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NDMC के पूर्व CMO ने 65 की उम्र में कोरोना को दी मात

एनडीएमसी के पूर्व सीएमओ डॉ अनिल बंसल ने 65 की उम्र में कोरोना को मात दे दी हैं. डॉक्टर बंसल डाइबिटीज, आईबीएस, पार्किंसन और हाइपरटेंशन जैसी खतरनाक बीमारियों से जूझ रहें हैं. इसी के साथ डॉ बंसल करते है कि ज्यादा कॉम्प्लिकेशन नहीं है तो घर पर रहकर भी आप इसे मैनेज कर सकते हैं.

Former CMO of NDMC defeated Corona at age 65 of new delhi
NDMC के पूर्व CMO ने 65 की उम्र में ने कोरोना को दी मात
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Published : Dec 18, 2020, 2:25 PM IST

नई दिल्ली: डाइबिटीज, आईबीएस, पार्किंसन और हाइपरटेंशन जैसी खतरनाक बीमारियों से जूझने वाले 65 वर्षीय बुजुर्ग व्यक्ति को अगर कोरोना संक्रमण हो जाय तो क्या ऐसे व्यक्ति का बचना संभव है? शायद नहीं,लेकिन एनडीएमसी के पूर्व सीएमओ डॉ अनिल बंसल घर पर रहते हुए कोरोना संक्रमण को मात देने में कामयाब रहे हैं.

NDMC के पूर्व CMO की 65 के उम्र में कोरोना को मात देने की पूरी कहानी.
65 की उम्र और कोविड का डर


डॉ अनिल बंसल बताते हैं कि 15 नवंबर को उन्हें हल्की बुखार आई थी, साथ में थोड़ी खांसी भी हो रही थी. जब उन्होंने जांच करवाया तो वो कोविड पॉजिटिव निकले. यह उनके लिए बेहद डरावनी वाली रिपोर्ट थी. हालांकि डॉ बंसल एक विशेषज्ञ डॉक्टर हैं. यह डर इसलिए बड़ा था, क्योंकि उनकी उम्र 65 वर्ष है, डायबिटीज पार्किंसन और हाई ब्लड प्रेशर जैसी खतरनाक बीमारी पीड़ित भी हैं उन्होंने ऐसे कई मरीजों को देखा जो इस परिस्थिति में कोविड संक्रमित होने के बाद सरवाइव नहीं कर पाए थे.



हिम्मत है समस्याओं का हल


डॉक्टर बंसल ने तुरंत अपने फेफड़े में वायरल लोड की जांच के लिए सीटी स्कैन कराया. उन्हें यह जानकर थोड़ी राहत मिली कि उनके फेफड़े में वायरस की मात्रा बहुत कम थी. डॉक्टर बंसल ने घर पर ही रह कर कोरोना संक्रमण को मैनेज करने का निर्णय लिया. इस बीच वे लगातार अपने सांस संबंधी समस्याओं के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों की संपर्क में बने रहे.

ये भी देखें:- नवंबर की तुलना में दो तिहाई कम हुए एक्टिव केस, स्वास्थ्य मंत्री बोले कम हो रहा प्रकोप

खुद को किया कैद

डॉक्टर बंसल ने बुखार के लिए पेरासिटामोल और एस्टेरॉइड लेना शुरू किया. इस दौरान उन्होंने कोई भी एंटीवायरल दवाई नहीं ली. 14 दिनों तक वह घर के अंदर ही खुद को कैद कर लिया. इस दौरान उन्हें कई बार सांस लेने में दिक्कत हुई.ऑक्सीजन का लेवल भी नीचे गया, लेकिन उन्होंने हिम्मत से काम लिया.

डॉकटर के आगे हारी बिमारी

डॉ अनिल बंसल अपने डायबिटीज को मैनेज करने के लिए ग्लूकोज मीटर लगा रखा था. इससे 24 घंटे उन्हें अपने शुगर लेवल का पता चल रहा था. इस दौरान वह लगातार पार्किंसन की भी दवाई लेते रहे. आखिरकार वह खतरनाक कोरोना संक्रमण को हराने में कामयाब रहे.


घबराहट से बिगड़ता है मामला -डॉ अनिल बंसल


दूसरे लोगों को डॉ बंसल ने संदेश दिया है कि घबराहट से मामला बिगड़ता है. अगर कोरोना संक्रमण हो जाए तो घबराएं नहीं. अगर ब्लड रिपोर्ट ठीक है और कोई ज्यादा कॉम्प्लिकेशन नहीं है तो घर पर रहकर ही आप कोरोना संक्रमण को मैनेज कर सकते हैं जैसा मैंने किया.

नई दिल्ली: डाइबिटीज, आईबीएस, पार्किंसन और हाइपरटेंशन जैसी खतरनाक बीमारियों से जूझने वाले 65 वर्षीय बुजुर्ग व्यक्ति को अगर कोरोना संक्रमण हो जाय तो क्या ऐसे व्यक्ति का बचना संभव है? शायद नहीं,लेकिन एनडीएमसी के पूर्व सीएमओ डॉ अनिल बंसल घर पर रहते हुए कोरोना संक्रमण को मात देने में कामयाब रहे हैं.

NDMC के पूर्व CMO की 65 के उम्र में कोरोना को मात देने की पूरी कहानी.
65 की उम्र और कोविड का डर


डॉ अनिल बंसल बताते हैं कि 15 नवंबर को उन्हें हल्की बुखार आई थी, साथ में थोड़ी खांसी भी हो रही थी. जब उन्होंने जांच करवाया तो वो कोविड पॉजिटिव निकले. यह उनके लिए बेहद डरावनी वाली रिपोर्ट थी. हालांकि डॉ बंसल एक विशेषज्ञ डॉक्टर हैं. यह डर इसलिए बड़ा था, क्योंकि उनकी उम्र 65 वर्ष है, डायबिटीज पार्किंसन और हाई ब्लड प्रेशर जैसी खतरनाक बीमारी पीड़ित भी हैं उन्होंने ऐसे कई मरीजों को देखा जो इस परिस्थिति में कोविड संक्रमित होने के बाद सरवाइव नहीं कर पाए थे.



हिम्मत है समस्याओं का हल


डॉक्टर बंसल ने तुरंत अपने फेफड़े में वायरल लोड की जांच के लिए सीटी स्कैन कराया. उन्हें यह जानकर थोड़ी राहत मिली कि उनके फेफड़े में वायरस की मात्रा बहुत कम थी. डॉक्टर बंसल ने घर पर ही रह कर कोरोना संक्रमण को मैनेज करने का निर्णय लिया. इस बीच वे लगातार अपने सांस संबंधी समस्याओं के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों की संपर्क में बने रहे.

ये भी देखें:- नवंबर की तुलना में दो तिहाई कम हुए एक्टिव केस, स्वास्थ्य मंत्री बोले कम हो रहा प्रकोप

खुद को किया कैद

डॉक्टर बंसल ने बुखार के लिए पेरासिटामोल और एस्टेरॉइड लेना शुरू किया. इस दौरान उन्होंने कोई भी एंटीवायरल दवाई नहीं ली. 14 दिनों तक वह घर के अंदर ही खुद को कैद कर लिया. इस दौरान उन्हें कई बार सांस लेने में दिक्कत हुई.ऑक्सीजन का लेवल भी नीचे गया, लेकिन उन्होंने हिम्मत से काम लिया.

डॉकटर के आगे हारी बिमारी

डॉ अनिल बंसल अपने डायबिटीज को मैनेज करने के लिए ग्लूकोज मीटर लगा रखा था. इससे 24 घंटे उन्हें अपने शुगर लेवल का पता चल रहा था. इस दौरान वह लगातार पार्किंसन की भी दवाई लेते रहे. आखिरकार वह खतरनाक कोरोना संक्रमण को हराने में कामयाब रहे.


घबराहट से बिगड़ता है मामला -डॉ अनिल बंसल


दूसरे लोगों को डॉ बंसल ने संदेश दिया है कि घबराहट से मामला बिगड़ता है. अगर कोरोना संक्रमण हो जाए तो घबराएं नहीं. अगर ब्लड रिपोर्ट ठीक है और कोई ज्यादा कॉम्प्लिकेशन नहीं है तो घर पर रहकर ही आप कोरोना संक्रमण को मैनेज कर सकते हैं जैसा मैंने किया.

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