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Amity स्कूल की छात्रा ने बनाया जीरो कार्बन उत्सर्जन वाला एग्रो व्हीकल, कृषकों के लिए साबित होगा वरदान - किसानों से संबंधित ताजा खबर

एमिटी इंटरनेशनल स्कूल की छात्रा सुहानी चौहान ने सौर उर्जा से चलने वाला एक अद्वितीय एग्रो व्हीकल "एसओ - एपीटी"’ अग्रणी नवाचार विकसित किया है.यह एग्रो व्हीकल पूरी तरह से सौर ऊर्जा द्वारा संचालित है. शून्य कार्बन उत्सर्जन के कारण पर्यावरण के लिए भी यह बहुत अनुकूल है.

जीरो कार्बन उत्सर्जन वाला एग्रो व्हीकल,
जीरो कार्बन उत्सर्जन वाला एग्रो व्हीकल,
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Published : May 27, 2023, 4:53 PM IST

नई दिल्ली: एमिटी इंटरनेशनल स्कूल पुष्प विहार के कक्षा 12वीं की छात्रा ने पोर्टेबल उपकरणों के साथ सौर उर्जा से चलने वाला एक अद्वितीय एग्रो व्हीकल 'एसओ - एपीटी' विकसित किया है. यह वाहन कृषकों के लिए वरदान साबित होगा. यह किसानों के लिए अत्यधिक लाभकारी है. इसका उपयोग चारा काटने की मशीन, केन्द्रापसारक पंप, रोशनी और मोबाइल चार्जिंग को संचालित करने के लिए किया जा सकता है. 60 किमी की दूरी को कवर करने की क्षमता के साथ, वाहन का उपयोग बीज वुबाई, छिड़काव, सिंचाई, खेतों की जुताई के लिए किया जा सकता है.

जीरो कार्बन उत्सर्जन वाहन: ‘एसओ - एपीटी शून्य कार्बन उत्सर्जन के साथ कृषि उपयोग के लिए एक बहुक्रियाशील और सौर उर्जा संचालित वाहन है. पूरी तरह से सौर उर्जा से संचालित होने के कारण वाहन की दैनिक परिचालन लागत लगभग शून्य हो जाती है. यह वाहन कम कीमत पर उपलब्ध होगा. किसानों के लिए किफायती होगा. सुहानी चौहान ने कहा कि "अपने देश में किसानों की परेशानियों को समझा और इसी ने मुझे इस अनोखे कृषि वाहन का अविष्कार करने के लिए प्रेरित किया"

6 साल तक चल चलेगी बैटरी: देश के लगभग 85 प्रतिशत किसान आर्थिक रूप से कमजोर हैं. यह वाहन उनकी उपज बढ़ाने और उत्पादन लागत को कम करने में सहायक होगा. सुहानी चौहान ने कहा कि जुताई के अलावा जिसमें अधिक मात्रा में उर्जा और शक्ति की आवश्यकता होती है. वाहन कृषि के सभी कार्य करता है. वाहन की बैटरी को 5- 6 वर्षो के बाद बदलने की आवश्यकता होती है. वाहन के शीर्ष पर स्थापित फोटो वोल्टाइक पैनल प्रकाश किरणों को विदयुत उर्जा में परिवर्तित करते हैं, जो वाहन को संचालित करता है. इसलिए वाहन के संचालन में र्कोई इंधन की खपत नहीं होती है. यह स्थायी और स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करता है.

ये भी पढ़ें: Delhi University: भारत विभाजन के दौरान हुई घटनाओं पर डीयू में होगा शोध, केंद्र स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी

प्रगति मैदान में उपकरण प्रदर्शित: सुहानी ने कहा कि जब से प्रोटोटाइप पर काम करना शुरू किया. तब से मुझे अपने शिक्षकों द्वारा लगातार मार्गदर्शन मिलता रहा है. उनके विश्वास के कारण है ही इस नवाचार को बनाने में सफल हुई. 11 से 14 मई के दौरान प्रगति मैदान में आयोजित राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी सप्ताह 2023 के दौरान अग्रणी नवाचार 'एसओ - एपीटी' का प्रदर्शन किया.

ये भी पढ़ें: New Parliament Building: सेंगोल की स्थापना के समय नई संसद में गूंजेगा नादस्वरम, मलाई मंदिर में पूजा शुरू

नई दिल्ली: एमिटी इंटरनेशनल स्कूल पुष्प विहार के कक्षा 12वीं की छात्रा ने पोर्टेबल उपकरणों के साथ सौर उर्जा से चलने वाला एक अद्वितीय एग्रो व्हीकल 'एसओ - एपीटी' विकसित किया है. यह वाहन कृषकों के लिए वरदान साबित होगा. यह किसानों के लिए अत्यधिक लाभकारी है. इसका उपयोग चारा काटने की मशीन, केन्द्रापसारक पंप, रोशनी और मोबाइल चार्जिंग को संचालित करने के लिए किया जा सकता है. 60 किमी की दूरी को कवर करने की क्षमता के साथ, वाहन का उपयोग बीज वुबाई, छिड़काव, सिंचाई, खेतों की जुताई के लिए किया जा सकता है.

जीरो कार्बन उत्सर्जन वाहन: ‘एसओ - एपीटी शून्य कार्बन उत्सर्जन के साथ कृषि उपयोग के लिए एक बहुक्रियाशील और सौर उर्जा संचालित वाहन है. पूरी तरह से सौर उर्जा से संचालित होने के कारण वाहन की दैनिक परिचालन लागत लगभग शून्य हो जाती है. यह वाहन कम कीमत पर उपलब्ध होगा. किसानों के लिए किफायती होगा. सुहानी चौहान ने कहा कि "अपने देश में किसानों की परेशानियों को समझा और इसी ने मुझे इस अनोखे कृषि वाहन का अविष्कार करने के लिए प्रेरित किया"

6 साल तक चल चलेगी बैटरी: देश के लगभग 85 प्रतिशत किसान आर्थिक रूप से कमजोर हैं. यह वाहन उनकी उपज बढ़ाने और उत्पादन लागत को कम करने में सहायक होगा. सुहानी चौहान ने कहा कि जुताई के अलावा जिसमें अधिक मात्रा में उर्जा और शक्ति की आवश्यकता होती है. वाहन कृषि के सभी कार्य करता है. वाहन की बैटरी को 5- 6 वर्षो के बाद बदलने की आवश्यकता होती है. वाहन के शीर्ष पर स्थापित फोटो वोल्टाइक पैनल प्रकाश किरणों को विदयुत उर्जा में परिवर्तित करते हैं, जो वाहन को संचालित करता है. इसलिए वाहन के संचालन में र्कोई इंधन की खपत नहीं होती है. यह स्थायी और स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करता है.

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प्रगति मैदान में उपकरण प्रदर्शित: सुहानी ने कहा कि जब से प्रोटोटाइप पर काम करना शुरू किया. तब से मुझे अपने शिक्षकों द्वारा लगातार मार्गदर्शन मिलता रहा है. उनके विश्वास के कारण है ही इस नवाचार को बनाने में सफल हुई. 11 से 14 मई के दौरान प्रगति मैदान में आयोजित राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी सप्ताह 2023 के दौरान अग्रणी नवाचार 'एसओ - एपीटी' का प्रदर्शन किया.

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