नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए दिल्ली सरकार लगातार कर्फ्यू को आगे बढ़ा रही है. अब दिल्ली में सख्ती से पूरे एक सप्ताह कर्फ्यू लागू किया जा रहा है. ऐसा लोगों की लापरवाही को देखते हुए किया गया है. कोरोना के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, साथ ही उचित इलाज समय पर नहीं मिलने की वजह से इससे मरने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ रही है.
इसी बीच दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने इसको लेकर चिंता जाहिर की है. दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन का मानना है कि टेस्ट की संख्या काफी कम कर दी गई है. लक्षणों के आधार पर लोग खुद ही अपने आप को आइसोलेट कर रहे हैं. इसके आंकड़े सरकार के पास नहीं है. इसी तरह से कोरोना से घर पर मरने वाले लोगों की संख्या भी अधिक है, जिसका रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है.
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डीएमए के सचिव और वैक्सीन india.org के फैसिलिटेटर डॉ. अजय गंभीर ने कहा कि कोरोना का नया वेरिएंट ज्यादा खतरनाक है. इससे ज्यादा मौतें हो रही है. उन्होंने कहा कि पूरे भारत में साढ़े तीन लाख से ज्यादा हर रोज नए मामले सामने आ रहे हैं. आशंका व्यक्त की जा रही थी कि अगर कोविड की लहर होगी तो अधिक जनसंख्या होने की वजह से ज्यादा लोग इसकी जद में आएंगे और ऐसा ही हो रहा है.
'सरकारी आंकड़ों से ज्यादा मौतें'
डॉ. अजय ने कहा कि बहुत सारे लोग जिनको हॉस्पिटल में बेड नहीं मिल रहा है. घर पर ही उनकी मौत हो रही है. वे सीधे श्मशान घाट पर भेज दिए जाते हैं और उनका अंतिम संस्कार कर दिया जाता है. इतनी ही संख्या में लोग गुमनाम मर रहे हैं, जिनका रिकॉर्ड सरकारी दफ्तरों में नहीं है. अगर मोटे तौर पर देखा जाए तो हर रोज पूरे देश में 5000 लोगों की कोरोना से मौत हो रही है. अगर यही रफ्तार रही तो कोरोना से मरने वालों की संख्या थोड़ी और बढ़ेगी.
डीएमए सचिव ने भगवान से की प्रार्थना
अजय गंभीर ने कहा कि वह भगवान से प्रार्थना करते हैं कि कोरोना की बढ़ती रफ्तार थम जाए और जिन लोगों की सांसें उखड़ रही है, उन्हें सांसें मिले और इससे ज्यादा मौतें ना हो. हम सभी कोरोना को हराने के लिए काम कर रहे हैं. सभी अथॉरिटी अपने-अपने हिस्से की जिम्मेदारी निभा रही है, तो उम्मीद की जा रही है कि जल्दी ही इसका प्रकोप खत्म होगा.