नई दिल्ली: दक्षिणी दिल्ली के नेबसराय इलाके में एक 75 वर्षीय बुजुर्ग सतीश भारद्वाज की हत्या मामले में सनसनीखेज खुलासा हुआ है. दरअसल रिटायर्ड इंजीनियर की हत्या उनके पूर्व नौकर रवि कुमार ने अपने भाई धर्मेंद्र और मुकुल के साथ की है. पुलिस ने मामले की छानबीन करते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी मुकुल ग्रीन पार्क चला गया था और उसे इस बात का पता नहीं था कि उसके दोनों भाई गिरफ्तार हो चुके हैं. बाद में जब वह वापस घर आया तो उसे गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने बताया कि सतीश भारद्वाज द्वारा विरोध किए जाने पर आरोपियों ने उनकी हथोड़े और प्लायर से पीट-पीटकर हत्या कर दी. आरोपी दिल्ली के सैदुल्लाजाब इलाके के निवासी हैं और घरों में रंगाई-पुताई का काम करते हैं. उन्होंने मृतक सतीश भारद्वाज के हाथ से चांदी का कड़ा, अलमारी में रखे 12 सोने के सिक्के, चांदी के छोटे खड़ाऊ लूटी और मौक से फरार हो गए.
जांच में सामने आया कि आरोपी रवि, मृतक सतीश भारद्वाज का पूर्व में नौकर हुआ करता था. हाल में घर का रिनोवेशन होना था, जिसके लिए सतीश भारद्वाज ने रवि को इसकी जिम्मेदारी दी थी. इसके बाद रवि ने अपने भाई धर्मेंद्र मुकुल साथ काम करना शुरू किया था. घर में काम करने के दौरान उन्हें एहसास हुआ कि बुजुर्ग अकेले रहते हैं और उनके पास काफी मात्रा में सोने-चांदी के गहने और नकदी हो सकती है. इसके बाद रवि और धमेंद्र ने 10 फरवरी को अपने साथी के साथ वारदात को अंजाम देने की योजना बनाई. घर में काम करने के कारण उन्हें पता था कि वे पीछे के रास्ते से घर में आसानी से घुस सकते हैं. इसके बाद मंगलवार देर रात करीब 1 बजे, रवि और धमेंद्र और उसका साथी घर में दाखिल हुए और घर में बुजुर्ग को सोता हुआ पाया.
आरोपियों को लगा कि वे आसानी से अलमारी से गहने निकालकर फरार हो जाएंगे पर बुजुर्ग की निंद खुल गई. इसके बाद बुजुर्ग उन्हें देखकर मुख्य दरवाजे की तरफ भागा, जिसके बाद तीनों ने उन्हें पकड़ने की कोशिश की. जब वे ऐसा नहीं कर पाए तो मुकुल ने हथौड़े और प्लायर से बुजुर्ग के सिर पर ताबड़तोड़ हमला किया. इसके बाद आरोपी, उनके हाथ से चांदी का कड़ा निकालने के साथ, अलमारी में रखे सोने के 12 सिक्के और चांदी की खड़ाऊ लेकर फरार हो गए. मृतक के पड़ोसी ने बताया कि रोज की तरह गत बुधवार सुबह करीब 8 बजे जब उनकी नौकरानी घर पहुंची तो काफी देर तक दरवाजा नहीं खुला. इसपर उसने खिड़की से अंदर झांका तो देखा कि घर का सामान बिखरा पड़ा है. अनहोनी की आशंका जताते हुए वह पड़ोसियों के पास पहुंची. इसके बाद जब पड़ोसी मृतक के घर पहुंचे तो दरवाजा न खोले जाने पर किसी तरह दरवाजा खुलवाया. दरवाजा खुलने पर उन्होंने दरवाजे के पीछे ही सतीश भारद्वाज का शव खून में लथपथ पाया. इसपर करीब 8.15 बजे पुलिस को घटना की सूचना दी गई.
इस बारे में ज्वाइंट सीपी मीनू चौधरी ने बताया कि पुलिस को गत बुधवार सुबह करीब 8.15 बजे एक कॉल मिली थी. कॉलर ने बताया कि वह नेब सराय के फ्रीडम फाइटर कॉलोनी से बोल रहा है और उसके पड़ोस में मकान नंबर ए1 ब्लॉक के 55 नंबर मकान में रहने वाले 75 वर्षीय सतीश भारद्वाज अपने घर का दरवाजा नहीं खोल रहे हैं. जब पुलिस वहां पहुंची तो पाया कि बुजुर्ग अपने घर के दरवाजे के पास ही मृत पड़े हुए हैं और घर का सामान बिखरा हुआ है. इसके बाद पुलिस ने तत्काल लूट और हत्या की धारा में मामला दर्ज कर जांच के लिए अलग-अलग टीमों का गठन किया.
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पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटना के बारे में आसपास के लोगों से बातचीत की और पास में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज को खंगाला गया. पूछताछ में पता चला कि उनके घर में पिछले कई दिनों से रेनोवेशन का काम चल रहा है, जिसमें कुछ लोग रंगाई-पुताई का काम कर रहे थे. वहीं सीसीटीवी फुटेज में देर रात संदिग्ध लोग नजर आए. इनके बारे में पूछे जाने पर लोगों ने बताया कि ये वही लोग हैं जो बुजुर्ग के घर में रंगाई-पुताई कर रहे हैं, जिनमें से एक रवि उनका पूर्व नौकर भी है.
पुख्ता सुराग मिलते ही पुलिस ने कार्रवाई करते हुए रवि, धर्मेंद्र और मुकुल की तलाश कर उन्हें धर दबोचा. पुलिस ने इनके पास से लूटे हुए सामान के साथ ही फुटेज में दिखे उस ऑटो को भी जब्त किया है, जिससे वे मौके से फरार हुए थे. लोगों ने बताया कि मृतक का एक बेटा बिग्रेडियर लवलीश कुमार भारद्वाज, वर्तमान में मध्य प्रदेश में पोस्टेड हैं. वहीं दूसरा बेटा दीपक कुमार भारद्वाज यूएस में आईटी सेक्टर में कार्यरत है. इसके अलावा उनकी बेटी अपने परिवार के साथ वैशाली में रहती है.
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