नई दिल्ली: भारत में प्रतिबंध के बावजूद चीनी लोन एप के जाल में हजारों लोग फंस रहे हैं. चीनी लोन एप के जरिये लोगों को अपने जाल फंसाकर जालसाज लाखों रुपए की वसूली कर रहे हैं. बुधवार को साइबर थाना पुलिस ने ऐसे ही एक गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 18 लोगों को गिरफ्तार किया है. ये लोग लोगों को फंसाने के लिए बाकायदा कॉल सेंटर चला रहे थे.
वसंत कुंज में रहने वाले 29 वर्षीय एक युवक ने चीनी लोन एप से दो हजार रुपए का लोन लिया था. इसके बदले उन्हें करीब 60 लाख रुपए चुकाने पड़े. जाल साजों ने पैसे की वसूली के लिए मोबाइल से उनकी फोटो ली और उसके साथ छेड़छाड़ कर उसे सोशल मीडिया में वायरल करने की धमकी दी. इस तरह से दो-तीन महीने के दौरान आरोपियों ने उनसे 60 लाख रुपए वसूल लिये. उन्होंने अपने घर के सारे गहने और संपत्ति गिरवी रख कर जालसाजों को रुपए दिए.
इतने रुपए चुकाने के बाद भी जालसाज उनकी अश्लील फोटो सोशल मीडिया में वायरल कर रहे थे. उसने पुलिस में मामला दर्ज कराया और तीन आरोपी गिरफ्तार किए गए. हालांकि उनके रुपए अभी भी वापस नहीं मिले हैं.
वहीं मजनू का टीला निवासी युवक ने भी ऐप के जरिए सिर्फ पांच हजार रुपए का लोन लिया था. इसके बदले कई हजार रुपए चुकाने के बावजूद जालसाज उसकी अश्लील तस्वीरें वायरल कर उसे ब्लैकमेल कर रहे थे. शिकायत के बाद पुलिस ने 18 लोगों को गिरफ्तार किया.
इस तरह चुराते हैं मोबाइल से पर्सनल डाटा, फिर करते हैं ब्लैकमेल
गिरोह के सदस्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स फेसबुक, इंस्टाग्राम व यू-ट्यूब पर चीनी लोन एप का विज्ञापन देते हैं. इसमें वे एप पर बिना किसी गारंटी व कागजात के दो हजार से लेकर 15 हजार रुपए तक का लोन देने का दावा करते हैं. पीड़ित इनसे लोन के लिए संपर्क करता है तो उसके मोबाइल में एक एप डाउनलोड करवाया जाता है. इस दौरान एप फोटो गैलरी, कॉन्टैक्ट लिस्ट व फोन का दूसरा डाटा प्राप्त करने की अनुमति ले लेता है. इसके बाद एप डाउनलोड हो जाता है और खाते में रकम आ जाती है. कुछ दिन बाद ही लोन वापस करने के नाम पर ज्यादा पैसे मांगकर धमकाया जाने लगता है. पैसे नहीं देने पर पीड़ित के मोबाइल की गैलरी से ली गई फोटो से छेड़छाड़ कर उसे अश्लील बनाकर उसके रिश्तेदारों व परिजनों को भेजने की धमकी दी जाती है. इसके बाद पीड़ित से मोटी रकम वसूली जाती है.
यह भी जानें
- देशभर में लोन देने वाले 1100 से ज्यादा एप हैं. 600 से ज्यादा अवैध एप हैं.
- 15 से 40 प्रतिशत तक ब्याज लेते हैं ये एप
- 1 अप्रैल 2021 से 30 नवंबर 2022 के बीच चाइनीज लोन ऐप्स और उनके रिकवरी एजेंट्स के खिलाफ लगभग 12,907 केस दर्ज
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