नई दिल्ली: नई दिल्ली नगरपालिका परिषद के अलग-अलग विभागों के 16 कर्मचारी संगठन डिटीएल पे स्केल की मांग को लेकर एक प्लेटफार्म पर आ गए हैं. दिल्ली सरकार के कर्मचारियों को यह स्केल लागू कर दिया गया है, लेकिन एनडीएमसी के कर्मचारी पिछले तीन साल से इस स्केल के लागू होने का इंतजार कर रहे हैं. इस पे-स्केल से संबंधित फ़ाइल गृह मंत्रालय में तीन वर्षों से धूल फांक रही है.
नई दिल्ली नगरपालिका कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधाकर कुमार ने बताया कि परिषद की बैठक में 7 अप्रैल 2016 को डीटीएल स्केल लागू करने का निर्णय लिया गया था. इससे संबंधित फाइल भी गृह मंत्रालय को मंजूरी के लिए भेज दिया गया था. 3 साल बीत जाने के बावजूद अभी तक इस मामले में कोई भी नीतिगत निर्णय नहीं लिया जा सका है. इसकी वजह से कर्मचारियों में काफी रोष है , क्योंकि इन 3 वर्षों से सभी कर्मचारियों को काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है.
डीटीएल पे स्केल की मांग को लेकर 16 यूनियन एक प्लेटफार्म पर
सुधाकर ने बताया कि इस संबंध में परिषद के तमाम कर्मचारी संघ एनडीएमसी के चेयरमैन, गृह मंत्रालय और मुख्यमंत्री को इस मामले में लेटर लेकर उन्हें अवगत कराया है. लेकिन इस मामले में अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जा सका है. फाइलें अभी भी गृह मंत्रालय में ही धूल फांक रही है. इसकी वजह से कर्मचारियों के धैर्य का बांध टूट रहा है. लिहाजा एनडीएमसी के विभिन्न विभागों के जितने भी कर्मचारी संघ और यूनियन हैं, सभी एकजुट होकर इस मामले को पुरजोर तरीके से उठाने के लिए एक साथ एक प्लेटफार्म पर आ गए हैं. इस मुद्दे को लेकर मंगलवार को एनडीएमसी के सभी विभागों के लगभग 16 यूनियन इकट्ठा होंगे और आगे की रणनीति तय की जाएगी.
काली पट्टी बांधकर जताएंगे विरोध
एनडीएमसी के सभी 16 कर्मचारी संगठनों ने तय किया है कि कर्मचारियों को उनका हक डीटीएल स्केल हर हाल में दिला कर रहेंगे. विरोध स्वरूप कर्मचारियों ने अपनी बांह पर काली पट्टी लगाकर काम करने का निर्णय लिया है. इस संबंध में इसकी पूर्व सूचना कर्मचारी संगठन के लोगों ने एनडीएमसी के चेयरमैन धर्मेंद्र से मिलकर दे दी है. साथ ही उनसे आग्रह किया है कि उनकी समस्या को समझते हुए उनकी जो जायज मांग है. डीटीएल स्केल जो 3 साल से पेंडिंग पड़ा हुआ है उसे कर्मचारियों के हित में लागू कर दिया जाए.
हड़ताल कर परिषद के काम में बाधा नहीं डालना चाहते
सभी कर्मचारी यूनियन एक बात पर सहमत हैं कि वह हड़ताल जैसा कदम नहीं उठाएंगे ताकि एनडीएमसी को प्रशासनिक स्तर पर कर्मचारियों की कमी की वजह से रोजाना के कामकाज में परेशानी पैदा हो. वे हर हाल में एनडीएमसी के कामकाज को प्रभावित नहीं होने देना चाहते हैं. जितना वे प्रशासन का ध्यान रख रहे हैं बदले में वे यही उम्मीद प्रशासन से करते हैं कि उनके हर सुख दुख में, उनकी हर समस्या का समय पर निदान करें.