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INA स्थित बनी झुग्गियों के तोड़ने पहुंचा DDA का बुलडोजर, स्थानीय लोगों ने किया विरोध - झुग्गियों को डीडीए ने शुक्रवार को तहस नहस कर दिया

दिल्ली के आईएनए स्थित विकास सदन के पास पिछले कई सालों से रह रहे लोगों की झुग्गियों को डीडीए ने शुक्रवार को तहस-नहस कर दिया. इस कार्रवाई से नाराज स्थनीय लोगों ने आरोप लगाया कि हमें बिना कोई नोटिस दिए हमारी झुग्गियों पर बुलडोजर चला दिया गया.

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Published : Mar 3, 2023, 7:03 PM IST

INA स्थित बनी झुग्गियों को तोड़ने पर स्थनीय लोगों ने किया DDA का विरोध

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में डीडीए का बुलडोजर थमने का नाम नहीं ले रहा है. राजधानी दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में डीडीए की अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई का सिलसिला जारी है. जहां कुछ दिनों पहले ही दिल्ली के महरौली में डीडीए के बुलडोजर ने लोगों के आशियाने को उजाड़ दिया था, तो वहीं अब दूसरी तरफ दिल्ली के आईएनए स्थित विकास सदन के पास पिछले कई सालों से रह रहे लोगों की झुग्गियों को डीडीए ने तहस-नहस कर दिया. जिसका स्थानीय लोगों ने काफी विरोध भी किया लेकिन डीडीए के अधिकारियों ने उनकी एक न सुनी.

वहीं, डीडीए की कार्रवाई का विरोध कर रही महिलाओं ने बताया कि बिना नोटिस दिए ही डीडीए के अधिकारी अचानक से जेसीबी मशीन लेकर आए. पुलिस फोर्स, पैरामिलिट्री फोर्स भी काफी संख्या में आई और हमारे घरों को तोड़ा जा रहा है. ना हमारे पास कोई नोटिस है ना हमें सूचित किया गया. ऐसे में हमारे बच्चों के एग्जाम चल रहे हैं और हम कहां जाएं. पिछले कई सालों से हम यहां पर रह रहे हैं. आज तक हमें इस तरह से किसी ने नहीं हटाया, लेकिन अचानक से आज डीडीए के अधिकारी हमें यहां से हटाने के लिए आए हैं.

ईटीवी भारत के बात करते हुए झुग्गी में रहने वाली चंपा देवी ने बताया कि उनके माता-पिता भी यहीं रहते थे. वह करीब 50- 60 सालों से यहीं रह रहे हैं. यहां पर 20 से 25 झुग्गियां बनी हुई है और अचानक से डीडीए के अधिकारी और पुलिस वाले आए और हमारी झुग्गियों के ऊपर बुलडोजर चलाना शुरू कर दिया. हमने उनसे इसका कारण भी पूछा, लेकिन किसी ने कोई जवाब नहीं दिया ना ही हमें नोटिस दिया गया. आज अचानक से इस तरह से हमारे घरों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है. अब हम कहां जाएं हमारा यही आशियाना था. हमारे पास और कोई जगह नहीं है. एक तरफ सरकार जहां झुग्गी वहीं मकान की बात करती है तो दूसरी तरफ यहां पर हमारे घरों को तोड़ा जा रहा है.

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वहीं, झुग्गी में रहने वाले जितेंद्र ने बताया कि उनके मामा पिछले कई सालों से यहां रह रहे हैं. आज यहां पर डीडीए के अधिकारी आते हैं और बिना कोई नोटिस दिए हमारी झुग्गियों पर कार्यवाही कर देते हैं. हमारी उनसे मांग है कि इस तरह से हमारी झुग्गियों को ना तोड़ा जाए. हमारे पास यही रहने का सहारा है और हम कहां जाएंगे. हमारे छोटे-छोटे बच्चे हैं अभी उनके बोर्ड के एग्जाम भी चल रहे हैं, ना ही हमें कुछ बताया गया और ना ही हमारे पास दिल्ली में कहीं और जमीन या कोई घर है.

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INA स्थित बनी झुग्गियों को तोड़ने पर स्थनीय लोगों ने किया DDA का विरोध

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में डीडीए का बुलडोजर थमने का नाम नहीं ले रहा है. राजधानी दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में डीडीए की अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई का सिलसिला जारी है. जहां कुछ दिनों पहले ही दिल्ली के महरौली में डीडीए के बुलडोजर ने लोगों के आशियाने को उजाड़ दिया था, तो वहीं अब दूसरी तरफ दिल्ली के आईएनए स्थित विकास सदन के पास पिछले कई सालों से रह रहे लोगों की झुग्गियों को डीडीए ने तहस-नहस कर दिया. जिसका स्थानीय लोगों ने काफी विरोध भी किया लेकिन डीडीए के अधिकारियों ने उनकी एक न सुनी.

वहीं, डीडीए की कार्रवाई का विरोध कर रही महिलाओं ने बताया कि बिना नोटिस दिए ही डीडीए के अधिकारी अचानक से जेसीबी मशीन लेकर आए. पुलिस फोर्स, पैरामिलिट्री फोर्स भी काफी संख्या में आई और हमारे घरों को तोड़ा जा रहा है. ना हमारे पास कोई नोटिस है ना हमें सूचित किया गया. ऐसे में हमारे बच्चों के एग्जाम चल रहे हैं और हम कहां जाएं. पिछले कई सालों से हम यहां पर रह रहे हैं. आज तक हमें इस तरह से किसी ने नहीं हटाया, लेकिन अचानक से आज डीडीए के अधिकारी हमें यहां से हटाने के लिए आए हैं.

ईटीवी भारत के बात करते हुए झुग्गी में रहने वाली चंपा देवी ने बताया कि उनके माता-पिता भी यहीं रहते थे. वह करीब 50- 60 सालों से यहीं रह रहे हैं. यहां पर 20 से 25 झुग्गियां बनी हुई है और अचानक से डीडीए के अधिकारी और पुलिस वाले आए और हमारी झुग्गियों के ऊपर बुलडोजर चलाना शुरू कर दिया. हमने उनसे इसका कारण भी पूछा, लेकिन किसी ने कोई जवाब नहीं दिया ना ही हमें नोटिस दिया गया. आज अचानक से इस तरह से हमारे घरों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है. अब हम कहां जाएं हमारा यही आशियाना था. हमारे पास और कोई जगह नहीं है. एक तरफ सरकार जहां झुग्गी वहीं मकान की बात करती है तो दूसरी तरफ यहां पर हमारे घरों को तोड़ा जा रहा है.

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वहीं, झुग्गी में रहने वाले जितेंद्र ने बताया कि उनके मामा पिछले कई सालों से यहां रह रहे हैं. आज यहां पर डीडीए के अधिकारी आते हैं और बिना कोई नोटिस दिए हमारी झुग्गियों पर कार्यवाही कर देते हैं. हमारी उनसे मांग है कि इस तरह से हमारी झुग्गियों को ना तोड़ा जाए. हमारे पास यही रहने का सहारा है और हम कहां जाएंगे. हमारे छोटे-छोटे बच्चे हैं अभी उनके बोर्ड के एग्जाम भी चल रहे हैं, ना ही हमें कुछ बताया गया और ना ही हमारे पास दिल्ली में कहीं और जमीन या कोई घर है.

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