नई दिल्ली: देवली विधानसभा (Deoli Assembly) क्षेत्र के दुर्गा विहार ( Delhi Durga Vihar) में पानी को लेकर स्थानीय सैकड़ों महिलाओं ने दिल्ली सरकार (Delhi Government) और स्थानीय विधायक के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस कॉलोनी में रहने वाले लोग पिछले 18 सालों से रोजाना बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं. Fसके चलते अब सब्र का बांध टूट चुका है. लोगों का कहना है कि पाइपलाइन बिछी है, लेकिन पानी की एक बूंद नहीं है. महिलाओं ने कहा कि स्थानीय विधायक और केजरीवाल सरकार से लगातार लिखित शिकायत करने के बाद भी, आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई.
प्राइवेट टैंकर से पानी पीने को मजबूर
केजरीवाल सरकार दिल्ली के लोगों को "बिजली बिल हाफ और पानी बिल माफ" का वादा कर सत्ता में आई थी और 7 सालों से राज कर रही है. लेकिन अभी तक मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने के नाकाम रही है. देवली विधानसभा क्षेत्र के लोग पिछले 18 सालों से पानी की एक बूंद तक नही पहुंची है. वादा है कि सोनिया विहार की लाइन से कनेक्ट किया जाएगा लेकिन आज तक पाइपलाइन लाइन से एक बूंद पानी नही आया. यहां के लोग प्राइवेट टैंकर के सहारे अपनी गाढ़ी कमाई को लुटाकर पानी पीने को मजबूर हैं. परेशान स्थानीय परवेंद्र का कहना है कि स्थानीय विधायक के देखरेख में यहां पानी का बड़ा माफिया बना हुआ है, जिसके कारण सभी लोगो को जलबोर्ड का पानी नहीं मिलता.
ये भी पढ़ें : Water Crisis in Delhi: बिन पानी कैसे गुजारें दिन...
वोरवेल ही चलवा दें
यहां की महिलाएं सुबह से जलबोर्ड के टैंकर का इंतजार करती हैं और सिर्फ इंतजार ही करती रह जाती हैं. उनका कहना है कि स्थानीय विधायक प्रकाश जाड़वाल से पानी की किल्लत को लेकर लगातार शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. उन्होंने कहा कि जब RTI लगाई जाती है तो उसका असर होता है, एक दिन 1 टैंकर आता है फिर नदारत. हमलोग पिछले 18 - 19 साल से बिना पानी के अपने जीवन को चलाते आ रहे हैं. अगर सप्लाई नही दे पा रहे हैं, कम से कम बोरवेल कराकर ट्यूवेल से पानी की सप्लाय दें, थोड़ी राहत तो मिलेगी.
ये भी पढ़ें : रजोकरी गांव में पानी की समस्या से जूझ रहे लोग, नहीं हो रही सुनवाई
सिर्फ वोट लेने आती हैं सरकारें
महिलाओं का कहना है कि जो प्राइवेट टैंकर से पानी मंगवाते हैं, उसे रिसाइकिल कर प्रयोग करने से मजबूर हैं. उसका भी रेट मौसम और मांग के अनुसार बढ़ता रहता है. अभी गर्मी है तो 1 हजार से 1200 सौ रुपये में पानी मिलता है. दिल्ली सरकार सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें और दावे करती है लेकिन सच्चाई क्या है ये जमीन पर दिखती है. महिलाओं का आरोप है की दिल्ली सरकार सिर्फ वोट लेने के समय यहां पर आती है, वोट लेने के बाद पूरे 5 साल नहीं दिखाई देती.