नई दिल्ली: डॉक्टर्स डे के अवसर पर फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) ने स्वास्थ्य सत्याग्रह मनाने का निर्णय लिया है. इस दिन पूरे देश भर के डॉक्टर्स अपनी मांगों को लेकर आवाज बुलंद करेंगे और अपने अधिकारों के लिए शांति पूर्वक विरोध प्रदर्शन करेंगे. इसको लेकर फेमा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है. पत्र में लिखा गया है कि यह मानना पड़ेगा कि हमारे देश की स्वास्थ्य व्यवस्था की उपेक्षा की गई है, इसमें आमूलचूल बदलाव लाने की आवश्यकता है.
भारतीयों को मिले बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं
फेमा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉक्टर रोहन कृष्णन का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर में सबने महसूस किया कि किस तरह से हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई हुई है. अस्पताल प्रशासन और मरीजों ने एक-एक बिस्तर के लिए संघर्ष करते हुए बिताए हैं. लोगों को ऑक्सीजन और दवाइयों की काफी किल्लत सामना करना पड़ा. इस कठिन समय में प्रशासनिक अधिकारी संघर्ष करते हुए दिखे. हमें महसूस हो रहा है कि हम भारतीयों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलनी चाहिए.
कई जगह लगाए जाएंगे मेडिकल कैंप
डॉक्टर रोहन कृष्णन ने बताया कि डॉक्टर्स डे के अवसर पर उन्होंने आम लोगों की सुविधा के लिए कई पहल की है. लोगों को मुफ्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जगह- जगह मेडिकल कैंप लगाए जाएंगे और जरूरतमंद मरीजों को दवाइयां भी उपलब्ध कराई जाएंगी. इसके साथ ही रक्तदान शिविर लगाए जाएंगे और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे, जहां मरीजों को कोरोना वैक्सीन के बारे में भी जागरूक किया जाएगा. इसके अलावा कोरोना से बचाव के तरीके भी बताए जाएंगे. इस तरह पूरे देश भर में Doctors Day के अवसर पर एक स्वास्थ्य जागरूकता शुरू की जाएगी.
भारतीय चिकित्सा सेवा बनाने की मांग
FAIMA ने डॉक्टर्स डे के उपलक्ष्य में सरकार एवं स्वास्थ्य मंत्रालय से भारतीय प्रशासनिक सेवा की तर्ज पर भारतीय चिकित्सा सेवा शुरू करने की मांग की है. भारतीय चिकित्सा सेवा ऐसी होनी चाहिए जो भारतीय प्रशासनिक सेवा के समानांतर हो. देशभर में चिकित्सा से संबंधित सारे निर्णय भारतीय चिकित्सा के अधिकारी ही लें, ना कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी.
क्योंकि चिकित्सा विज्ञान से जुड़े अधिकारी ही इस व्यवस्था को पूरी तरह से समझ सकते हैं और नीति नियामक में एक बड़ी भूमिका निभा सकते हैं. इसका सबसे बड़ा फायदा देश की स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने में और भविष्य में होने वाले किसी भी महामारी से सफलतापूर्वक निपटने के रूप में मदद मिलेगी. डॉक्टर रोहन ने बताया कि डॉक्टर की सुरक्षा की मांग को लेकर सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट को लाने की गुजारिश करेंगे. इसके लिए सभी डॉक्टर अपनी बांह पर काली पट्टी बांधकर सांकेतिक प्रदर्शन भी करेंगे.