नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में आगामी कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इसी के मद्देनजर ईटीवी भारत की टीम ने दिल्ली के संगम विहार विधानसभा क्षेत्र के लोगों की समस्याएं जानी.
'रतिया मार्ग मुख्य समस्या'
संगम विहार में भी दिल्ली के अन्य विधानसभाओं की तरह पानी,सीवर, सड़के और नालियां प्रमुख मुद्दे हैं. विकास के कई कार्य संगम विहार विधानसभा में पिछले 5 सालों में हुए हैं, लेकिन अभी भी कई समस्याएं मौजूद हैं जिससे जनता भी दो-चार हो रही हैं. विधानसभा में सबसे प्रमुख समस्या यहां की मुख्य सड़क रतिया मार्ग की है जो सालों से खराब पड़ी है. हालांकि इसके पीछे विधायक का तर्क है कि रतिया मार्ग पर कई विकास के कार्य एक साथ हुए हैं.
'रतिया मार्ग पर हुए कई विकास कार्य'
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह इस सड़क से चलना दूभर हो गया है. हालांकि इस पर स्थानीय विधायक दिनेश मोहनिया का कहना है कि रतिया मार्ग पर कई विकास के कार्य एक साथ हुए हैं. जिस कारण थोड़ा लोगों को समस्या हुई थी लेकिन कुछ दिनों में यह समस्या ठीक हो जाएगी. और सड़क बिल्कुल अच्छी हो जाएगी. संगम विहार में पानी को लेकर भी कई समस्याएं है. कई कॉलोनियों के स्थानीय लोगों का कहना है कि उनको टेंकर से आने वाले पानी को प्रति डिब्बे पैसे देकर लेना पड़ता है.
70 फीसदी इलाकों में किया जा रहा है पानी सप्लाई
स्थानीय विधायक दिनेश मोहनिया का कहना है कि उन्होंने संगम विहार विधानसभा क्षेत्र में कई ऐसे विकास कराएं हैं. जो पिछले 70 सालों में नहीं हुए. उनका कहना है कि संगम विहार विधानसभा क्षेत्र के तकरीबन 70 फीसदी इलाके में सोनिया विहार का पानी सप्लाई किया जा रहा है.
'नहीं हो पाया समय से पूरा काम'
बीजेपी नेता विजय जौली का कहना है कि संगम विहार विधानसभा इलाके में पिछले 5 सालों में बहुत से ऐसे कार्य हैं जो नहीं हो पाए हैं. इसके अलावा उनका कहना है कि संगम विहार क्षेत्र में पानी की भी कालाबाजारी होती है. साथ ही उनका कहना है कि रतिया मार्ग का कार्य 21 महीने में पूरा होना था लेकिन वह काम समय पर पूरा नहीं हो पाया हैं, जबकि दिनेश मोहनिया खुद दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष हैं और उनके पास 5000 करोड़ का बजट है.
'इलाके में सिर्फ माफिया पैदा हुए हैं'
पूर्व विधायक रहे चौधरी शीशपाल सिंह का कहना है कि संगम विहार के लोगों के साथ विश्वासघात हुआ है. पिछले 5 सालों में संगम विहार इलाके में कोई कार्य नहीं हुए सिर्फ पानी माफिया और राशन माफिया पैदा हुए हैं. वहीं रतिया मार्ग पर उनका कहना है कि मार्च 2016 से इस मार्ग को बिल्कुल बंद कर दिया गया है. ऐसा कभी नहीं हुआ जब मैं विधायक बना था तो संगम विहार अनऑथराइज्ड कॉलोनी थी उसके बावजूद भी हमने यहां पर कई विकास के कार्य कराए थे.
संगम विहार में 1 लाख 82 हजार मतदाता
अगर बात करें संगम विहार विधानसभा के मतदाताओ के आंकड़ों की तो यहां पर कुल वोटरो की संख्या तकरीबन 1 लाख 82 हजार है. अगर पिछले लोकसभा चुनाव की बात करें तो यहां पर कुल वोट 107653 पड़े थे. जिसमें से बीजेपी के रमेश बिधूड़ी को 53866 वोट मिले. वहीं आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा को 32948 वोट मिले थे और कांग्रेश के विजेंद्र सिंह को 17106 वोट मिले थे.
संगम विहार विधानसभा सीट 2008 में अस्तित्व में आया जिसमें चुनाव के बाद बीजेपी के एससीएल गुप्ता विजय हुए. वहीं 2013 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के दिनेश मोहनिया चुनाव जीतने में कामयाब हुए और फिर दोबारा 2015 में भी आम आदमी पार्टी की लहर में दिनेश मोहनिया यहां से दोबारा चुनाव लडे़ और बड़े अंतर से जीतने में कामयाब रहे.