नई दिल्ली: देशभर में कोरोना की बेलगाम रफ्तार को कम करने के लिए लॉकडाउन लगातार बढ़ाया जा रहा है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने प्रवासी मजदूरों पर चिंता जाहिर करते हुए, इनके लिए मुफ्त राशन, यात्रा और अन्य सुविधाओं को लेकर समय से हलफनामा दाखिल न करने से केंद्र सरकार पर नाराजगी जाहिर की है. इसी कड़ी में ईटीवी भारत की टीम इन प्रवासी मजदूरों के पास पहुंची और इनके हालातों को जाना.
गहराया आजीविका का संकट
दक्षिणी दिल्ली के छतरपुर में प्रवासी मजदूरों ने बताया कि वह यहां किराए के घर में रहकर, जीवन यापन कर रहे हैं. कोरोना के चलते पहले से ही, उनका काम काफी प्रभावित हो रहा था, लेकिन अब लगातार बढ़ रहे लॉकडाउन के कारण कामकाज पूरी तरह बंद है. इससे परिवार का गुजारा करना काफी मुश्किलों से हो रहा है. ये मजदूर मजबूरन दुकानों से उधार लेकर दो वक्त का खाना जुटा रहे हैं.
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नहीं भर पा रहे किराया
इन मजबूर मजदूरों का कहना है कि कामकाज ठप पड़ा है और उस पर घर का किराया और बिजली-पानी का बिल का बोझ भी उनके ऊपर पड़ रहा है. ऐसे में लगातार उन पर संकट गहराता जा रहा है.
इस बार नहीं मिली कोई सरकारी मदद
इन प्रवासी मजदूरों का कहना है कि पिछले लॉकडाउन में सरकार की तरफ से कुछ मदद मिली थी. इसके कारण उन्हें गुजारा करने में थोड़ी राहत मिली थी. इस बार कोई भी सरकारी मदद इन तक नहीं पहुंची है. ऐसे में वह काफी परेशान हैं.
सरकार से लगाई मदद की गुहार
मजदूरों का कहना है कि सरकार कोई योजना बनाए, जिससे मजदूरों के लिए मुफ्त राशन की व्यवस्था कराई जाए और साथ ही घर का किराया भी माफ हो, जिससे आसानी से गुजारा कर सके.