये गये मरीजों की दोबारा जांच करना. सभी मामलों की मोनेटरिंग करना बहुत आवश्यक है. अगर कोविड -19 से संबंधित सभी सूचनाएं सही समय पर लैब से कलेक्ट नहीं कि जाएगी तो नए पॉजिटिव मामलों को पकड़ने में अनावश्यक देरी होगी. यह दिल्ली के लोगों की सेहत के लिए अच्छा नहीं है.
ऑर्डर में विशेष सचिव ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि जांच के लिए विभिन्न कोविड सेंटर्स से जमा किये गये सैंपल्स की जांच निर्धारित समय पर करके इसकी रिपोर्ट तुरंत सर्विलांस सेंटर भेजी जाए.
11 निजी लैब को निर्देश
दिल्ली के सभी सरकारी और आईसीएमआर द्वारा अधिकृत 11 निजी लैब को निर्देशित किया जाता है कि वो जांच रिपोर्ट निर्धारित समय पर भेजे. सभी पॉजिटिव केसेज की पहली पूरी रिपोर्ट दिए गए फॉर्मेट में भेजें. हर पॉजिटिव केस जिसका इलाज चल रहा है, उसके रिपीट टेस्ट की पूरी रिपोर्ट उसके इलाज के विवरण समेत भेजें.