नई दिल्ली: जिंदगी के साथ भी और जिंदगी के बाद भी यह स्लोगन भले ही किसी संस्था का हो, लेकिन जमीनी हकीकत दिल्ली पुलिस दिखा रही है. ग्रेटर कैलाश में दर्जनों लोगों ने कोरोना संक्रमण के कारण अपनी जान गंवा दी. ऐसे में दिल्ली पुलिस सभी मृतक लोगों के घर जाकर श्रद्धांजलि दे रही है. उनके परिवार को आश्वासन दे रही है कि उन्हें किसी भी तरह की कोई जरूरत पड़े, तो दिल्ली पुलिस को अपना परिवार समझे और किसी भी वक्त मदद के लिए उन्हें फोन कर सकते हैं.
'जिंदगी के साथ भी और जिंदगी के बाद भी' ये स्लोगन साउथ दिल्ली के कैलाश इलाके में देखने को मिला. इस क्षेत्र में किसी ने अपने पिता को खोया, तो किसी ने अपने मां को और किसी ने घर का इकलौता सहारा खो दिया.
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कोरोना संक्रमण के कारण इन सभी घरों में मातम पसरा हुआ है. इनके परिजन, दोस्त या दूर के रिश्तेदार अभी की स्थिति में कोई घर आना नहीं चाहते और न ही आ सकते हैं. ऐसे में इनके दर्द पर मरहम लगाने के लिए ग्रेटर कैलाश थाने के SHO रितेश कुमार अपने सहयोगी टीम एसआई विनोद भाटी, एएसआई मधुसूदन, एएसआई दिनेश पंडित, एएसआई पुरणचंद शर्मा, हेड कॉन्स्टेबल ओमप्रकाश, कॉन्स्टेबल दिग्विजय, कॉन्स्टेबल राज कुमार और कॉन्स्टेबल विनोद के साथ क्षेत्र में जितने भी कोरोना संक्रमित के कारण मौत हुई है, उनके घरों पर जा रहे हैं.
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टीम उनके परिजनों की मौत पर दुख व्यक्त करने के साथ ही सभी परिवारों को आस्वस्त भी कर रहे हैं कि उन्हें किसी भी तरह का कोई दिक्कत हो, जैसे अस्थि विसर्जन के लिए गाड़ियों का पास बनवाना, मृतक लोगों का डेथ सर्टिफिकेट बनवाना हो. इसके अलावा बीमारी को लेकर ऑक्सीजन दवाइयां खाने-पीने के किसी तरह की भी दिक्कत हो, तो वह 24 घंटे उपलब्ध हैं.
इस क्षेत्र का कोई भी सदस्य अपने स्थानीय एसएचओ या उनके स्टाफ को कॉल कर सकता है. दिल्ली पुलिस टीम का यह काफी सराहनीय प्रयास है और जिससे इस क्षेत्र में रह रहे लोगों के मन में आत्मविश्वास जगेगा. क्षेत्र में पहुंची दिल्ली पुलिस की टीम को सभी लोगों ने धन्यवाद किया. इनमें कई घर ऐसे भी थे, जिनके अपनों के खोने के बाद उसका अंतिम संस्कार दिल्ली पुलिस ने ही किया था.
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ऐसे में मौत के बाद भी दिल्ली पुलिस इतना सहारा दे रही है. स्थानीय लोग दिल्ली पुलिस के इस सकारात्मक सहयोग के लिए दिल से धन्यवाद दे रहे हैं. इस मुश्किल परिस्थिति में भी जिस तरह से दिल्ली पुलिस मदद कर रही है. ऐसा लगता है कि मानों यह दिल्ली पुलिस नहीं कोई देवदूत है.