ETV Bharat / state

GISA ने भारत के प्राइवेट स्कूलों से एक साथ आने का आग्रह किया - ग्लोबल इंडिपेंडेंट स्कूल्स एसोसिएशन

ग्लोबल इंडिपेंडेंट स्कूल्स एसोसिएशन ने भारत के तीन लाख चालीस हजार से ज्यादा भारतीय निजी स्कूलों को आमंत्रित किया है. यह वैश्विक संघ दुनिया भर के K-12 प्राइवेट शिक्षा संस्थानों का समन्वय और प्रतिनिधित्व करने के साथ-साथ उन्हें एक आवाज देना चाहता है.

GISA ने भारत के प्राइवेट स्कूलों से एक साथ आने का आग्रह किया
GISA ने भारत के प्राइवेट स्कूलों से एक साथ आने का आग्रह किया
author img

By

Published : Apr 3, 2023, 6:46 PM IST

GISA ने भारत के प्राइवेट स्कूलों से एक साथ आने का आग्रह किया

नई दिल्ली: दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई, जिसमें शिक्षा क्षेत्र के पहले प्रतिनिधि संगठन में शामिल होने के लिए तीन लाख चालीस हजार से ज्यादा भारतीय निजी स्कूलों को आमंत्रित किया गया है. इस समूह के साथ दुनिया भर के किंडरगार्टन से लेकर 12 वीं कक्षा तक (k-12) के कई स्कूल जुड़े हुए हैं. भारत के तीन लाख चालीस हजार से ज्यादा इंडिपेंडेंट (प्राइवेट) स्कूलों को ‘ग्लोबल इंडिपेंडेंट स्कूल्स एसोसिएशन’ (GISA) में शामिल होने का आग्रह किया गया है.

GISA किंडरगार्टन से लेकर 12वीं कक्षा तक के प्राइवेट स्कूलों का पहला विश्वव्यापी प्रतिनिधि निकाय है, जिसके साथ विश्व भर के कई स्कूल जुड़े हुए हैं. संगठन का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप सभी क्षेत्रों में ज्ञान साझा करके दुनिया भर में शिक्षा के प्रावधानों में सुधार करना है.

विश्व बैंक के हाल के आंकड़ों के अनुसार, भारत में सेकेंडरी स्कूल के 50 फीसदी से ज्यादा और प्राइमरी स्कूल के 13 फीसदी छात्र प्राइवेट स्कूल में नामांकित हैं. दुनिया भर में शिक्षा को बेहतर बनाने में मदद करने के लिए निजी क्षेत्र और सरकारी स्कूल के बीच ज्ञान साझा करने के तत्काल आह्वान के साथ इस संगठन की नई शाखा को सोमवार को लॉन्च किया गया है. GISA संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य (SDG4) को प्राप्त करने में एक महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में अपनी आवाज बुलंद करने की उम्मीद करता है. SDG4 का फोकस साल 2030 तक शिक्षा पर है और इसका उद्देश्य समावेशी और समान गुणवत्ता वाली शिक्षा सुनिश्चित करना और सभी के लिए आजीवन सीखने के अवसरों को बढ़ावा देना है.

यह वैश्विक संघ दुनिया भर के K-12 प्राइवेट शिक्षा संस्थानों का समन्वय और प्रतिनिधित्व करने के साथ-साथ उन्हें एक आवाज देना चाहता है. दरअसल यह संगठन दुनिया भर के 35 करोड़ बच्चों को शिक्षित करने वाले क्षेत्र में किसी तरह के प्रतिनिधित्व न होने की कमी को पूरा करना चाहता है. गौरतलब है कि प्राइवेट संस्थानों में साउथ एशिया के सेकेंडरी स्कूल के 52 फीसदी और लैटिन अमेरिका के प्राइमरी स्कूल के 45 फीसदी छात्र पढ़ाई कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ें: APP attack on PM Modi: संजय सिंह ने पुराना वीडियो जारी कर किया हमला, जानिए किस बयान पर आए पीएम निशाने पर

नोर्ड एंग्लिया एजुकेशन इंडिया के प्रबंध निदेशक क्रिस्टोफर शॉर्ट ने कहा, "मुझे ‘नॉर्ड एंग्लिया एजुकेशन इंडिया’ का प्रतिनिधित्व करने और GISA इंडिया चैप्टर लॉन्च करने के लिए भारत में अंतरराष्ट्रीय शिक्षा देने वाले अन्य संस्थानों के साथ जुड़ने की खुशी है. उन्होंने आगे कहा, " GISA हमें भारत में अंतरराष्ट्रीय स्कूलों के फायदों को प्रमोट करने के लिए एक बेहतर मंच प्रदान करता है. साथ ही इस बारे में भी बताता है कि उच्च मानकों को बढ़ावा देने और अगली पीढ़ी को शिक्षित करने के लिए राष्ट्रीय प्रणाली के साथ कैसे काम किया जा सकता है. GISA का उद्देश्य निजी शिक्षा क्षेत्र के लिए "भरोसेमंद" आवाज बनना, इनके प्रभाव को प्रदर्शित करना, दुनिया की सरकारों और वैश्विक संस्थानों के लिए एक संसाधन के रूप में काम करना, उनसे बात करना और संकट के समय में उनकी मदद करना है.

इसे भी पढ़ें: Delhi Metro Timing: DMRC ने बदला लास्ट ट्रेन का समय, जानिए किस स्टेशन से कब मिलेगी अंतिम ट्रेन

GISA ने भारत के प्राइवेट स्कूलों से एक साथ आने का आग्रह किया

नई दिल्ली: दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई, जिसमें शिक्षा क्षेत्र के पहले प्रतिनिधि संगठन में शामिल होने के लिए तीन लाख चालीस हजार से ज्यादा भारतीय निजी स्कूलों को आमंत्रित किया गया है. इस समूह के साथ दुनिया भर के किंडरगार्टन से लेकर 12 वीं कक्षा तक (k-12) के कई स्कूल जुड़े हुए हैं. भारत के तीन लाख चालीस हजार से ज्यादा इंडिपेंडेंट (प्राइवेट) स्कूलों को ‘ग्लोबल इंडिपेंडेंट स्कूल्स एसोसिएशन’ (GISA) में शामिल होने का आग्रह किया गया है.

GISA किंडरगार्टन से लेकर 12वीं कक्षा तक के प्राइवेट स्कूलों का पहला विश्वव्यापी प्रतिनिधि निकाय है, जिसके साथ विश्व भर के कई स्कूल जुड़े हुए हैं. संगठन का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप सभी क्षेत्रों में ज्ञान साझा करके दुनिया भर में शिक्षा के प्रावधानों में सुधार करना है.

विश्व बैंक के हाल के आंकड़ों के अनुसार, भारत में सेकेंडरी स्कूल के 50 फीसदी से ज्यादा और प्राइमरी स्कूल के 13 फीसदी छात्र प्राइवेट स्कूल में नामांकित हैं. दुनिया भर में शिक्षा को बेहतर बनाने में मदद करने के लिए निजी क्षेत्र और सरकारी स्कूल के बीच ज्ञान साझा करने के तत्काल आह्वान के साथ इस संगठन की नई शाखा को सोमवार को लॉन्च किया गया है. GISA संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य (SDG4) को प्राप्त करने में एक महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में अपनी आवाज बुलंद करने की उम्मीद करता है. SDG4 का फोकस साल 2030 तक शिक्षा पर है और इसका उद्देश्य समावेशी और समान गुणवत्ता वाली शिक्षा सुनिश्चित करना और सभी के लिए आजीवन सीखने के अवसरों को बढ़ावा देना है.

यह वैश्विक संघ दुनिया भर के K-12 प्राइवेट शिक्षा संस्थानों का समन्वय और प्रतिनिधित्व करने के साथ-साथ उन्हें एक आवाज देना चाहता है. दरअसल यह संगठन दुनिया भर के 35 करोड़ बच्चों को शिक्षित करने वाले क्षेत्र में किसी तरह के प्रतिनिधित्व न होने की कमी को पूरा करना चाहता है. गौरतलब है कि प्राइवेट संस्थानों में साउथ एशिया के सेकेंडरी स्कूल के 52 फीसदी और लैटिन अमेरिका के प्राइमरी स्कूल के 45 फीसदी छात्र पढ़ाई कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ें: APP attack on PM Modi: संजय सिंह ने पुराना वीडियो जारी कर किया हमला, जानिए किस बयान पर आए पीएम निशाने पर

नोर्ड एंग्लिया एजुकेशन इंडिया के प्रबंध निदेशक क्रिस्टोफर शॉर्ट ने कहा, "मुझे ‘नॉर्ड एंग्लिया एजुकेशन इंडिया’ का प्रतिनिधित्व करने और GISA इंडिया चैप्टर लॉन्च करने के लिए भारत में अंतरराष्ट्रीय शिक्षा देने वाले अन्य संस्थानों के साथ जुड़ने की खुशी है. उन्होंने आगे कहा, " GISA हमें भारत में अंतरराष्ट्रीय स्कूलों के फायदों को प्रमोट करने के लिए एक बेहतर मंच प्रदान करता है. साथ ही इस बारे में भी बताता है कि उच्च मानकों को बढ़ावा देने और अगली पीढ़ी को शिक्षित करने के लिए राष्ट्रीय प्रणाली के साथ कैसे काम किया जा सकता है. GISA का उद्देश्य निजी शिक्षा क्षेत्र के लिए "भरोसेमंद" आवाज बनना, इनके प्रभाव को प्रदर्शित करना, दुनिया की सरकारों और वैश्विक संस्थानों के लिए एक संसाधन के रूप में काम करना, उनसे बात करना और संकट के समय में उनकी मदद करना है.

इसे भी पढ़ें: Delhi Metro Timing: DMRC ने बदला लास्ट ट्रेन का समय, जानिए किस स्टेशन से कब मिलेगी अंतिम ट्रेन

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.