नई दिल्ली: कोरोनावायरस के कारण मार्च महीने से ही देशभर के स्कूल बंद है. ऐसे में बच्चे ऑनलाइन क्लास अटेंड कर रहे हैं. जिसकी वजह से बच्चों को घंटों तक कंप्यूटर लैपटॉप या मोबाइल की स्क्रीन के सामने बैठना पड़ता है. हालांकि स्कूल बंद होने के बाद भी बच्चों की पढ़ाई जारी रहने से कुछ पेरेंट्स खुश भी हैं, लेकिन साथ ही उन्हें इस बात की भी चिंता सता रही है कि इसका बच्चों की मानसिक और शारीरिक स्थिति पर गलत असर तो नहीं पड़ रहा है.
आंखों की सेहत के लिए 20-20 मिनट फॉर्मूला
ईटीवी भारत के संवाददाता ने पेरेंट्स की चिंता को इन सभी सवालों को जवाब पाने के लिए लाजपत नगर में स्थित आई7 हॉस्पिटल के डॉक्टर राहिल चौधरी से बातचीत की. डॉक्टर राहिल चौधरी ने बताया कि ज्यादा देर तक मोबाइल फोन या कंप्यूटर स्क्रीन को लगातार देखने से आंखों में खुश्की आ जाती है. इससे बचने के लिए 20-20 का फार्मूला बनाना चाहिए यानी कि हर 20 मिनट के बाद स्क्रीन से नजर हटाए. फिर अपनी आंखों को 20 फीट की दूरी पर रखी चीज को देखें. इससे आंखों को आराम मिलेगा.
लगातार स्क्रीन देखने से आंखों को खतरा
आई स्पेशलिस्ट डॉक्टर राहिल चौधरी ने कहा कि मोबाइल या लैपटॉप पर देर तक पढ़ाई करना आंखों के लिए काफी नुकसानदेह साबित हो सकता है. हर आधे घंटे में आंखों को आराम मिलना चाहिए. देर तक लगाता स्क्रीन देखने से आंखों की मांसपेशियां भी कमजोर और खुश्क हो जाती हैं. इसकी वजह से आंखों में पानी आना शुरू हो जाता है. सिर में दर्द और नजर भी कमजोर पड़ सकती है.
'एंटी ग्लेयर ग्लासेज का इस्तेमाल करें'
छोटी उम्र के बच्चों के लिए ऑनलाइन पढ़ाई ठीक नहीं है. ऑनलाइन क्लास करते समय बेहतर होगा कि एंटी ग्लेयर ग्लासेज का इस्तेमाल किया जाए. उससे स्क्रीन की लाइट का रिफ्लेक्शन कम हो जाएगा. आंखों को कम नुकसान होगा. थोड़ी थोड़ी देर में आंखों को बंद करके आराम दें. बार-बार हाथ न लगाएं, हाथ लगाने से आंखों में इंफेक्शन हो सकता है.
राजू पार्क में रहने वाले शाहनवाज खान अपने बेटा अहद खान और बेटी शाकिया खान को ऑनलाइन पढ़ाई करवा रहे हैं. आजकल ऑनलाइन क्लास चल रही तो उसके सिर में अक्सर दर्द रहने लगा है. डॉक्टर को दिखाया तो पता चला कि उसकी आंखों की मांसपेशियां कमजोर हो गई हैं.उनका ये भी मानना है कि जब से ऑनलाइन क्लास शुरू हुई है. उनका 4 साल का बेटा चिड़चिड़ा हो गया है. कभी-कभी आंखों में दर्द की शिकायत भी करता है.
आंखों के विशेषज्ञ डॉक्टर राहिल कहते है कि इन तमाम बातों को देखते हुए जरूरी है कि अभिभावक ऑनलाइन क्लास के दौरान बच्चों का ध्यान रखें. डॉक्टर की सलाह के मुताबिक एहतियात रखते हुए बच्चों की ऑनलाइन क्लास करवाएं.