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दुर्गा पूजा: लोगों ने बनाया बिना प्लास्टिक और थर्माकोल का भव्य पंडाल

दिल्ली के गोविंदपुरी में बंगाली समाज के लोगों ने बिना प्लास्टिक और थर्माकोल के उपयोग के मां दुर्गा के पंडाल का निर्माण किया है.

इको फ्रेंडली पंडाल
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Published : Oct 7, 2019, 9:02 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के गोविंदपुरी में दुर्गा पूजा समिति के द्वारा पंडाल बनाया गया हैं. जिसको आयोजकों द्वारा गोविंदपुरी का सबसे बड़ा और सुंदर पंडाल बताया जा रहा है. दरअसल इस पंडाल का निर्माण बंगाली समाज के साथ दूसरे राज्यों के लोगों एक साथ मिलकर किया है. इस पंडाल में किसी भी प्रकार का प्लास्टिक और थर्माकोल इस्तेमाल नहीं किया गया हैं.

बिना प्लास्टिक और थर्माकोल का बना भव्य पंडाल

प्लास्टिक और थर्माकोल का नहीं किया गया उपयोग
पूजा आयोजकों का कहना है कि वैसे तो हम दुर्गा पूजा पिछले 25 सालों से कर रहे हैं लेकिन इस तरीके से पंडाल बनाकर पिछले 2 सालों से पूजा की जा रही है. इस पूजा समिति में हर राज्य के लोग सम्मिलित हैं. यहां पर जो मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गई है वह बिल्कुल इको फ्रेंडली है. पंडाल में किसी प्रकार का प्लास्टिक और थर्माकोल का इस्तेमाल नहीं किया गया. साथ ही मां की प्रतिमा खासतौर पर बंगाल से आए कारीगरों ने बनाई हैं

'पर्यावरण का रखते हैं ख्याल'
यहां पर जो प्रसाद भक्तों को वितरण किया जा रहा है उसमें भी किसी प्रकार के प्लास्टिक और थर्माकोल के प्लेट का इस्तेमाल नहीं हो रहा है.
उसके लिए खास तौर पर साल के पत्ते के प्लेट का इस्तेमाल हो रहा है जो खासतौर पर कोलकाता से मंगाया गया है. आयोजकों का कहना है कि हम पर्यावरण का ख्याल रखते हैं और न्यायालय के द्वारा आदेशों का पालन करेंगे और बनाए गए कृत्रिम घाटों पर मां दुर्गा के प्रतिमा का विसर्जन कल करेंगे.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के गोविंदपुरी में दुर्गा पूजा समिति के द्वारा पंडाल बनाया गया हैं. जिसको आयोजकों द्वारा गोविंदपुरी का सबसे बड़ा और सुंदर पंडाल बताया जा रहा है. दरअसल इस पंडाल का निर्माण बंगाली समाज के साथ दूसरे राज्यों के लोगों एक साथ मिलकर किया है. इस पंडाल में किसी भी प्रकार का प्लास्टिक और थर्माकोल इस्तेमाल नहीं किया गया हैं.

बिना प्लास्टिक और थर्माकोल का बना भव्य पंडाल

प्लास्टिक और थर्माकोल का नहीं किया गया उपयोग
पूजा आयोजकों का कहना है कि वैसे तो हम दुर्गा पूजा पिछले 25 सालों से कर रहे हैं लेकिन इस तरीके से पंडाल बनाकर पिछले 2 सालों से पूजा की जा रही है. इस पूजा समिति में हर राज्य के लोग सम्मिलित हैं. यहां पर जो मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गई है वह बिल्कुल इको फ्रेंडली है. पंडाल में किसी प्रकार का प्लास्टिक और थर्माकोल का इस्तेमाल नहीं किया गया. साथ ही मां की प्रतिमा खासतौर पर बंगाल से आए कारीगरों ने बनाई हैं

'पर्यावरण का रखते हैं ख्याल'
यहां पर जो प्रसाद भक्तों को वितरण किया जा रहा है उसमें भी किसी प्रकार के प्लास्टिक और थर्माकोल के प्लेट का इस्तेमाल नहीं हो रहा है.
उसके लिए खास तौर पर साल के पत्ते के प्लेट का इस्तेमाल हो रहा है जो खासतौर पर कोलकाता से मंगाया गया है. आयोजकों का कहना है कि हम पर्यावरण का ख्याल रखते हैं और न्यायालय के द्वारा आदेशों का पालन करेंगे और बनाए गए कृत्रिम घाटों पर मां दुर्गा के प्रतिमा का विसर्जन कल करेंगे.

Intro:गोविंदपुरी में गोविंदपुरी दुर्गा पूजा समिति के द्वारा पंडाल बनाया गया हैं जिसको आयोजको द्वारा गोविंदपुरी का सबसे बड़ा और सुंदर बताया जा रहा है दरअसल इस पंडाल का निर्माण बंगाली समाज के साथ अन्य राज्यो के लोगों एक साथ मिलकर किया है इस पंडाल में किसी भी प्रकार के प्लास्टिक और थर्माकोल इस्तेमाल नहीं किया गया हैं आयोजकों का कहना है कि वैसे तो हम 25 सालों से दुर्गा पूजा कर रहे हैं लेकिन इसको बड़े रूप में हम पिछले 2 सालों से कर रहे हैं ।


Body:पूजा आयोजकों का कहना है कि वैसे तो हम दुर्गा पूजा पिछले 25 सालों से कर रहे हैं लेकिन इस तरीके से पंडाल बनाकर पिछले 2 सालों से पूजा किया जा रहा है इस पूजा समिति में हर राज्य के लोग सम्मिलित हैं यहां पर जो मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गई है वह बिल्कुल इको फ्रेंडली है उसमें किसी प्रकार की केमिकल या प्लास्टिक या थर्माकोल का इस्तेमाल नहीं किया गया हैं । पूजा पंडाल को भी बिल्कुल नेचुरल तरीके से बनाया गया है पंडाल में भी किसी प्रकार के प्लास्टिक और थर्माकोल का इस्तेमाल नहीं किया गया मां की प्रतिमा खासतौर पर बंगाल से आए कारीगरों ने बनाया है

यहां पर जो प्रसाद भक्तों को वितरण किया जा रहा है उसमें भी किसी प्रकार के प्लास्टिक और थर्माकोल के प्लेट का इस्तेमाल नहीं हो रहा है उसके लिए खास तौर पर साल के पत्ते के प्लेट का इस्तेमाल हो रहा है जो खासतौर पर कोलकाता से मंगाया गया है आयोजकों का कहना है कि हम पर्यावरण का ख्याल रखते हैं और न्यायालय के द्वारा आदेशों का पालन करेंगे और बनाए गए कृत्रिम घाटों पर मां दुर्गा के प्रतिमा का विसर्जन कल करेंगे ।

बाइट - पूजा आयोजक की




Conclusion:दुर्गा पंडाल में स्थानीय लोगों का उत्साह है और यहां पर आसपास के भक्त पंडाल देखने और मां की प्रतिमा का दर्शन करने के लिए आ रहे हैं और उनको प्रसाद के रूप में मां का भोग खिचड़ी दिया जा रहा है ।
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