नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े अस्पताल दिल्ली एम्स में आग की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए फुल प्रूफ स्मार्ट तकनीक का उपयोग किया जाएगा. जिससे आग की घटना के दौरान इस पर नियंत्रण के लिए बहुमूल्य समय की बचत की जा सकती है. ऐसा होने पर जल्दी आग पर काबू पाया जा सकता है. साथ ही इससे होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है.
एम्स डायरेक्टर प्रो. एम श्रीनिवास ने स्मार्ट तकनीक का प्रयोग कर आग की घटनाओं को नियंत्रित करने की दिशा में उन्होंने अहम कदम उठाया है. पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर कुछ व्यस्त विभाग में फायर अलार्म पैनल से जुड़ा फेशियल एक्सेस कंट्रोल सिस्टम लगाया जाएगा, जो आग की घटना को लेकर समय पर अलर्ट करेगा. इससे आग को भड़कने या फैलने से रोकने में मदद काफी मिलेगी.
एम्स डायरेक्टर ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में एम्स नई दिल्ली में हुई आग की घटनाओं की संक्षिप्त जानकारी से पता चला कि अक्सर अग्नि टीमों ने दरवाजे की चाबी ढूंढने या दरवाजे को जबरन खोलने में बहुत समय बर्बाद किया है.
बता दें, इस प्रणाली को इस प्रकार डिज़ाइन किया जाएगा कि नियमित रूप से यह एक फेशियल एक्सेस कंट्रोल सिस्टम पर काम करेगा. यह केवल अधिकृत कर्मियों को ही प्रवेश की अनुमति देगा. फायर अलार्म की स्थिति में, एक्सेस-नियंत्रित दरवाजे प्रभावित क्षेत्र में स्वचालित रूप से अक्षम हो जाएंगे और बिना किसी हस्तक्षेप का रिस्पांस टीम आग तक पहुंचने जाएंगे और आग को बुझा देंगे.
चूंकि, एम्स नई दिल्ली के पास ऐसी प्रणालियों को स्थापित करने का की कोई विशेषज्ञता नहीं है, इसलिए सभी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए इससे संबंधित फाइल पर अनुमोदन के बाद 31 जनवरी 2024 तक इस पर काम शुरू होगा. इस काम की जिम्मेदारी अनुभवी पीएसयू या अन्य सरकारी इकाई को सौंपा जा सकता है. इससे संबंधित प्रक्रिया की देखरेख सुपरीटेंडिंग इंजीनियर करेंगे.